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बांग्लादेशी घुसपैठियों पर सरकार और बीजेपी के आंकड़े अलग

<figure> <img alt="नागरिकता क़ानून के खिलाफ प्रदर्शन" src="https://c.files.bbci.co.uk/04E1/production/_110794210_1548bdf8-f9e2-4fcc-935a-c88bcb5d1eca.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><p>पश्चिम बंगाल के बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष का दावा है कि भारत में कुल दो करोड़ मुसलमान घुसपैठिए मौजूद हैं जिसमें से एक करोड़ पश्चिम बंगाल में ही हैं. </p><p>लेकिन ये आंकड़े संसद में पेश केन्द्र सरकार के आंकड़ों से बिलकुल […]

<figure> <img alt="नागरिकता क़ानून के खिलाफ प्रदर्शन" src="https://c.files.bbci.co.uk/04E1/production/_110794210_1548bdf8-f9e2-4fcc-935a-c88bcb5d1eca.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><p>पश्चिम बंगाल के बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष का दावा है कि भारत में कुल दो करोड़ मुसलमान घुसपैठिए मौजूद हैं जिसमें से एक करोड़ पश्चिम बंगाल में ही हैं. </p><p>लेकिन ये आंकड़े संसद में पेश केन्द्र सरकार के आंकड़ों से बिलकुल मेल नहीं खाते. </p><p>भारत सरकार से इस बारे में बुधवार को राज्यसभा में सवाल पूछा गया. भाजपा के उत्तर प्रदेश से सांसद अनिल अग्रवाल ने लिखित सवालों की श्रेणी में ये सवाल पूछा. </p><p>उनका सवाल था कि क्या देश में बांग्लादेशी और नेपाली लोगों समेत अवैध अप्रवासियों की संख्या में वृद्धि हुई है? यदि हां, तो बीते तीन वर्षों के दौरान देश में निर्धारित अवधि से अधिक समय तक या अवैध रूप से रहने वाले अप्रवासियों की राज्यवार और राष्ट्रीयतावार संख्या कितनी है? </p><p>इस सवाल का जवाब गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने दिया. उन्होंने अपने जवाब में कहा पिछले तीन साल में ग़ैर-क़ानूनी तरीक़े से भारत में रह रहे बांग्लादेशियों की संख्या भारत में तक़रीबन 1 लाख 10 हज़ार है. ये ऐसे बांग्लादेशी हैं जो आए तो थे भारत में वीज़ा लेकर, लेकिन वीज़ा की तारीख़ निकल जाने के बाद भी भारत में अवैध तरीक़े से रह रहे थे. </p><p>सरकार ने ये भी कहा, &quot;अवैध अप्रवासी चोरी-छिपे और छलपूर्वक बिना किसी वैध यात्रा दस्तावेज़ के देश में प्रवेश कर जाते हैं. बांग्‍लादेशी नागरिकों सहित अवैध रूप से रह रहे इस प्रकार के विदेशियों का पता लगाना, उन्‍हें निरुद्ध (डिटेन) करना और निर्वासित करना एक सतत प्रक्रिया है. चूंकि, ऐसे अवैध प्रवासी देश में चोरी-छिपे और छलपूर्वक प्रवेश करते हैं, इसलिए देश के विभिन्‍न भागों में रह रहे ऐसे बांग्‍लादेशी नागरिकों के सटीक आंकड़े एकत्र करना संभव नहीं है. लेकिन उपलब्ध सीमित आंकड़ों के मुताबिक़ ये संख्या 1 लाख 10 हज़ार है.&quot;</p><p>हालांकि बीबीसी हिंदी से हुई एक ख़ास बातचीत में पिछले सप्ताह ही पश्चिम बंगाल के भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि भारत में कुल दो करोड़ मुसलमान घुसपैठिए मौजूद हैं जिसमें से एक करोड़ पश्चिम बंगाल में ही हैं. </p><p>उनके मुताबिक़, &quot;ये सभी दो करोड़ लोग बांग्लादेश से भारत आए हैं जिनकी आधी आबादी अकेले पश्चिम बंगाल में है जबकि बाकी आबादी पूरे देश में है. हालांकि उन्होंने ये नहीं बताया कि उनके इस दावे का आधार क्या है.&quot; </p> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-51081127?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">PM मोदी ने जानबूझकर बांग्लादेश का नाम नहीं लिया?</a></li> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-51381439?