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चीन ने कहा- कोरोना को लेकर डर फैला रहा है अमरीका

<figure> <img alt="कोरोना" src="https://c.files.bbci.co.uk/127CD/production/_110752757_df74005f-a2e7-47aa-8fa4-a28fb8be8d94.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><p>चीन ने आरोप लगाया है कि अमरीका कोरोना वायरस को लेकर अफ़रा-तफ़री का माहौल बना रहा है.</p><p>अमरीका ने कोरोना वायरस के प्रसार को देखते हुए पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी का ऐलान कर दिया है. अमरीका ने ये भी कहा है कि पिछले दो सप्ताह में जिन विदेशी […]

<figure> <img alt="कोरोना" src="https://c.files.bbci.co.uk/127CD/production/_110752757_df74005f-a2e7-47aa-8fa4-a28fb8be8d94.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><p>चीन ने आरोप लगाया है कि अमरीका कोरोना वायरस को लेकर अफ़रा-तफ़री का माहौल बना रहा है.</p><p>अमरीका ने कोरोना वायरस के प्रसार को देखते हुए पब्लिक हेल्थ इमरजेंसी का ऐलान कर दिया है. अमरीका ने ये भी कहा है कि पिछले दो सप्ताह में जिन विदेशी लोगों ने चीन का दौरा किया है, उन्हें अमरीका में नहीं आने दिया जाएगा.</p><p>चीन की ताज़ा प्रतिक्रिया अमरीका के इन फ़ैसलों के बाद आई है.</p><p>चीन में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों के 17 हज़ार मामले सामने आए हैं. अभी तक 361 लोग सिर्फ़ चीन में मारे गए हैं.</p><p>चीन से बाहर भी कोरोना वायरस से पीड़ित लोगों के 150 मामले सामने आए हैं जबकि फिलीपिंस में एक व्यक्ति की मौत हो गई है.</p><h1>चीन ने क्या कहा है</h1><p>एक प्रेस कॉन्फ़्रेंस में चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा कि अमरीका के फ़ैसले से डर का माहौल पैदा होगा.</p><p>चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने कहा कि अमरीका को मदद करनी चाहिए, लेकिन इसके बदले वो डर फैला रहा है.</p><figure> <img alt="चीन" src="https://c.files.bbci.co.uk/721F/production/_110751292_191f80b9-d199-4666-97d8-ab151ec35748.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><p>चुनयिंग ने कहा कि अमरीका पहला देश था, जिसने चीनी पर्यटकों के आने पर पाबंदी लगाई और अपने दूतावास के कुछ कर्मचारियों को वापस बुलाने की बात कही.</p><p>उन्होंने कहा कि अमरीका जैसे विकसित देशों के पास ऐसी स्थिति को फैलने से रोकने की क्षमता है, जबकि उसने विश्व स्वास्थ्य संगठन की सिफ़ारिशों से अलग ज़्यादा रोक लगाने की पहल की है.</p><p>अमरीका की ओर से पाबंदी के बाद ऑस्ट्रेलिया जैसे कुछ देशों ने भी अपने यहाँ चीन से आने वाले लोगों पर कुछ पाबंदियाँ लगाई हैं.</p><p>हॉन्गकॉन्ग ने भी कहा है कि वो चीन की सीमा से लगी 13 में से 10 सीमाओं को फ़िलहाल बंद कर रहा है.</p><p>हालांकि डब्लूएचओ ने चेतावनी दी है कि सीमाओं को बंद करने से वायरस का प्रसार और बढ़ सकता है, क्योंकि ऐसी स्थिति में लोग अनाधिकारिक रूप से अन्य देशों में घुसेंगे.</p><h1>अमरीका ने क्या क़दम उठाए हैं?</h1><p>23 जनवरी को अमरीका ने आदेश दिया कि वुहान से सभी ग़ैर ज़रूरी अमरीकी कर्मचारी और उनके परिजन चले जाएँ.</p><p>एक सप्ताह बाद, अमरीका ने कई अन्य कर्मचारियों और उनके परिजनों को चीन से वापस आने की अनुमति दे दी.