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पुलवामा आतंकी हमला : आतंकी जानते थे कि काफिला गुजरने वाला है, हमले के बाद 42 जवानों के खून से सन गयीं सड़कें

जम्मू-कश्मीर में पुलवामा के लेथपोरा इलाके में आतंकियों के हमले के बाद का दृश्य हर किसी को विचलित कर रहा था. धमाका इतना तेज था कि सेना की गाड़ी के परखचे उड़ गये. कई जवानों ने तो मौके पर ही दम तोड़ दिया. धमाके के बाद सड़क खून से सन गयी. जगह-जगह मलबे और शवों […]

जम्मू-कश्मीर में पुलवामा के लेथपोरा इलाके में आतंकियों के हमले के बाद का दृश्य हर किसी को विचलित कर रहा था. धमाका इतना तेज था कि सेना की गाड़ी के परखचे उड़ गये. कई जवानों ने तो मौके पर ही दम तोड़ दिया. धमाके के बाद सड़क खून से सन गयी. जगह-जगह मलबे और शवों के टुकड़े बिखरे थे. कहीं जवानों के बक्से, तो कहीं जूते पड़े थे.
उड़ी के मास्टरमाइंड मसूद अजहर ने रची साजिश, पुलवामा के आदिल अहमद डार ने दिया घटना को अंजाम
श्रीनगर. सीआरपीएफ के काफिले पर हुए हमले के पीछे पुलवामा के एक स्थानीय आतंकी के शामिल होने की बात सामने आयी है. हमले की जिम्मेदारी लेने वाले आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद की ओर से आतंकी आदिल अहमद डार का फोटो जारी करते हुए इसे हमले के लिए जिम्मेदार बताया गया है. डार पुलवामा का रहने वाला था. बताया जा रहा है कि इस हमले की साजिश उड़ी हमले के मास्टर माइंड मसूद अजहर ने रची है. इस आतंकी हमले के पीछे जैश-ए-मोहम्मद के अफजल गुरु स्क्वॉड का नाम भी सामने आया है.
कई हमलों में शामिल रहा है अफजल गुरु स्क्वॉड
जम्मू-कश्मीर में जैश के अफजल गुरु स्क्वॉड ने इससे पहले भी कई आतंकी वारदातों को अंजाम दिया है. इससे पहले रविवार को अफजल गुरु स्क्वॉड ने श्रीनगर के लालचौक पर हुए आतंकी हमले की भी जिम्मेदारी ली थी. इस आतंकी हमले में सात पुलिस और सीआरपीएफ के सात जवान शहीद हुए थे. इसके अलावा 30-31 दिसंबर 2017 को भी पुलवामा में बीएसएफ के जवानों पर हुए हमले में भी अफजल गुरु स्क्वॉड के शामिल होने की बात कही गयी थी.
ऑपरेशन ऑलआउट : 2014 से अब तक 866 आतंकी मारे गये
2019 में अब तक 28 आतंकी मारे गये हैं. वहीं, 2014 से अब तक 866 आतंकी मारे जा चुके हैं. 2018 में 91 सुरक्षाकर्मी शहीद हुए, जबकि 257 आतंकी मारे गये. 2017 में 213 आतंकी मारे गये थे, जबकि सुरक्षा बल के 80 जवान शहीद हुए थे.
आतंकी जानते थे कि काफिला गुजरने वाला है
इस घटना से अंदाजा लगाया जा सकता है कि आतंकियों को सुरक्षाबलों के काफिले के गुजरने की खबर पहले से थी. इस हमले में एक आतंकी ने एक गाड़ी का इस्तेमाल किया, जिसमें विस्फोटक रखे थे. शहीदों की संख्या से अंदाजा लगाया जा सकता है कि संभवत: उसने उस गाड़ी को निशाना बनाया, जिसमें सबसे ज्यादा जवान सवार थे.
दोपहर बाद 3:30 बजे यह हमला सुरक्षा बलों के एक काफिले पर हुआ, जिसमें 78 गाड़ियां शामिल थीं. इस काफिले में बस, ट्रक और एसयूवी गाडियां थीं. सीआरपीएफ द्वारा जारी बयान के मुताबिक इस आत्मघाती हमले का शिकार 76बीएन सीआरपीएफ की बस हुई, जिसमें 44 जवान सवार थे.
खुफिया एजेंसियों को इस हमले की आशंका थी. सात दिन पहले यानी आठ फरवरी को जारी अलर्ट में साफ कहा था कि कश्मीर में सुरक्षाबलों के डिप्लॉयमेंट और उनके आने-जाने के रास्ते पर आतंकी आइडी से हमला कर सकते हैं. अलर्ट के बावजूद यह हमला सुरक्षा में बड़ी चूक है.
इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान के प्रतिबंधित संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने लेते हुए उस स्थानीय कश्मीरी आतंकी का वीडियो जारी किया, जिसे फिदायीन बताया जा रहा है. आदिल अहमद डार नाम के इस फिदायीन को आतंकी गाजी बता रहे हैं और दावा कर रहे हैं कि हमले में 100 जवान मारे गये हैं.
बताया जाता है कि दिसंबर में जैश-ए-मोहम्मद का कमांडर अब्दुल रशीद गाजी घाटी में दाखिल हुआ था. गाजी अफगानिस्तान में तालिबानियों के साथ लड़ाई लड़ने के साथ-साथ पीओके में जैश के कैंप में चीफ इंस्ट्रक्टर भी रह चुका है.गाजी ने ही इस हमले में शामिल फिदायीन आदिल अहमद डार को ब्लास्ट की ट्रेनिंग दी थी.
कश्मीर में आतंकियों के सफाये से पाकिस्तान में बैठा आतंक का आका मौलाना मसूद अजहर परेशान था. हाल ही में सुरक्षाबलों ने जैश आतंकी उस्मान और तलहा रशीद को मुठभेड़ में मार गिराया था. उस्मान मौलाना मसूद अजहर का भतीजा और तलहा रशीद भांजा था. बताया जा रहा है कि इन दोनों की मौत का बदला लेने के लिए जैश द्वारा सुरक्षा बलों को निशाना बनाने की साजिश थी.
हमले के बाद राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल
ने गृह मंत्रालय के उच्च अधिकारियों के साथ बैठक की और पूरे घटनाक्रम पर नजर बनाए हुए थे.
पुलवामा आतंकी हमले की जांच के लिए राष्ट्रीय
जांच एजेंसी (एनआइए) की 12 सदस्यीय टीम बनायी गयी है. एनआइए की टीम शुक्रवार सुबह विशेष विमान से घाटी पहुंचेगी.

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