<figure> <img alt="एनकाउंटर" src="https://c.files.bbci.co.uk/27D0/production/_110029101_gettyimages-1139302526.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><p>हैदराबाद के बहुचर्चित रेप केस मामले के चारों अभियुक्तों को पुलिस ने मार दिया गया है.</p><p>एक ओर जहां पुलिस की इस कार्रवाई को लोगों की सराहना मिल रही है, वहीं कई लोग इस पर सवाल उठा रहे हैं.</p><p>सराहना करने वाले लोग इसे "न्याय" से जोड़ कर देख रहे हैं तो सवाल उठाने वाले लोग इसे "मानवाधिकारों का उल्लंघन" बता रहे हैं. </p><p>कुछ लोग इसे "फेक एनकाउंटर" तक करार दे रहे हैं.</p><p><a href="https://twitter.com/MujeebJaihoon/status/1202894148908572672">https://twitter.com/MujeebJaihoon/status/1202894148908572672</a></p><p>इन सभी के बीच राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने मामले में संज्ञान लिया है और अपनी एक टीम को घटना स्थल पर भेजा है.</p><p><a href="https://twitter.com/ANI/status/1202870861021077505">https://twitter.com/ANI/status/1202870861021077505</a></p><p>यह कोई पहला मामला नहीं है जब किसी पुलिस एनकाउंटर पर सवाल उठे हैं. इससे पहले भी कई मामले सामने आए हैं, जिसमें पुलिसिया कार्रवाई सवालों के घेरे में रही हैं.</p><p><a href="https://www.newsclick.in/AP-Tops-Fake-Encounter-Killing-Complaints-UP-Second">राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग </a>के मुताबिक 01 जनवरी 2015 से 20 मार्च 2019 के बीच उसे देशभर में फेक एनकाउंटर से जुड़ी 211 शिकायतें मिली हैं.</p><p>इनमें से सबसे ज़्यादा फ़ेक एनकाउंटर की शिकायतें आंध्र प्रदेश में दर्ज की गई हैं. इस अवधि में कुल 57 मामले दर्ज किए गए हैं.</p><p>वहीं इस सूची में उत्तर प्रदेश दूसरे नंबर पर है. यहां इस अवधि में 39 मामले दर्ज किए गए हैं.</p><p>आयोग ने कहा है कि देश भर में कथित फेक एनकाउंटर के 25 मामलों में इसने विभिन्न राज्य सरकारों को पीड़ितों के परिवारों को 1.7 करोड़ रुपए का मुआवज़ा देने की सिफारिश की है. आयोग ने माना है कि इन मामलों में पीड़ितों के मानवाधिकारों के उल्लंघन हुए थे.</p><figure> <img alt="फर्जी मुठभेड़" src="https://c.files.bbci.co.uk/4EE0/production/_110029102_9b3dcea5-e838-4aed-8928-987a93661d36.jpg" height="351" width="624" /> <footer>PTI</footer> </figure><h1>कुछ चर्चित एनकाउंटर के मामले</h1><h3>इशरत जहां मामला</h3><p>गुजरात में 2002 से 2006 के बीच 23 एनकाउंटर हुए थे. गुजरात पुलिस ने शुरुआत में इन सभी एनकाउंटर्स को वास्तविक बताया था. इन्हीं में से एक था इशरत जहाँ एनकाउंटर.</p><p>15 जून 2004 को गुजरात पुलिस और अहमदाबाद के स्थानीय इंटेलिजेंस ब्यूरो पर खालसा कॉलेज मुंबई की इशरत जहां और उनके तीन साथियों को फ़र्ज़ी मुठभेड़ में मारने के आरोप लगे थे.</p><p>इस टीम की अगुवाई उस उस वक़्त के अहमदाबाद क्राइम ब्रांच के उपायुक्त डीजी वंजारा कर रहे थे.</p><p>गुजरात पुलिस ने दावा किया कि इन कथित चरमपंथियों का संबंध लश्कर-ए-तैयबा से था और ये लोग गोधरा दंगों का बदला लेने के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की हत्या की योजना बना रहे थे.</p><p>सीबीआई ने जांच के बाद इस मुठभेड़ को इंटेलिजेंस ब्यूरो और गुजरात पुलिस के आला अफ़सरों की मिली भगत बताया था. मामले में फ़ैसला आना बाकी है.</p><figure> <img alt="शोहराबुद्दीन" src="https://c.files.bbci.co.uk/75F0/production/_110029103_a88f098b-a3c3-4e14-b5be-b95caa73b337.jpg" height="351" width="624" /> <footer>PTI</footer> </figure><h3>सोहराबुद्दीन शेख़ मामला</h3><p>मीडिया रिपोर्टों में सोहराबुद्दीन शेख़ को अंडरवर्ल्ड का अपराधी बताया गया था.