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सर्जिकल स्‍ट्राइक पर पाकिस्तान को नहीं मिल रहा संयुक्त राष्ट्र में सहयोग : अकबरुद्दीन

संयुक्त राष्ट्र : भारत ने कहा है कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में लक्षित हमलों के मामले को संयुक्त राष्ट्र में ले जा रहे पाकिस्तान को वैश्विक संस्था में कोई समर्थन नहीं मिला है और उन्होंने इन दावों को भी खारिज किया कि संघर्षविराम पर नजर रख रहे संयुक्त राष्ट्र मिशन ने नियंत्रण रेखा […]

संयुक्त राष्ट्र : भारत ने कहा है कि पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में लक्षित हमलों के मामले को संयुक्त राष्ट्र में ले जा रहे पाकिस्तान को वैश्विक संस्था में कोई समर्थन नहीं मिला है और उन्होंने इन दावों को भी खारिज किया कि संघर्षविराम पर नजर रख रहे संयुक्त राष्ट्र मिशन ने नियंत्रण रेखा पर ‘सीधे तौर पर’ किसी प्रकार की गोलीबारी प्रत्यक्ष रूप से ‘नहीं देखी है’. संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकवादी ठिकानों पर 29 सितंबर को भारत के लक्षित हमलों का जिक्र करते हुए महासचिव बान की मून के प्रवक्ता स्टीफेन दुजारिक के इन बयानों को खारिज कर दिया कि भारत एवं पाकिस्तान में संयुक्त राष्ट्र के सैन्य निगरानी समूह (यूएनएमओजीआईपी) ने ‘नियंत्रण रेखा के पार ताजा घटनाक्रम संबंधी कोई गोलीबारी सीधे तौर पर नहीं देखी है.’ अकबरुद्दीन ने यहां भारतीय स्थायी मिशन में कल संवाददाताओं से कहा कि किसी के ‘देखने’ या नहीं देखने से असल बात बदल नहीं जाती.

किसी के नहीं स्‍वीकारने से हकीकत नहीं बदलती

भारतीय दूत से जब दुजारिक के बयान पर टिप्पणी करने को कहा गया तो उन्होंने कहा, ‘मेरे पास कहने के लिए कुछ भी नहीं है क्योंकि (दुजारिक) ने जो कहा उसे ‘सीधे तौर पर देखा गया.’ यह उन्हें ही देखना है. मैं उनके दृष्टिकोण से चीजों को नहीं देख सकता और किसी चीज पर सीधे तौर पर नजर नहीं रख सकता.’ अकबरुद्दीन ने कहा कि ‘कोई किसी बात को स्वीकार करता है या नहीं, इससे हकीकत बदल नहीं जाती. वास्तविकता, वास्तविकता होती है, हमने तथ्य सामने रखे.’ दुजारिक से उनके दैनिक संवाददाता सम्मेलन में जब इस बात पर स्पष्टीकरण मांगा गया कि भारत ने कहा है कि उसने लक्षित हमला किया तो यूएनएमओजीआईपी कैसे यह कह सकता है कि उसने कोई गोलीबारी नहीं देखी, तब उन्होंने दोहराया कि यूएनएमओजीआईपी ने ‘सीधे तौर पर कोई गोलीबारी’ नहीं देखी.

हम जिम्‍मेवार देश, हमारी मंशा स्थिति बिगाड़ने की नहीं

अकबरुद्दीन ने कहा, ‘हम एक जिम्मेदार देश हैं. हमारी मंशा स्थिति को और बिगाडने की नहीं है.’ उन्होंने कहा कि एक जिम्मेदार देश के तौर पर भारत दोषियों को सजा नहीं दिए जाने को बर्दाश्त नहीं करेगा. उन्होंने कहा, ‘हम इस बात को लेकर उदासीन नहीं रहेंगे कि क्षेत्र का इस्तेमाल हमारे देश के निर्दोष नागरिकों की हत्या करने के लिए किया जा रहा है.’ उन्होंने साथ ही कहा कि भारत ‘इस प्रयास में पाकिस्तान से भी समर्थन मिलने की उम्मीद करता है.’ अकबरुद्दीन ने कहा, ‘आखिरकार वे इस मामले में द्विपक्षीय समझ को लेकर प्रतिबद्ध हैं.’ भारतीय दूत ने यह भी कहा कि पाकिस्तान ने महासभा में भी कश्मीर मसला उठाया था लेकिन कितने देशों से इसे ‘समर्थन’ दिया? उन्होंने कहा, ‘मेरे हिसाब से किसी ने भी नहीं.’

हमने लक्षित हमला किया, हमारा मकसद पूरा हो गया

अकबरुद्दीन ने दोहराया कि ‘जिम्मेदार देश’ के तौर पर भारत का प्रयास उचित तरीके एवं सोच समझकर जवाब देना और इसके लक्ष्यों को पूरा करना है. उन्होंने कहा, ‘इस मामले में, हमारा मानना है कि हमारे लक्ष्य पूरे हो गये हैं. कौन बात को किस प्रकार से घुमाता है, किसी ने उसे देखा है या नहीं, इस मुद्दे के लिए इसका कोई औचित्य नहीं है. यह हमला किया गया, हमें लगता है कि इससे हमारा मकसद पूरा हो गया, यही देश के तौर पर हमारे लिए महत्वपूर्ण है.’ अकबरुद्दीन से जब पूछा गया कि क्या महासचिव के कार्यालय या सुरक्षा परिषद ने तनाव कम करने के संबंध में भारत से संपर्क किया है, उन्होंने कहा, ‘मैंने (पाकिस्तान के) निवेदन पर कोई प्रतिक्रिया नहीं सुनी.’ उन्होंने कहा कि सामान्य कूटनीतिक परंपरा के अनुसार यदि इस मामले पर उनसे या किसी अन्य भारतीय रायनयिक से कोई अनुरोध किया जाता है तो ‘राजनयिक के तौर पर उस पर प्रतिक्रिया देना हमारा काम है.’

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