<figure> <img alt="पोस्टर हाथ में लेकर खड़ी एक महिला" src="https://c.files.bbci.co.uk/FA76/production/_110681146_88cfd80d-9139-4bd8-899f-c250ad98d975.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><p>जब साल 2015 में आम आदमी पार्टी सत्ता में आई थी, तो उसने महिलाओं की सुरक्षा को अपनी प्राथमिकता बताया था.</p><p>उस साल के आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक़, पूरे भारत में दिल्ली में महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराध के सबसे ज़्यादा मामले दर्ज किए गए थे.</p><p>थॉमस रॉयटर्स के साल 2017 के एक वैश्विक पोल के मुताबिक़ महिलाओं के यौन शोषण के मामले में दिल्ली का पूरी दुनिया में सबसे बुरा हाल है.</p><p>आम आदमी पार्टी की पूर्व सदस्य और बीजेपी प्रवक्ता शाज़िया इल्मी ने कहा था कि इस मामले में साल 2015 के बाद से कोई सुधार नहीं हुआ है. </p><img class="idt-cloud-graphic" src="https://ichef.bbci.co.uk/news/amp/idt2/470/c4c76247-6975-4290-b083-2514021b93e3" alt=""आम आदमी पार्टी ने अपने वादे के मुताबिक़ महिलाओं की सुरक्षा के लिए कुछ नहीं किया है. ", Source: शाज़िया इल्मी, Source description: बीजेपी नेता , Image: "/><p>उन्होंने कहा था, ”उन्होंने (आम आदमी पार्टी) अपने वादे के मुताब़िक महिलाओं की सुरक्षा के लिए कुछ नहीं किया है.”</p><h1>क्या इसमें कोई सच्चाई है?</h1><p>आधिकारिक आंकड़ों के आधार पर देखें तो दिल्ली में अपराध की अपेक्षाकृत उच्च दर के बावजूद साल 2015 से अब तक महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराधों की संख्या में कमी आई है.</p><p>साल 2018 में 20 प्रतिशत कमी आई थी. इसके बावजूद दिल्ली महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराध के मामले में भारत में दूसरे नंबर पर है. असम इस मामले में सबसे आगे है.</p> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-51280129?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">दिल्ली चुनाव का राष्ट्रीय राजनीति पर कोई असर पड़ेगा?</a></li> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-51235125?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">दिल्ली चुनाव: नौजवानों पर कितना चलेगा राष्ट्रवाद का कार्ड? </a></li> </ul><img class="idt-cloud-graphic" src="https://ichef.bbci.co.uk/news/amp/idt2/470/da63d1f1-eef8-4c96-8d1b-736055280a43" alt="दिल्ली में महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराध. . ."/><p>आंकड़े ये भी दिखाते हैं कि विशेष रूप से यौन उत्पीड़न और बलात्कार के पीड़ितों की संख्या में कमी आई है. </p><p>ये कमी साल 2015 और साल 2018 में 50 प्रतिशत थी. साल 2019 के लिए फ़िलहाल आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं. </p><h1>सार्वजनिक जगहों पर स्ट्रीट लाइट </h1><p>आम आदमी पार्टी ने सार्वजनिक जगहों पर स्ट्रीट लाइट लगाने का वादा भी किया था. </p><p>अक्टूबर 2016 में, महिला सुरक्षा के लिए काम करने वाले एक ग़ैर-सरकारी संगठन सेफ़्टीपिन की सिफ़ारिशों के आधार पर अलग-अलग जगहों पर 7,438 स्ट्रीट लाइट लगाने के लिए एक प्रोजेक्ट शुरू किया गया था.</p><p>इस काम को पूरा करने के लिए मार्च 2017 की समयसीमा निर्धारित की गई थी लेकिन वो अब भी पूरा नहीं हुआ है. </p><img class="idt-cloud-graphic" src="https://ichef.bbci.co.uk/news/amp/idt2/470/7567424f-0b18-4ac7-8afb-2187cdfd960c" alt="दिल्ली में यौन शोषण और बलात्कार. . ."/><p>सेफ़्टीपिन ने उन जगहों की पहचान की थी जहां साल 2016 में स्ट्रीट लाइट नहीं थी या बहुत कम थी. </p><p>इस संस्था के मुताबिक़ तीन साल बाद 2019 में भी इन क्षेत्रों के 37 प्रतिशत हिस्से में पूरी तरह स्ट्रीट लाइट की व्यवस्था नहीं है. </p><p>पिछले साल सितंबर में, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस मसले के समाधान के लिए एक योजना लॉन्च की थी जिसका नाम था ‘मुख्यमंत्री स्ट्रीट लाइट योजना’. </p><p>मुख्यमंत्री ने कहा था, ”दिल्ली में कई ऐसे इलाक़े हैं जहां पर अंधेरा रहता है और वहां महिलाएं असुरक्षित हैं. हम ऐसी जगहों की पहचान करेंगे और दो लाख स्ट्रीट लाइट्स लगाएंगे ताकि महिलाएं शहर में सुरक्षित महसूस करें.”