दुमका : झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन के बाद अब कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष सुखदेव भगत ने भी कह दिया है कि कांग्रेस राज्य के सभी सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है. मंगलवार देर शाम दुमका पहुंचने तथा कार्यकर्ताओं की भावना से अवगत होने के बाद पार्टी की बैठक में प्रदेश अध्यक्ष श्री भगत ने कहा कि गंठबंधन कांग्रेस की मजबूरी नहीं है.
कांग्रेस झारखंड के सभी 81 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी में है. तीन दिवसीय संताल परगना दौरे में निकले श्री भगत ने कार्यकर्ताओं में जोश भरने का काम किया. पूर्व सांसद फुरकान अंसारी ने कहा कि संताल परगना कांग्रेस का गढ़ रहा है. कार्यकर्ताओं से उन्होंने बूथ पर जाकर तैयारी करने का आह्वान किया.
बैठक को संबोधित करते हुए मणिशंकर ने कहा कि कांग्रेस के पास इतनी ताकत है कि गंठबंधन के लिए हमें मोहताज होने की जरूरत नहीं. उन्होंने कहा कि समुद्र नदी में जाकर नहीं मिलता, नदियां समुद्र में जाकर मिलती हैं. प्रवक्ता राजेश ठाकुर, आलोक कुमार दूबे, पूर्व विधायक देवेंद्र कुंवर, बादल पत्रलेख, जिलाध्यक्ष श्यामल सिंह, महेश राम, बादल पत्रलेख, चंद्रशेखर यादव आदि ने संबोधित किया.
* संताल के सभी सीटों से प्रत्याशी देने की मांग
जिलाध्यक्ष श्यामल किशोर सिंह ने संताल परगना के सभी 18 सीटों पर प्रत्याशी देने की मांग प्रदेश अध्यक्ष से की. कार्यक्रम में गोपाल सिंह, शिवनारायण सिंह, बलाय चंद्र लायक, शमशाद अंसारी, पिंटू अंसारी, प्रभाकर मिश्रा, बलमुकुंद यादव, जूली हेंब्रम, ज्योतिष बास्की, हाबिल मुर्मू, भूदेव मांझी, मोहन मुर्मू, शहरोज शेख, मिताली सिंह, संतोष सिंह, छवि दास, छवि बागची सहित तीनों विस क्षेत्र के कार्यकर्ता मौजूद थे.
* हमारी भी भावना, सभी 81 सीटों पर लड़ें चुनाव : सीएम
दुमका. मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने दुमका में प्रेस से कहा है कि अभी उनकी सरकार संताल परगना कास्तकारी कानून में बदलाव को लेकर कोई विचार नहीं कर रही है. इस विषय पर कोई व्यक्तिगत विचार हो भी नहीं सकता. इसके लिए जनजातीय परामर्शदातृ समिति (टीएसी) आयोग बना हुआ है. जो विषय आयोग में आते हैं, उस विषय पर चरचा होती है. सीएनटी की तरह यह विषय आयेगा, तो चरचा होगी. गंठबंधन के सवाल पर सीएम ने कहा कि पार्टी कोई व्यक्तिगत विचारों से नहीं चलती.
कार्यकर्ता की भावना और राज्यहित देखना पड़ता है. आज सभी दल स्वतंत्र लड़ने की इच्छा जाहिर कर रहे हैं. हमारी भी भावना है कि सभी 81 सीटों पर लड़ें. लेकिन हम गंठबंधन में है. गंठबंधन के साथियों से भी चरचा होगी. राज्यहित में जो बेहतर होगा, वही हम करेंगे. इसके लिए अभी बहुत वक्त है.