वॉशिंगटन : विदेश मंत्री जॉन केरी ने कहा कि भारत और अमेरिका ने महासागर वार्ता शुरू करने का फैसला किया है जिसका उद्देश्य महासागरीय अर्थव्यवस्था के सतत विकास को आगे बढाना है. केरी ने कल यहां भारत अमेरिका रणनीतिक एवं वाणिज्यिक वार्ता के समापन पर संवाददाताओं से कहा, ‘हम महासागरीय अर्थव्यवस्था के सतत विकास को आगे बढाने के लिए नयी महासागर वार्ता शुरू कर रहे हैं.’ उन्होंने कहा कि दुनिया के महासागर हर जगह चुनौतीपूर्ण बन रहे हैं. केरी ने कहा कि महासागरों में आश्चर्यजनक रूप से या तो मछलियों की संख्या बहुत अधिक हो रही है या घट रही है और विश्व की मत्स्य संपदा के प्रबंधन के प्रयास के लिए देशों का एक साथ आना आवश्यक है ताकि इस ग्रह में स्वीकार्य प्रक्रियाओं को सतत बनाया जा सके.
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा कि दोनों देशों ने भारत के विदेश सचिव और क्षेत्रीय एवं वैश्विक मुद्दों के लिए अमेरिकी सहायक उप विदेश सचिव के बीच एक नयी उच्च स्तरीय वार्ता शुरू करने का फैसला किया है. उन्होंने कहा ‘हम एनएसजी सहित चार बडी बहुपक्षीय निर्यात नियंत्रण व्यवस्थाओं की भारत की सदस्यता के लिए अमेरिका द्वारा समर्थन दोहराये जाने का स्वागत करते हैं.’ वार्ता के दौरान आईकैन और इससे जुडी संस्थाओं जैसे इंटरनेट संचालन संगठन में बेहतर भागीदारी की भारती की इच्छा के बारे में भी बात हुई.
स्वराज ने कहा ‘हम इस संबंध में इंटरनेट तथा सायबर सुरक्षा पर सहयोग बढाने के लिए एक ट्रैक 1.5 कार्यक्रम चलाने पर सहमत हुए.’ स्वराज ने कहा कि वह और केरी एपेक में भारत की सदस्यता की दिशा में काम करने पर सहमत हुए. उन्होंने कहा ‘केरी के साथ हुई बैठक में सुरक्षा एवं आतंकवाद से मुकाबला समेत आपसी हित, भारत की ‘पूर्वी देशों के साथ जुडने’ की नीति पर भरोसे और एशिया में अमेरिका के पुनर्संतुलन की नीति के मुद्दों पर हमने रणनीतिक प्राथमिकताओं, हितों और चिंताओं पर बात की.’ विदेश विभाग ने कहा कि भारत की पूर्व की ओर देखो की परिष्कृत नीति की तरह अमेरिका ने भारत-प्रशांत आर्थिक गलियारे की परिकल्पना की है जिससे दक्षिण और दक्षिण पूर्व एशिया के फासले को पाटने में मदद मिलेगी जहां भारत और प्रशांत महासागर के दायरे मिलते हैं और जहां सदियों से व्यापार फला-फूला है.