</p><p>आम आदमी पार्टी ने दिसंबर में कहा था कि स्ट्रीट लाइट्स लगाने का काम किया जा रहा है. लेकिन, उन्होंने ये नहीं बताया था कि अभी तक कितना काम हो चुका है. </p> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-51264828?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">क्या दिल्ली में अरविंद केजरीवाल मुफ़्त पानी देने में कामयाब हो पाए?</a></li> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-51218634?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">पिछले पाँच सालों में कैसे-कैसे बदली केजरीवाल की राजनीति? </a></li> </ul><figure> <img alt="सीसीटीवी लगाते लोग" src="https://c.files.bbci.co.uk/16D0/production/_110704850_delhi_cctv.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><p>सड़कों की हालत सुधारने के लिए भी एक योजना है जिसका नाम है ‘मुख्यमंत्री पुनर्निर्माण योजना’. </p><p>इसमें भी स्ट्रीट लाइटिंग का काम होना है. ये काम कहां तक पहुंचा है इसका कोई आंकड़ा उपलब्ध नहीं है. </p><p><strong>सीसीटीवी कैमरे और </strong><strong>निशुल्क </strong><strong>बस यात्रा </strong></p><p>सर्विलांस सिस्टम में सुधार करना आम आदमी पार्टी का एक और वादा था. </p><p>साल 2015 में उनके घोषणापत्र में लिखा था, ”अपराध से निपटने के लिए आम आदमी पार्टी की सार्वजनिक बसों, बस स्टैंड और भीड़भाड़ वाली जगहों पर सीसीटीवी कैमरा लगाने की योजना है.”</p><p>अब पार्टी का कहना है कि पूरे शहर में 140,000 सीसीटीवी कैमरे लगाए जा चुके हैं. इसके लिए नवंबर 2018 में भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) के साथ अनुबंध किया गया था जिसे एक साल में पूरा कर लिया गया. </p><p>हालांकि, पिछले साल अगस्त में आई मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक़ दिल्ली सरकार ने धीमी प्रगति के लिए बीईएल पर जुर्माना लगाया था. तब तक 11 प्रतिशत कैमरे ही लगाए गए थे. </p><p>फ़रवरी 2019 में आई एक आधिकारिक रिपोर्ट (दिल्ली का आर्थिक सर्वेक्षण) बताती है कि 4,000 सार्वजनिक बसों (डीटीसी) में से सिर्फ़ 200 में ही कैमरे लग पाए हैं. </p><p>कुछ विशेषज्ञों ने और कैमरे लगाने के ख़र्चे पर भी सवाल उठाया है. </p><figure> <img alt="बसों में अपने गुलाबी टिकट दिखाती महिलाएं" src="https://c.files.bbci.co.uk/14B8E/production/_110687848_womenwithpinktickets.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><p>सेफ़्टीपिन की कल्पना विश्वनाथ कहती हैं, ”वो कभी-कभी अपराधियों को पकड़ने के लिए कैमरे का इस्तेमाल कर सकते हैं लेकिन ऐसे कोई प्रमाण नहीं हैं कि महिलाएं सीसीटीवी कैमरे से सुरक्षित महसूस करती हैं. ऐसे में कैमरे पर पैसे ख़र्च करना सवाल खड़े करता है.”</p><p>पिछले साल अक्टूबर से दिल्ली सरकार ने महिलाओं के लिए बस यात्रा को मुफ़्त कर दिया था ताकि उन्हें सार्वजनिक वाहन इस्तेमाल करने के लिए प्रोत्साहन मिले. </p><p>मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि इससे महिलाओं को सुरक्षित महसूस होगा और वो घर से दूर नौकरी करने के लिए प्रोत्साहित होंगी. </p><p>इस योजना के तहत महिलाओं को निशुल्क टिकट दिया जाता है और फिर सरकार डीटीसी को उसका भुगतान करती है. </p><p>आधिकारिक आंकड़े दिखाते हैं कि योजना शुरू होने के पहले महीने के अंदर सार्वजनिक बसों में महिलाओं की संख्या में 40% से ज़्यादा की वृद्धि हुई. </p><p>कल्पना विश्वनाथ कहती हैं कि दिल्ली सरकार ज़्यादा से ज़्यादा महिलाओं को सार्वजनिक स्थानों पर लाने के लिए प्रतिबद्धता दिखा रही है. </p><p>वो कहती हैं, ”महिलाओं को सुरक्षित महसूस कराने के लिए और क़दम उठाए जाने ज़रूरी हैं.”</p><p><strong>(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप </strong><a href="https://play.google.com/store/apps/details?id=uk.co.bbc.hindi">यहां क्लिक</a><strong> कर सकते हैं. आप हमें </strong><a href="https://www.facebook.com/bbchindi">फ़ेसबुक</a><strong>, </strong><a href="https://twitter.com/BBCHindi">ट्विटर</a><strong>, </strong><a href="https://www.instagram.com/bbchindi/">इंस्टाग्राम </a><strong>और </strong><a href="https://www.youtube.com/user/bbchindi">यूट्यूब</a><strong>पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)</strong></p>
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