बर्लिन : सोशल मीडिया पर बढ़ते दुष्प्रचार से तंग आकर जर्मन सरकार ने अब इस पर कड़ा फैसला लिया है. सोशल मीडिया के जिस प्लेटफॉर्म्स पर फरजी खबरें पायी जायेंगी जो लोगों में नफरत फैलाने या हिंसा फैलाने के उद्देश्य से लिखी गयी हो, उनपर 3 अरब से ज्यादा का जुर्माना लगाया जा सकता है.
सोशल मीडिया को जर्मन सरकार एक बड़ी परेशानी के रूप में देख रही है. उन्होंने माना है कि सोशल मीडिया शिकायतों को गंभीरता से नहीं लेता और शिकायत के बाद भी कार्रवाई करने में वक्त लगाता है. जर्मन के न्याय मंत्री ने कहा, बहुत ही कम आपराधिक टिप्पणियों को हटाया जाता है. सोशल साइट अपने इस्तेमाल करने वाले उपभोक्ताओं की शिकायत को ही गंभीरता से नहीं लेते.
जर्मन के न्याय मंत्री ने कहा, हमें इस पर नियंत्रण के लिए कानून बनाना होगा, उनकी टिप्पणी और कार्रवाई से साफ है कि सरकार सोशल मीडिया पर दबाव बना रही है. हालांकि सरकार ने फेसबुक, ट्विटर को दरकिनार करते हुए यूटूयूब की तारीफ की है उन्होने कहा, इन मामलों में यूट्यूब गंभीरता दिखाता है .
उन्हें कार्रवाई में कम वक्त लगता है . न्याय मंत्री का सोशल मीडिया पर दवाब के पीछे तर्क है कि इनके माध्यम से नफरत फैलाने और लोगों को बांटने की कोशिश हो रही है. यह समाज के लिए बड़ा खतरा है . सोशल मीडिया पर उपलब्ध चीजों पर लोग विश्वास करते हैं. नये कानून के तहत सोशल मीडिया पर कड़ी नजर रखी जायेगी. आपत्तिजनक चीजों को तुरंत हटाने की कोशिश होगी और दोषियों को सजा और जुर्माने का प्रावधान होगा.