</p><p>30 जनवरी को विश्व स्वास्थ्य संगठन ने नए वायरस को लेकर ग्लोबल हेल्थ इमरजेंसी की घोषणा कर दी.</p><p>इसके बाद अमरीका ने 21 साल से कम उम्र के अपने कर्मचारियों के परिजनों को चीन से वापस आने का आदेश दिया.</p><p>अमरीका ने ये भी कहा है कि हुबेई प्रांत से आने वाले किसी भी अमरीकी नागरिक को 14 दिनों तक अलग-थलग रखा जा सकता है.</p><h1>और किस देश ने क्या किया है</h1><figure> <img alt="जांच" src="https://c.files.bbci.co.uk/C03F/production/_110751294_5dce7fa5-b5bb-43b7-8ed0-4a8a2c2d4882.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><p>कई देशों ने चीन में आने जाने को लेकर कई तरह की पाबंदी लगाई हैं.</p><p>अमरीका, ऑस्ट्रेलिया और सिंगापुर ने सभी विदेशी लोगों के अपने यहाँ आने पर रोक लगाई, जो हाल फिलहाल चीन गए थे.</p><p>न्यूज़ीलैंड और इसराइल ने मेनलैंड चायना से आने वाले सभी विदेशी नागरिकों के आने पर रोक लगाई.</p><p>जापान और दक्षिण कोरिया ने हुबेई प्रांत की यात्रा करने वाले सभी विदेशी लोगों के आने पर रोक लगाई</p><p>मिस्र, फ़िनलैंड, ब्रिटेन और इटली जैसे देशों ने मेनलैंड चायन जाने वाली अपने राष्ट्रीय विमान कंपनी की उड़ानों को फ़िलहाल निलंबित कर दिया है.</p><h1>क्या पाबंदी काम करेगी?</h1><p>अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य अधिकारियों ने पाबंदियों के ख़िलाफ़ अपनी राय व्यक्त की है.</p><p>डब्लूएचओ के प्रमुख डॉ. टेडरॉस एडहानोम का कहना है कि आने जाने पर लगने वाली पाबंदियों से नुक़सान ज़्यादा हो सकता है.</p><p>संस्थान ने सीमाओं पर स्क्रीनिंग करने की सिफ़ारिश की है.</p><h1>कितना ख़तरनाक है ये वायरस</h1><p>वुहान शहर में 75 हज़ार से ज़्यादा लोग इस वायरस से संक्रमित पाए गए हैं. कोरोना वायरस वुहान से ही फैला था.</p><p>यूनिवर्सिटी ऑफ़ हॉन्गकॉन्ग का आकलन है कि ये संख्या आधिकारिक संख्या से ज़्यादा हो सकती है.</p><p>मेडिकल जर्नल लांसेट की रिपोर्ट में कहा गया है कि जिन लोगों की मौत कोरोना वायरस से हुई है, वो लोग पहले से ही कोई न कोई बीमारी से ग्रस्त थे.</p><p>रिपोर्ट के मुताबिक़ वुहान के जिनितान अस्पताल में जिन 99 लोगों का इलाज चल रहा था, वहाँ 40 लोगों का दिल कमज़ोर था और रक्त नलिका को भी नुक़सान पहुँचा था. जबकि 12 अन्य को डायबिटीज़ थी. </p><p>इस वायरस से संक्रमित व्यक्तियों में पहले बुख़ार के लक्षण पाए जाते हैं. उसके बाद उन्हें सूखी खांसी होती है और फिर सांस लेने में परेशानी हो जाती है.</p><p>लेकिन इस वायरस से संक्रिमत ज़्यादातर लोगों के पूरी तरह ठीक होने की संभावना रहती है, क्योंकि हो सकता है कि उन्हें सामान्य फ़्लू हो.</p><p>चीन में राष्ट्रीय हेल्थ कमीशन (एनएचसी) के एक विशेषज्ञ ने कहा कि कोरोना वायरस का हल्का संक्रमण एक सप्ताह में ठीक हो सकता है.</p><p><strong>(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप </strong><a href="https://play.google.com/store/apps/details?id=uk.co.bbc.hindi">यहां क्लिक</a><strong> कर सकते हैं. आप हमें </strong><a href="https://www.facebook.com/bbchindi">फ़ेसबुक</a><strong>, </strong><a href="https://twitter.com/BBCHindi">ट्विटर</a><strong>, </strong><a href="https://www.instagram.com/bbchindi/">इंस्टाग्राम 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