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लित्विनेंको की मौत पर रूस और ब्रिटेन आमने-सामने

लंदन : रूस के एक पूर्व जासूस एलेक्जेंडर लित्विनेंको की हत्या को लेकर जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद ब्रिटेन और रूस के बीच रिश्‍ते तल्ख हो गये हैं. रूस की ओर से जहां इस रिपोर्ट को एक सिरे से ख़ारिज किया है, वहीं ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने कहा है कि जांच रिपोर्ट से […]

लंदन : रूस के एक पूर्व जासूस एलेक्जेंडर लित्विनेंको की हत्या को लेकर जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद ब्रिटेन और रूस के बीच रिश्‍ते तल्ख हो गये हैं. रूस की ओर से जहां इस रिपोर्ट को एक सिरे से ख़ारिज किया है, वहीं ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने कहा है कि जांच रिपोर्ट से इस बात की पुष्टि होती है कि जो ब्रिटेन पहले से इस संबंध में अपनी राय रखता था, वह बिलकुल सही था. यह हत्या सरकार प्रायोजित थी. इस रिपोर्ट को हम ध्यान से पढ़ेंगे और हर एंगल को लेकर हम इसपर चर्चा करेंगे. उन्होंने कहा कि इसमें कोई शक नहीं है कि इस मुद्दे पर हमारा रुख और सख़्त होगा.

आपको बता दें कि ब्रिटिश सरकारी जांच से गुरुवार को खुलासा हुआ कि संभवत: रुसी राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन ने ही पूर्व केजीबी एजेंट एलेक्जेंडर लिटविनेंको की हत्या की अनुमति दी जिनकी नवंबर, 2006 में यहां एक अस्पताल में रेडियोधर्मी विषाक्तता से मौत हो गयी. इस जांच रिपोर्ट के बाद ब्रिटेन एवं रुस के बीच राजनयिक विवाद पैदा हो गया है. रेडियोधर्मी पोलोनियम -210 दिये जाने के कुछ दिन बाद रुसी संघीय सुरक्षा सेवा :एफएसबी: या खुफिया पुलिस के पूर्व एजेंट लिटविनेंको :43: की मौत हो गयी थी. माना जाता है कि उन्हें यह रेडियोधर्मी पदार्थ चाय में मिलाकर दिया गया था. हाईकोर्ट के पूर्व न्यायाधीश रोबर्ट ओवेन की 328 पन्नों की रिपोर्ट का निष्कर्ष है कि लिटविनेंको की मौत का के्रमलिन के शीर्षतम स्तरों से ठोस संबंध है. लिटविनेंको ने यहां के अस्पताल में मौत से पहले स्काटलैंड यार्ड को संकेत दिया था कि रुसी राष्ट्रपति ने ही उनकी मौत का आदेश दिया.

दो रुसियों- एंड्री लुगोवोई और दमित्री कोवटुन पर लिटविनेंको की हत्या का आरोप है. उन्होंने उनकी हत्या से इनकार किया है. जांच में यह खुलासा हुआ कि इस बात की प्रबल संभावना है कि वे रुसी एफएसबी खुफिया सेवा की शह पर काम कर रहे थे. ओवेन ने कहा कि अदालत में रखे गए खुले सबूतों से इस बात का दृढ परिस्थितिजन्य मामला बनता है कि रुस इस हत्या के पीछे था. लेकिन विशाल मात्रा में गोपनीय खुफिया सबूतों समेत सारे सबूतों से वह इस निष्कर्ष पर भी पहुंचे कि लिटविनेंको की हत्या के अभियान को संभवत: (निकोलाई) पातृशेव (2006 में इस सुरक्षा सेवा के प्रमुख) और राष्ट्रपति पुतिन ने भी मंजूरी दी. अपनी हत्या के समय लिटविनेंको ब्रिटिश खुफिया सेवा एम आई 16 और स्पेनिश खुफिया एजेंसी के लिए भी काम कर रहे थे और रुसी संगठित अपराध नेटवर्कों एवं क्रेमलिन के साथ उनके संबंधों के बारे में सूचनाएं पहुंचा रहे थे। वह शीघ्र ही कई सुनवाइयों में अहम गवाह बनने वाले थे. ब्रिटिश प्रधानमंत्री डेविड कैमरन की आधिकारिक प्रवक्ता ने कहा कि डाउनिंग स्टरीट निष्कर्षों को बहुत ही गंभीरता से ले रहा है और प्रधानमंत्री ने उन्हें बहुत ही परेशानी में डालने वाला पाया है.

प्रवक्ता ने कहा, ‘‘यह निष्कर्ष कि इस हत्या के लिए रुस में शीर्षतम स्तर पर मंजूरी दी गयी थी, बहुत ही परेशानी में डालने वाला है. यह किसी भी देश के लिए, चाहे वह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य ही क्यों न हो, बर्ताव का तरीका नहीं है. अफसोस है कि हम या पिछली सरकार जो विश्वास करती थी, ये निष्कर्ष उसी की पुष्टि करते हैं. ‘ उन्होंने कहा कि वर्ष 2007 में रुस के विरुद्ध उठाए गए कदम तो बने हुए हैं और ‘जांच के निष्कर्षों के आलोक में हम इस पर विचार कर रहे हैं कि हमें और क्या कार्रवाई करनी चाहिए. ‘ उधर मास्को में रुसी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मारिया जाखारोवा ने कहा, ‘‘हमें अफसोस है कि एक विशुद्ध आपराधिक मामले का राजनीतिकरण किया गया और द्विपक्षीय संबंधों के माहौल पर काली छाया पडने दी गयी. ‘ उन्होंने कहा, ‘‘हमारे पास यह उम्मीद करने का कोई कारण नहीं था कि राजनीतिक रुप से प्रेरित और बिल्कुल ही गैर पारदर्शी प्रक्रिया, जिसमें पूर्व निर्धारित और जरुरत वाले नतीजे के लिए छेडछाड की गयी, के अंतिम निष्कर्ष अचानक वस्तुनिष्ट और निष्पक्ष हो।’ ब्रिटेन की गृह मंत्री थेरेसा ने इस निष्कर्ष पर आज हाउस ऑफ कामंस में कहा कि यह अंतरराष्ट्रीय कानून का खुला और अस्वीकार्य उल्लंघन है.

उन्होंने कहा, ‘‘यह निष्कर्ष कि संभवत: रुस लिटविनेंको की हत्या में शामिल था, बिल्कुल परेशानी में डालने वाला है.’ उन्होंने कहा कि दो हत्यारों को न्याय के कठघरे में लाने में रुस की निरंतर विफलता अस्वीकार्य है तथा इन दोनों के लिए इंटरपोल नोटिस एवं यूरोपीय गिरफ्तारी वारंट यथावत हैं. लिटविनेंको की विधवा मैरीना ने इस रिपोर्ट के दृढ निष्कर्षों का स्वागत किया और ब्रिटेन से रुस पर प्रतिबंध लगाने की मांग की. लेकिन उन्होंने एक बयान में कहा कि उन्हें संकेत मिला है कि ब्रिटेन कुछ करेगा नहीं. इस हत्या में उपयोग में लाया गया रेडियोधर्मी समस्थानिक पोलोनियम 210 बहुत ही जहरीला है और हत्यारों ने लंदन में कई स्थानों पर उसके अंश छोड दिए थे तब इससे जनस्वास्थ्य का गंभीर खतरा पैदा हो गया था.

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