10.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

भारत को एक अहम साझेदार के तौर पर बीजिंग की जरुरत है : चीन

बीजिंग : भारत-चीन संबंधों में बढती गर्माहट दिखाते हुए चीन ने आज कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की भारत यात्रा का द्विपक्षीय संबंधों पर मामूली असर पडेगा. चीन ने जोर देकर कहा कि नयी दिल्ली को एक ‘अहम’ साझेदार के तौर पर बीजिंग की जरुरत है. ओबामा की भारत यात्रा पर अपनी दूसरी टिप्पणी […]

बीजिंग : भारत-चीन संबंधों में बढती गर्माहट दिखाते हुए चीन ने आज कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की भारत यात्रा का द्विपक्षीय संबंधों पर मामूली असर पडेगा. चीन ने जोर देकर कहा कि नयी दिल्ली को एक ‘अहम’ साझेदार के तौर पर बीजिंग की जरुरत है. ओबामा की भारत यात्रा पर अपनी दूसरी टिप्पणी में ‘शिन्हुआ’ न्यूज एजेंसी ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति गणतंत्र दिवस परेड में शिकरत करने वाले सबसे अधिक हाई-प्रोफाइल मेहमानों में से एक हैं लेकिन इस बार उनकी मौजूदगी से चीन-भारत के मजबूत संबंधों पर असर पडने की कोई आशंका नहीं है.

कडे शब्दों में की गई टिप्प्णी में चीन की सरकारी न्यूज एजेंसी ने कहा, ‘ओबामा की मौजूदा भारत यात्रा अमेरिका-भारत संबंधों को आगे बढाने में मददगार साबित हो सकती है, लेकिन इससे यह जमीनी हकीकत शायद ही बदलेगी कि भारत को भी एक अहम सहयोग साझेदार की जरुरत है.’ इससे अलावा, चीन के सरकारी अखबार ‘ग्लोबल टाइम्स’ ने आज कहा कि अमेरिका की एशिया की धुरी रणनीति मुख्यत: चीन के उभार को थामने के लिए तैयार की गई है और उसका समर्थन कर भारत और चीन को प्रतिस्पर्धा के जाल में नहीं फंसना चाहिए.

अखबार की यह टिप्पणी ऐसे समय आई है जब अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा मुख्य अतिथि के रूप में दिल्ली में गणतंत्र दिवस परेड में शामिल हुए हैं. चीन के सरकारी अखबार ने अपनी टिप्पणी में कहा, ‘पश्चिमी मीडिया की अनेक रिपोर्टों में इंगित किया गया है कि ऐतिहासिक जटिलताओं से इतर अमेरिका भारत को साझेदार के रूप में, यहां तक कि सहयोगी के रूप में वाशिंगटन की एशिया की धुरी रणनीति की हिमायत करने के लिए लुभाने के मकसद से ज्यादा प्रयास कर रहा है, जो मुख्यत: चीन के उभार को थामने के लिए तैयार की गई है.’

टिप्पणी में कहा गया है कि भारत की ‘प्रमुख शक्ति बनने की आकांक्षा’ है और उसे अमेरिकी निवेश, प्रौद्योगिकी और राजनीतिक समर्थन की जरुरत है ताकि उसकी ‘लुक ईस्ट’ विदेश नीति चीन के बढते प्रभाव को प्रति-संतुलित करने में बेहतर ढंग से काम करेगी. चीनी अखबार ने कहा कि ‘पश्चिम ने एक निश्चित तरीके का चिंतन पैदा किया और उसे बढा-चढा कर पेश किया जा रहा है जो निहित स्वार्थ से चीनी ड्रेगन और भारतीय हाथी को स्वाभाविक विरोधी मानता है.’

टिप्पणी में कहा गया है, पश्चिम के मजबूत प्रचार अभियान के तहत यह सिद्धांत भारतीय और चीनी दोनों जनमत में उपरी तौर पर एक वास्तविक घटना बन गई है, हालांकि यह चीन से ज्यादा भारत में लोकप्रिय है. दैनिक ने आगाह किया कि पश्चिम भारत को अपने बडे पडोसी की तरफ से पेश खतरों के लिए पूरी तरह तैयार होने के लिए उकसा रहा है और जाल बिछाने की कोशिश की जा रही है. टिप्पणी में हिदायत की गई है कि चीन और भारत विशिष्ट मुद्दों पर बहस रोके और यह दिमाग में रखे कि उनके रिश्ते जीने-मरने का रूप नहीं ले सकते.

लेख में कहा गया है कि भारत और चीन के बीच के साझा हित उनके बीच के विवादों से बहुत बडे हैं. टिप्पणी में कहा गया है, ‘चूंकि दोनों उभरती ताकतें हैं, जिनमें अंतरराष्ट्रीय समुदाय में अहम ताकतें बनने की विशाल क्षमता है, चीन और भारत को होड की बजाय सहयोग में ज्यादा संभावनाएं देखनी चाहिए. यह सहमति द्विपक्षीय रिश्तों के लिए बुनियादी है.’ टिप्पणी में कहा गया है, चीन और भारत हम जीते, तुम हारे (जीरो-सम गेम) नहीं चाहते, लेकिन पश्चिमी प्रभाव में भारत उधर फिसल रहा है. सरकारी दैनिक ने कहा कि हालांकि कुछ विशेष मुद्दों पर दोनों पक्षों में अब भी असहमति है, चीन और भारत दोनों को संपर्क के सबसे बुनियादी और अहम मुद्दे पर सहमत होना चाहिए और सुनिचित करना चाहिए कि वृहद परिप्रेक्ष्य बना रहे.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें