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लंदन कोर्ट ने विजय माल्या को दी प्रत्यर्पण के खिलाफ अपील करने की अनुमति, बोला- गॉड इज ग्रेट

लंदनः भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या को अपने भारत प्रत्यर्पण के खिलाफ अपील करने की इजाजत मिल गई है. यूके की रॉयल कोर्ट ऑफ जस्टिस ने माल्या को अपील की इजाजत दे दी है. बता दें कि विजय माल्या ने अप्रैल में निचली अदालत के इस फैसले के खिलाफ अपील की थी. जिसपर आखिरकार दो […]

लंदनः भगोड़े शराब कारोबारी विजय माल्या को अपने भारत प्रत्यर्पण के खिलाफ अपील करने की इजाजत मिल गई है. यूके की रॉयल कोर्ट ऑफ जस्टिस ने माल्या को अपील की इजाजत दे दी है. बता दें कि विजय माल्या ने अप्रैल में निचली अदालत के इस फैसले के खिलाफ अपील की थी. जिसपर आखिरकार दो जजों की बेंच ने सुनवाई की और उन्हें अपने प्रत्यर्पण के खिलाफ अर्जी देने की अनुमति दे दी. बता दें कि माल्या ने कोर्ट में मौखिक सुनवाई के लिए आवेदन किया था, जिसे सुनने के लिए कोर्ट तैयार हो गया था.

कोर्ट में इस केस की सुनवाई के लिए चार घंटे का समय तय किया था. यदि मौखिक सुनवाई के दौरान कोर्ट माल्या को अपीन करने की इजाजत नहीं देती तो माल्या का जल्द भारत आना तय माना जा रहा था. सुनवाई से पहले ही माल्या इस सुनवाई को लेकर सकारात्मक थे. बता दें कि कुछ महीने पहले ही विजय माल्या को लंदन की कोर्ट (यूके कोर्ट) ने प्रत्यर्पण के खिलाफ दी गई माल्या की अर्जी को खारिज कर दिया था.

गौरतलब है कि बीते फरवरी महीने में ब्रिटेन के गृह मंत्री ने शराब कारोबारी विजय माल्या को भारत प्रत्यर्पित किये जाने का आदेश दिया था. बंद हो चुकी किंगफिशर एयरलाइन के पूर्व प्रमुख माल्या ने सुनवाई से पहले लंदन में रॉयल कोर्ट ऑफ जस्टिस के बाहर मीडिया से कहा कि वह इस सुनवाई को लेकर काफी पॉजिटिव हैं. कहा कि मेरे पास एक अनुभवी कानून सलाहकारों की टीम है, जो मेरे हितों की रक्षा करेगी. सुनवाई के बाद माल्या ने ट्वीट किया, भगवान महान हैं. न्याय हुआ. दो वरिष्ठ न्यायाधीशों वाली इंग्लिश हाई कोर्ट की एक खंडपीठ ने प्रत्यर्पण के खिलाफ अपील करने की अनुमति दे दी. मैंने हमेशा कहा है कि सभी आरोप झूठे हैं.

9000 करोड़ रुपये से ज्यादा के घोटाले और मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में विजय माल्या के प्रत्यर्पण के लिए भारतीय एजेंसियां लंबे समय से प्रयास कर रही थीं. बैंकों का लोन लेकर फरार चल रहे शराब कारोबारी विजय माल्या को पीएमएलए कोर्ट ने पिछले दिनों ही भगोड़ा घोषित किया था. विजय माल्या को भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित करने के लिए प्रवर्तन निदेशालय ने कोर्ट में याचिका दायर की थी. पीएमएलए कोर्ट के बाद माल्या नए कानून के तहत देश का पहला आर्थिक भगोड़ा बन गया.

बता दें कि कोर्ट ने इस फैसले को 26 दिसंबर 2018 को 5 जनवरी 2019 तक के लिए सुरक्षित रखा था. माल्या ने पीएमएलए कोर्ट ने दलील थी कि वह भगोड़ा अपराधी नहीं है और न ही मनी लॉन्ड्रिंग के अपराध में शामिल है.

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