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">’लव जिहाद की कोई तय परिभाषा नहीं'</a></li> </ul><figure> <img alt="पश्चिम बंगाल के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष" src="https://c.files.bbci.co.uk/90A5/production/_110792073_50a5d2c4-bc31-4d4c-b76e-2f9a72a6c0d9.jpg" height="549" width="976" /> <footer>BBC</footer> </figure><p>सरकार ने संसद में लिखित जवाब में ये भी बताया है तकरीबन चार हज़ार ऐसे बांग्लादेशी भी भारत में हैं जो घुसते हुए पाए गए, जो बिना किसी सरकारी दस्तावेज़ के भारत में घुसने की फ़िराक़ में थे. सरकार के मुताबिक़ ऐसे लोगों को भारत-बांग्लादेश की सीमा पर पकड़ कर बांग्लादेश सरकार के हवाले कर दिया गया. </p><p>सरकार का जवाब और पश्चिम बंगाल के बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष का बयान परस्पर मेल नहीं खाते. </p><p>संसद में सरकार का बयान इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि केंद्र सरकार के नागरिकता संशोधन अधिनियम क़ानून बनाए जाने और उसके बाद से जारी विरोध प्रदर्शनों के बीच बांग्लादेश के दो केंद्रीय मंत्रियों ने अपने दौरे रद्द कर दिए थे और तब से दोनों देशों के आपसी संबंधों में खटास भी आई है. </p> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-51292904?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">दिलीप घोष: बंगाल में एक करोड़, देश में दो करोड़ घुसपैठिए</a></li> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/social-51235365?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">कैलाश विजयवर्गीय ने पोहा पर असल में क्या कहा?</a></li> </ul><p>केंद्र सरकार के कई आला मंत्रियों के अलावा बड़े नेता लगातार ‘बांग्लादेश से आने वाले घुसपैठियों’ जैसे बयान भी देते रहे हैं.</p><p>नागरिकता संशोधन क़ानून में पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफ़ग़ानिस्तान से 31 दिसंबर, 2014 के पहले आए अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने की बात है.</p><figure> <img alt="बेघर शरणार्थी" src="https://c.files.bbci.co.uk/12AAB/production/_110795467_2bd3552a-e165-478b-a903-bda5ceb0b3bc.jpg" height="549" width="976" /> <footer>BBC</footer> </figure><p><a href="https://rajyasabha.nic.in/rsnew/Questions/Search_minwise.aspx">राज्यसभा में गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय </a>ने लिखित जवाब में 2017, 2018, 2019 तक के आंकड़े पेश किए. </p><p>सरकारी आंकड़ों के मुताबिक़, साल 2017 में भारत में वैध तरीक़े से आने वाले और वीज़ा ख़त्म होने के बाद भी रहने वालों की संख्या तक़रीबन 26 हज़ार थी. </p><p>साल 2018 में ऐसे बांग्लादेशियों की संख्या बढ़कर 50 हज़ार हो गई थी. और साल 2019 में ये संख्या घटकर तकरीबन 35 हज़ार रह गई. </p><p>नित्यानंद राय ने ये भी बताया की बांग्लादेश से अवैध तरीक़े से भारत में घुसने वाले अप्रवासियों की तादाद भी लगातार बढ़ती जा रही है. </p><p>इसमें से सबसे ज़्यादा मामले पश्चिम बंगाल में हुए हैं. 2017 में भारत-बांग्लादेश की सीमा पर 1175 लोग पकड़े गए थे. 2018 में 1118 और साल 2019 में 1351 लोग पकड़े गए थे. </p><p>82 फ़ीसदी लोग पश्चिम बंगाल के बॉर्डर पर पकड़े गए. ग़ौरतलब है कि असम, मेघालय, मिज़ोरम, त्रिपुरा में ही ऐसे लोगों को भारत सरकार ने पकड़ा है. </p><p>नागरिकता संशोधन क़ानून पर संसद में चर्चा के दौरान गृह मंत्री<a href="https://www.youtube.com/watch?v=IL8i4XiLEkc"> अमित शाह ने कहा</a>, &quot;आज के बांग्लादेश के अंदर लगभग 20 प्रतिशत अल्पसंख्यकों की आबादी में कटौती हुई है. कहां गए ये लोग? या तो वो मार दिए गए या धर्म परिवर्तन हो गया या तो शरणार्थी बन कर अपने धर्म और सम्मान को बचाने के लिए वो भारत में आए.&quot;</p><p><strong>(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप यहां </strong><a href="https://play.google.com/store/apps/details?id=uk.co.bbc.hindi">क्लिक</a><strong> कर सकते हैं. आप हमें </strong><a href="https://www.facebook.com/bbchindi">फ़ेसबुक</a><strong>, </strong><a href="https://twitter.com/BBCHindi">ट्विटर</a><strong>, </strong><a href="https://www.instagram.com/bbchindi/">इंस्टाग्राम</a><strong> और </strong><a href="https://www.youtube.com/bbchindi/">यूट्यूब</a><strong> पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)</strong></p>

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