<figure> <img alt="ट्विटर" src="https://c.files.bbci.co.uk/E868/production/_110769495_fdeebb04-559d-420b-b682-4f54765468e8.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><p>सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म ट्विटर ने अपने कुछ यूज़र्स के फ़ोन नंबर सरकारों की ओर से काम करने वाले हैकरों के हाथ लगने की आशंका जताई है.</p><p>यह सब ट्विटर के एंड्रॉयड ऐप्लीकेशन की एक ख़ामी के कारण हुआ और इसके लिए ट्विटर ने माफ़ी भी मांगी है.</p><p>एक सिक्योरिटी रिसर्चर ने ट्विटर के उस फ़ीचर में एक ख़ामी पाई थी जिसके ज़रिये यूज़र अपने फ़ोन पर मौजूद कॉन्टैक्ट्स को ट्विटर पर अपलोड कर सकते हैं.</p><p>दिसंबर में इस सिक्योरिटी रिसर्चर को इसी ख़ामी के ज़रिये कुछ वरिष्ठ राजनेताओं और हस्तियों के फ़ोन नंबर मिल गए थे.</p><p>ट्विटर ने कहा कि बीते साल दिसंबर के आसपास उसे ईरान, इसराइल और मलेशिया से इस फ़ीचर के इस्तेमाल के लिए बहुत अधिक संख्या में रिक्वेस्ट आ रहे थे.</p><p>इस संबंध में ट्विटर ने अपने ब्लॉग में जानकारी तो दी है, मगर यह बताने से इनकार कर दिया है कि कितने यूज़र्स के फ़ोन नंबर हैकरों के हाथ लगे होंगे.</p><figure> <img alt="ट्विटर" src="https://c.files.bbci.co.uk/122B1/production/_110771447_180f2680-89ff-4c6d-a61a-4118f9e5c2e9.jpg" height="549" width="976" /> <footer>PA Media</footer> </figure><h3>क्या कहा ट्विटर ने</h3><p>ट्विटर ने इस फ़ीचर ख़ामी का ग़लत ढंग से फ़ायदा उठाए जाने को लेकर अपने ब्लॉग पर लिखा है, "ऐसा संभव है कि कुछ आईपी अड्रेस का संबंध सरकार समर्थित तत्वों से हों. हम इस सब को अति सावधानी बरतते हुए और सैद्धांतिक आधार पर सार्वजनिक कर रहे हैं."</p><p>ट्विटर ने इस बारे में अधिक जानकारी नहीं दी है कि उसे ऐसा क्यों लगता है कि इस हमले के पीछे सरकारें हो सकती हैं. </p><p>मगर सुराग़ इस बात से लिया जा सकता है कि ईरान में भले ही ट्विटर पर बैन लगा है, मगर फिर भी वहां से यूज़र्स इसे इस्तेमाल करते हैं.</p><p>इसराइल और ईरान हैकिंग की दुनिया के बड़े खिलाड़ी हैं. अमरीकी थिंक टैंक कॉर्नेगी एंडोमेंट के लिए काम करने वाले करीम ने <a href="https://www.bbc.com/hindi/science-45428088?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">बीबीसी को बताया था</a> कि इसराइल साइबर ताक़त के मामले में अमरीका, रूस और चीन के साथ पहले पायदान पर आता है. </p><p>इसके बाद यूरोपीय देशों के साइबर बैकर आते हैं और ईरान तीसरे दर्जे की साइबर पावर है.</p><p>बीबीसी की रेडियो सिरीज़ ‘द इन्क्वायरी’ के अनुसार ईरान के पास रूस जैसी ताक़त वाली साइबर सेना तो नहीं है, मगर वहां के हैकर ट्विटर जैसे सोशल मीडिया को परेशान करने का माद्दा ज़रूर रखते हैं.</p><p>जानकार बताते हैं कि ईरान की साइबर सेना को वहां के मशहूर रिवॉल्यूशनरी गार्ड्स चलाते हैं.</p> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/science-45428088?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">किस देश के पास है हैकर्स की सबसे बड़ी सेना?</a></li> </ul> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/science-50624204?