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बान की मून व भारत ने संयुक्त राष्ट्र में की पेशावर हमले की निंदा
संयुक्त राष्ट्र : भारत ने संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान स्कूल पर हुए आतंकी हमले की निंदा की कडी़ है. तालिबानियों द्वारा किए गए इस हमले में 141 लोगों की मौत हो गयी. मरने वालों में ज्यादा संख्या बच्चों की थी. संयुक्त राष्ट्र प्रमुख बान की मून और सुरक्षा परिषद ने इस जघन्य हमले के दोषियों […]
संयुक्त राष्ट्र : भारत ने संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान स्कूल पर हुए आतंकी हमले की निंदा की कडी़ है. तालिबानियों द्वारा किए गए इस हमले में 141 लोगों की मौत हो गयी. मरने वालों में ज्यादा संख्या बच्चों की थी. संयुक्त राष्ट्र प्रमुख बान की मून और सुरक्षा परिषद ने इस जघन्य हमले के दोषियों को न्याय के कटघरे में लाने का आह्वान किया है.
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी उपप्रतिनिधि भगवंत बिश्नोई ने कहा कि पाकिस्तान में मासूम स्कूली बच्चों पर हुए भयानक हमले की भारत संयुक्त राष्ट्र महासचिव और अन्य देशों के साथ कडे़ से कडे़ शब्दों में निंदा करता है.
बिश्नोई ने कल सुरक्षा परिषद में संयुक्त राष्ट्र-अफ्रीकी संघ सहयोग पर खुली बहस के दौरान कहा कि हम न केवल उनकी घृणा बल्कि उनकी दहशत को भी महसूस कर सकते हैं. इस बर्बर हमले में शहीद और घायल हुए मासूम बच्चों के गमजदा परिजनों के प्रति हमारी गहरी संवेदना है.
तालिबान के आत्मघाती हमलावरों ने सेना के स्कूल पर अंधाधुंध गोलियां बरसाई थीं और ग्रेनेड फेंके थे जो कि बच्चों को लक्ष्य कर किए गए जघन्य हमलों में से एक था. आठ घंटे के इस हमले में 133 स्कूली बच्चों सहित 141 लोगों की मृत्यु हो गई और बहुत से अन्य जख्मी हो गए.
संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून के नेतृत्व में विश्व संस्था ने इस जघन्य हमले की कड़ी निंदा करते हुए कहा है कि उनका यह कृत्य दहशत फैलाने वाला है और शिक्षा प्राप्त करने के लिए स्कूल जाने वाले मासूम बच्चों पर की गयी कायरतापूर्ण कार्रवाई है.
ताकतवर सुरक्षा परिषद ने प्रेस के लिए जारी बयान में बच्चों के खिलाफ इस भयानक और वहशी आतंकी हमले की निंदा की.
परिषद के सदस्यों ने बच्चों के खिलाफ आतंकवादियों के कृत्य की निंदा करते हुए यह दोहराया कि तहरीक-ए-तालिबान द्वारा किया गया यह हमला पाकिस्तान के लोगों को मदद पहुंचाने की उनकी मंशा और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में उनकी मुहिम को मजबूती ही प्रदान करेगा.
परिषद ने हमले के लिए जिम्मेदार साजिशकर्ताओं, संगठनों और उनका वित्त पोषण करने वालों को इस घोर निंदनीय आतंकवादी कृत्य के लिए न्याय के कटघरे में लाने की जरुरत को रेखांकित किया.
तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान को उन प्रतिबंधित संगठनों की सूची में शामिल किया गया है जिसमें अलकायदा भी है.
पाकिस्तान सरकार की आतंकवाद और चरमपंथियों के खिलाफ लड़ाई में संयुक्त राष्ट्र के सहयोग को जारी रखने पर जोर देते हुए बान ने हमले के साजिशकर्ताओं को न्याय के कटघरे में लाने का आह्वान किया और कहा कि इस तरह की बर्बरता को न्यायोचित नहीं ठहराया जा सकता.
इस त्रासदी से प्रभावित प्रत्येक व्यक्ति के प्रति सहानुभूति जताते हुए उन्होंने कहा कि शिक्षा पाना हर बच्चे का अधिकार है. स्कूल जाना कोई बहादुरी भरा काम नहीं होना चाहिए.
मानवाधिकारों के लिए संयुक्त राष्ट्र के उच्चायुक्त जाएद राद अल हुसैन के साथ इस विश्व संस्था के वरिष्ठ अधिकारियों ने मासूम बच्चों पर निर्मम और नृशंस हमले की निंदा करते हुए बान के बयान को दोहराया.
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