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अंतरिक्ष रॉकेट प्रक्षेपण करके उत्तर कोरिया ने फिर भडकाया रोष

सोल : उत्तर कोरिया ने आज कहा कि उसने रॉकेट प्रक्षेपण के जरिए एक उपग्रह को सफलतापूर्वक कक्षा में स्थापित कर दिया है. प्योंगयांग के रॉकेट प्रक्षेपण की निंदा बैलिस्टक मिसाइल के परीक्षण के तौर पर की जा रही है, जिसकी जद में अमेरिका आता है. उत्तर कोरिया ने इस प्रक्षेपण के जरिए संयुक्त राष्ट्र […]

सोल : उत्तर कोरिया ने आज कहा कि उसने रॉकेट प्रक्षेपण के जरिए एक उपग्रह को सफलतापूर्वक कक्षा में स्थापित कर दिया है. प्योंगयांग के रॉकेट प्रक्षेपण की निंदा बैलिस्टक मिसाइल के परीक्षण के तौर पर की जा रही है, जिसकी जद में अमेरिका आता है. उत्तर कोरिया ने इस प्रक्षेपण के जरिए संयुक्त राष्ट्र के प्रस्तावों का उल्लंघन तो किया ही है, साथ ही प्योंगयांग के पिछले माह के परमाणु परीक्षण पर उसे दंडित करने के लिए संघर्ष कर रहे अंतरराष्ट्रीय समुदाय की और अधिक नाराजगी का जोखिम भी उठाया है. उपग्रह ले जा रहे रॉकेट के सफलतापूर्वक कक्षा में प्रवेश करने की तत्काल पुष्टि नहीं की गई थी लेकिन अमेरिका के एक रक्षा अधिकारी ने कहा कि यह प्रक्षेपण वाहन ‘‘अंतरिक्ष में पहुंच चुका प्रतीत होता है.” दक्षिण कोरिया की समाचार एजेंसी योनहाप की ओर से आई एक अपुष्ट खबर के अनुसार, शायद दूसरे चरण में गडबडी हो गई. सरकारी टीवी के एक विशेष प्रसारण में, पारंपरिक कोरियाई परिधान पहनकर आई उत्तर कोरिया की एक प्रस्तोता ने कहा कि इस प्रक्षेपण के जरिए ‘‘पृथ्वी अवलोकन उपग्रह क्वांगम्योंग 4 को सफलतापूर्वक कक्षा में स्थापित कर दिया गया.” इस प्रक्षेपण का आदेश नेता किम जोंग-उन की ओर से निजी तौर पर किया गया था.

प्रस्तोता ने इस बात पर जोर दिया कि यह प्रक्षेपण अंतरिक्ष के ‘‘शांतिपूर्ण एवं स्वतंत्र” उपयोग से जुडे उत्तर कोरिया के अधिकार का वैध इस्तेमाल है. प्रस्तोता ने यह भी कहा कि इसने ‘‘हमारी राष्ट्रीय रक्षा क्षमता को बढावा देने वाली एक उपलब्धि” को भी रेखांकित किया है. प्रस्तोता ने कहा कि उत्तर कोरिया के वैज्ञानिक भविष्य में और अधिक उपग्रहों के प्रक्षेपण पर काम करेंगे. उत्तर कोरिया के इस प्रक्षेपण की तीव्र निंदा की गई है. अमेरिका ने इस प्रक्षेपण को ‘‘अस्थिरताकारक” और भडकाउ बताया है, वहीं जापानी प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने इसे ‘‘पूरी तरह असहनीय” बताया है. न्यू यॉर्क में राजनयिकों ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद आज एक आपात सत्र की बैठक करेगी.

दक्षिण कोरिया की राष्ट्रपति पार्क गुन-हे ने कहा कि परिषद को उत्तर कोरिया के इस कदम के खिलाफ ‘‘कडे दंडात्मक उपायों” के साथ तत्काल कार्रवाई करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि यह कदम वैश्विक शांति और सुरक्षा के लिए बडी चुनौती है. प्रक्षेपण का निरीक्षण करने वाले दक्षिण कोरियाई रक्षा मंत्रालय के अनुसार, पृथ्वी अवलोकन उपग्रह ले जाने वाले रॉकेट ने प्योंगयांग के समयानुसार सुबह लगभग नौ बजे उडान भरी. कक्षा में पहुंचने से पहले की उडान का मार्ग येलो सागर और फिर दक्षिण से फिलीपीन सागर तक को बनाए जाने की योजना थी. दक्षिण कोरिया और जापान दोनों ने ही धमकी दी थी कि यदि यह रॉकेट उनके क्षेत्र में दाखिल हुआ तो वे इसे मार गिराएंगे.

संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के कई प्रस्तावों के जरिए उत्तर कोरिया को इसके बैलिस्टिक मिसाइल कार्यक्रम के विकास को रोकने के लिए कहा गया है. इसके बावजूद प्योंगयांग इसे शांतिपूर्ण अंतरिक्ष अभियान बताते हुए कहता रहा है कि उसके रॉकेट दोहरे प्रयोग की तकनीक से लैस हैं, जिसमें असैन्य और सैन्य दोनों अनुप्रयोग हैं. अमेरिका ने दक्षिण कोरिया और जापान जैसे सहयोगियों के साथ मिलकर प्योंगयांग को चेतावनी दी थी कि यदि वह प्रक्षेपण के मामले में आगे बढता है तो उसे भारी कीमत चुकानी पडेगी. लेकिन विश्लेषकों ने कहा कि उत्तर कोरिया ने इसके लिए ऐसा समय चुना, जब इसके प्रभाव को कम किया जा सके.

अंतरराष्ट्रीय समुदाय उत्तर कोरिया के छह जनवरी के परमाणु परीक्षण पर एक संगठित प्रतिक्रिया देने के लिए संघर्षरत है, ऐसे में इस भडकाउ रॉकेट प्रक्षेपण से सजा में कुछ ज्यादा वृद्धि असंभव लग रही है.

Prabhat Khabar Digital Desk
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