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">क़ानूनी तरीक़े से लाखों डॉलर कैसे कमा रहे हैं भारतीय हैकर्स</a></li> </ul><figure> <img alt="हैकर" src="https://c.files.bbci.co.uk/170D1/production/_110771449_3ffbee8f-1cc5-41e9-9760-f16d22427c61.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><h1>कैसे ख़तरे में आए यूज़र</h1><p>दिसंबर में टेकक्रंच ने बताया था कि सिक्यॉरिटी रिसर्चर इब्राहिम बालिक ने 1 करोड़ 70 लाख फ़ोन नंबरों को कुछ विशेष ट्विटर यूज़र्स के अकाउंट से मैच किया था.</p><p>उन्होंने यह सब ट्विटर के एंड्रॉयड ऐप में मौजूद कॉन्टैक्ट्स फ़ीचर की एक खामी का फ़ायदा उठाते हुए किया था.</p><p>इस फ़ीचर के माध्यम से यूज़र ट्विटर पर मौजूद उन लोगों से संपर्क कर सकते हैं जिनका नंबर उनके पास है.</p><p>इब्राहिम बालिक ने अपने आप 2 अरब से अधिक फ़र्ज़ी फ़ोन नंबर बनाए और उन्हें ऐप के माध्यम से ट्विटर पर अपलोड कर दिया. </p><p>दो महीने के समय में इसराइल, तुर्की, ईरान, ग्रीस, आरमेनिया, फ्रांस और जर्मनी के यूज़र्स के नंबरों से ये फ़र्ज़ी नंबर मैच हो गए.</p> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/international-50444682?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">भारत के फ़ाइनेंशियल सिस्टम को हैकरों से कितना ख़तरा है?</a></li> </ul> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/science-44909345?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">फ़ोन हैक कर लूटने वालों का आतंक, कैसे बचें </a></li> </ul><figure> <img alt="हैकर" src="https://c.files.bbci.co.uk/3C39/production/_110771451_938474d3-9722-4eea-8971-3fc9843d5bfa.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><p>उन्होंने इस ख़ामी के बारे में ट्विटर को नहीं बताया बल्कि कुछ हाई प्रोफ़ाइल ट्विटर यूज़र्स, जिनमें राजनेता और अधिकारी शामिल थे, को एक व्हाट्सऐप ग्रुप में शामिल कर लिया और सीधे उन्हें बताया कि कैसे उन्हें यह नंबर मिला.</p><p>बीते ही साल दिसंबर के आख़िर तक ट्विटर ने इस ख़ामी को दुरुस्त कर लिया था.</p><p>एक ब्लॉग पोस्ट में ट्विटर ने लिखा है कि उसने अपने इस फ़ीचर में ऐसे बदलाव किए हैं ताकि सर्च करने पर किसी अकाउंट का नाम न दिखे.</p><p>ट्विटर ने लिखा है, "जो हुआ, उसके लिए हमें खेद है."</p><p><strong>(बीबीसी हिन्दी के 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ट्विटर से यूज़र्स के नंबर चोरी, ईरान समेत तीन देशों पर शक़
<figure> <img alt="ट्विटर" src="https://c.files.bbci.co.uk/E868/production/_110769495_fdeebb04-559d-420b-b682-4f54765468e8.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><p>सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म ट्विटर ने अपने कुछ यूज़र्स के फ़ोन नंबर सरकारों की ओर से काम करने वाले हैकरों के हाथ लगने की आशंका जताई है.</p><p>यह सब ट्विटर के एंड्रॉयड ऐप्लीकेशन की एक ख़ामी के कारण हुआ और इसके लिए ट्विटर ने माफ़ी भी मांगी है.</p><p>एक […]
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