</p><p>सोहराब अपनी पत्नी के साथ हैदराबाद से महाराष्ट्र जा रहे थे. गुजरात पुलिस की एटीएस शाख़ा ने बस को बीच में रोका और दोनो को पकड़ कर ले गई.</p><p>तीन दिनों के बाद शेख़ को अहमदाबाद के बाहर फ़र्ज़ी मुठभेड़ में मार दिया गया.</p><p>मीडिया में इस मामले के उठने के बाद सीबीआई ने इसकी जांच की और कई पुलिस अफ़सरों को गिरफ़्तार किया गया.</p><p>गुजरात सरकार ने भी सुप्रीम कोर्ट में दिए हलफ़नामे में इस बात को मान लिया था कि ये फ़र्ज़ी मुठभेड़ थी.</p><h3>तुलसीराम प्रजापति मामला</h3><p>तुलसीराम प्रजापति सोहराबुद्दीन के सहयोगी थे और पुलिस हिरासत में रहते हुए मारे गए थे.</p><p>प्रजापति को दिसंबर 2006 में मार दिया गया था. </p><p>बाद में दावा किया गया कि यह एनकाउंटर फ़र्जी था, जिसे गुजरात पुलिस ने अंजाम दिया था.</p><p><a href="https://twitter.com/dhruv_rathee/status/1202853132146884609">https://twitter.com/dhruv_rathee/status/1202853132146884609</a></p><h3>लखन भैया मामला</h3><p>लखन भैया को गैंगस्टर छोटा राजन का सहयोगी समझा जाता था.</p><p>11 नवंबर 2006 को मुंबई पुलिस ने बताया था कि उन्होंने एक एनकाउंटर में शातिर अपराधी लखन भैया को मार दिया है.</p><p>लेकिन इसके बाद उनके भाई राम प्रसाद ने मीडिया के सामने आकर कहा कि पुलिस उनके भाई को उठा कर ले गई थी और इससे जुड़े तथ्य भी लोगों के सामने रखे.</p><p>इसके बाद राम प्रसाद ने अदालत का दरवाजा खटखटाया, मामले की जांच हुई और यह एनकाउंटर फेक पाया गया.</p><p>साल 2013 में मामले में मुंबई की सेशन कोर्ट ने 21 लोगों को दोषी पाया और उम्र क़ैद की सजा सुनाई, जिनमें कई पुलिस वाले भी थे.</p><h3>आंध्र प्रदेश ‘स्मगलर’ एनकाउंटर</h3><p>सात अप्रैल 2015 को आंध्र प्रदेश की पुलिस ने राज्य के चित्तूर जंगल में 20 कथित चंदन तस्करों को गोली मार दी.</p><p>पुलिस का कहना था कि पुलिसकर्मियों पर हंसियों, छड़ों, कुल्हाड़ियों से हमला किया गया और बार बार चेतावनी देने के बावजूद हमले जारी रहे.</p><p>राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने मामले पर ध्यान दिया और इसकी जांच की.</p><p>आयोग ने आंध्र प्रदेश सरकार पर सहयोग नहीं करने का आरोप लगाया और इसकी सीबीआई जांच कराने की बात कही थी.</p><p><strong>(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप </strong><a href="https://play.google.com/store/apps/details?id=uk.co.bbc.hindi">यहां क्लिक</a><strong> कर सकते हैं. आप हमें </strong><a href="https://www.facebook.com/bbchindi">फ़ेसबुक</a><strong>, </strong><a href="https://twitter.com/BBCHindi">ट्विटर</a><strong>, </strong><a href="https://www.instagram.com/bbchindi/">इंस्टाग्राम</a><strong> और </strong><a href="https://www.youtube.com/bbchindi/">यूट्यूब</a><strong> पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)</strong></p>
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पुलिस एनकाउंटर पर कब-कब उठे सवाल
<figure> <img alt="एनकाउंटर" src="https://c.files.bbci.co.uk/27D0/production/_110029101_gettyimages-1139302526.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><p>हैदराबाद के बहुचर्चित रेप केस मामले के चारों अभियुक्तों को पुलिस ने मार दिया गया है.</p><p>एक ओर जहां पुलिस की इस कार्रवाई को लोगों की सराहना मिल रही है, वहीं कई लोग इस पर सवाल उठा रहे हैं.</p><p>सराहना करने वाले लोग इसे "न्याय" से जोड़ कर […]
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