नीस : फ्रांस के नीस शहर में बास्तील दिवस के मौके पर आतिशबाजी के दौरान लोगों के बीच एक व्यक्ति द्वारा ट्रक दौड़ा देने की जघन्य घटना में मारे गए लोगों में 10 बच्चे और किशोर शामिल हैं. आतंकवादी विरोधी अभियोजक फ्रांस्वा मोलनिस ने बताया कि इस हमले में 84 लोग मारे गए हैं और 202 घायल हुए हैं.
इससे पहले एक अधिकारी ने कहा कि करीब 50 बच्चों का इलाज चल रहा है. राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद ने इस घटना को ‘आतंकवादी’ हमला करार दिया है. अस्पताल के एक अधिकारी ने बताया कि करीब 50 बच्चों का उपचार चल रहा है जिनमें से कुछ ‘जिदंगी और मौत के बीच जूझ रहे हैं. ‘
एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि ट्रक को रोकने के लिए एक मोटरसाइकिल सवार उसके बगल से चलने लगा और ट्रक का दरवाजा खोलने का प्रयास किया, लेकिन वह अपनी बाइक से नीचे गिर गया और ट्रक के पहियों के नीचे आ गया.
इस हमले में दो अमेरिकी और एक यूक्रेनी नागरिक की भी मौत हुई है. प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार प्रोमेनादे देस एंगलेस इलाके में चल रहे इस समारोह में यह ट्रक करीब दो किलोमीटर (1.3 मील) तक लोगों को कुचलते हुए निकला. इस दौरान हजारों लोग आतंकित होकर घटनास्थल से भागे. ट्रक चालक गोली लगने से मारा गया, लेकिन तब तक बहुत से लोगों की जान जा चुकी थी. अधिकारियों ने आज बताया कि इस समारोह में करीब 30,000 लोग पहुंचे थे.
इस हमले के संदिग्ध की पहचान 31 वर्षीय फ्रांसीसी-ट्यीनीशियन मोहम्मद लाहौएज-बुलेल के रुप में हुई है. पुलिस ने उसके करीब 10-12 पडोसियों से पूछताछ की. ट्रक में उसी का पहचान पत्र मिला है. नीस के जिस इलाके में वह रहता है वहां के उसके पडोसियों ने उसे एकाकी व्यक्ति बताया जो बिरले ही किसी से बात करता था और वह आते-जाते भी किसी के अभिवादन का जवाब नहीं देता था.
* नीस हमले के संदिग्ध की पूर्व पत्नी को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया
इस जघन्य घटना के मामले में संदिग्ध की पूर्व पत्नी को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है. जांच अधिकारी यह पता करने का प्रयास कर रहे हैं कि इस हमले को अंजाम देने वाले 31 वर्षीय संदिग्ध मोहम्मद लाहोएज-बुलेल का क्या मकसद था.
इस बीच, फ्रांस के एक वरिष्ठ अभियोजक ने कहा कि इस संदिग्ध के बारे में खुफिया एजेंसियों को पहले से कोई जानकारी नहीं थी. आतंकवाद विरोधी अभियोजक फ्रांस्वा मोलिंस ने बताया, ‘‘खुफिया एजेंसियों के लिए वह पूरी तरह अनजान था और उसके कभी भी कट्टरंपथी होने का संकेत नहीं मिला था.”
* राष्ट्रपति ओलांद ने तीन दिनों के राष्ट्रीय शोक का ऐलान किया
हमले के बाद फ्रांसीसी राष्ट्रपति ओलांद ने तीन दिनों के राष्ट्रीय शोक का ऐलान किया. जनवरी, 2015 के शार्ली हेब्दो पत्रिका के कार्यालय पर हमले और नवंबर, 2015 में पेरिस में कई स्थानों पर हुए हमले के बाद फ्रांस ने फिर से इस तरह के हमले का दंश का झेला है.
टेलीविजन पर राष्ट्र को संबोधित करते हुए ओलांद ने कहा, ‘‘फ्रांस पर उसके उस राष्ट्रीय दिवस पर हमला किया गया… जो स्वतंत्रता का प्रतीक है.” उन्होंने कहा कि यह हमला ‘‘निर्विवाद रुप से आतंकवादी प्रकृति” का था.
ओलांद ने घोषणा की कि वह इस ताजा हमले के मद्देनजर फ्रांस में आपातकालीन स्थिति की अवधि तीन महीने और बढाएंगे तथा सीरिया एवं इराक में जिहादियों के खिलाफ सरकार की कार्रवाई को ‘‘तेज करेंगे”. उन्होंने सैन्य प्रतिष्ठानों से भी देश की सुरक्षा सेवाओं को मदद देने की अपील की है.
* डेढ़ साल में तीसरा बड़ा हमला
यह हमला फ्रांस में पिछले 18 महीने से भी कम समय में हुआ तीसरा बड़ा आतंकवादी हमला है और अभियोजकों ने बताया कि आतंकवाद रोधी जांचकर्ता घटना की जांच करेंगे. इससे आठ महीने पहले ही पेरिस में नाइटक्लबों में हुए इस्लामिक स्टेट के हमलों में 130 लोगों की मौत हो गई थी जिसके कारण विश्व के शीर्ष पर्यटन स्थलों में शामिल फ्रांस के पर्यटन व्यवसाय को बड़ा झटका लगा था.