काठमांडो : नये संविधान को लेकर उपजे राजनीतिक संकट का सामाधान करने के लक्ष्य से नेपाल सरकार तीन दिनों के भीतर संसद में संविधान संशोधन प्रस्ताव रखेगी. प्रधानमंत्री प्रचंड मधेशियों सहित विरोध प्रदर्शन कर रही पार्टियों की मांंगों को पूरा करने के लिए एक प्रांत का बटवारा करने को तैयार हैं.
सत्तारुढ दलों, मधेशी फ्रंट और फेडरल एलायंस के बीच आज सुबह त्रिपक्षीय बैठक हुई जिसमें सभी संशोधन प्रस्ताव लाने पर सहमत हुए. मीडिया में आयी खबरोंं के अनुसार, बैठक में यह तय हुआ है कि संसद में एक संशोधन प्रस्ताव रखा जाएगा, जिसके तहत देश के मुख्य कानून में संशोधन कर प्रांतों की सीमाओं, नेशनल एसेम्बली में आनुपातिक प्रतिनिधित्व, नागरिकता और अन्य तकनीकी मुद्दों को शामिल किया जाएगा.
बड़े सत्तारुढ दल सीपीएन (माओवादी सेन्टर) के सचिव बरशामन पुन ने पुष्टि की कि बैठक में यह तय हुआ है कि अगले तीन दिनों में सदन में संशोधन विधेयक लाया जाएगा. उन्होंने कहा, ‘‘बैठक में तय हुआ है कि आपस में हुई वार्ता के आधार पर सरकार संसद में संविधान संशोधन प्रस्ताव लाएगी.