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महाराष्ट्र में कैसे कैसे बदल गया पूरा खेल

<p>शुक्रवार रात सोने से ठीक पहले उद्धव ठाकरे अगले दिन महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की शपथ की तैयारियों के बारे में ज़रूर सोच रहे होंगे. बीस साल बाद पहली बार शिव सेना का एक मुख्यमंत्री बनने वाला था और ठाकरे परिवार का पहली बार.</p><p>शुक्रवार की रात तक ये तय था कि उद्धव ठाकरे शिवसेना-कांग्रेस-राष्ट्रवादी कांग्रेस की मिली-जुली […]

<p>शुक्रवार रात सोने से ठीक पहले उद्धव ठाकरे अगले दिन महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पद की शपथ की तैयारियों के बारे में ज़रूर सोच रहे होंगे. बीस साल बाद पहली बार शिव सेना का एक मुख्यमंत्री बनने वाला था और ठाकरे परिवार का पहली बार.</p><p>शुक्रवार की रात तक ये तय था कि उद्धव ठाकरे शिवसेना-कांग्रेस-राष्ट्रवादी कांग्रेस की मिली-जुली सरकार के मुखयमंत्री होंगे. </p><p>इसकी घोषणा आज यानी शनिवार को होनी थी. लेकिन सुबह 8 बजे के तुरंत बाद देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अजित पवार ने उप मुख्यमंत्री पद की.</p><p>इस घटना ने न केवल महाराष्ट्र की जनता को हैरान कर दिया बल्कि बड़े-बड़े नेताओं को भी. सियासी अखाड़े में खेल के माहिर माने जाने वाले शरद पवार भी धोखा गए. कम से कम उनकी बातों से तो ऐसा ही लगता है.  </p><p>शनिवार की घटना की तुलना पांच अगस्त को जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 के हटाए जाने से की जा सकती है जब इसकी घोषणा के एक दिन पहले तक मोदी सरकार के मंत्रिमंडल के किसी भी सदस्य को इसकी जानकारी नहीं थी. यहाँ तक कि राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल को भी नहीं. संसद में इसकी घोषणा से कुछ क्षण पहले मंत्रिमंडल की एक बैठक में इसकी जानकारी मंत्रियों को दी गयी थी. </p> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-50346597?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">शाह और फडणवीस मुझसे मिलने आए थे, मैं नहीं गया था: उद्धव ठाकरे</a></li> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-50174973?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">देवेंद्र फडणवीस का राजनीतिक सफ़र और चुनौतियाँ</a></li> </ul><p>लेकिन इतनी नाटकीय घटना कुछ घंटों में या एक दिन में नहीं रची जा सकती. बाहर से ऐसा लग रहा था कि अमित शाह सरकार बनाने की सारी कोशिशें करके अब थक चुके हैं और एक तरह से हार मान चुके हैं. </p><p>महाराष्ट्र बीजेपी के कुछ सूत्रों ने हमें बताया कि उनसे केवल ये कहा जा रहा था कि मीडिया वालों को बताते रहो कि सरकार &quot;हमारी ही बनेगी&quot;. उनसे ये कहने को कहा जा रहा था कि हिंदुत्व के नाम पर महाराष्ट्र की जनता ने उन्हें चुना है और इस लिए सरकार उनकी ही बननी चाहिए. पार्टी के प्रवक्ता लगातार दिल्ली और मुंबई में यही राग अलापते आ रहे थे.  </p><figure> <img alt="महाराष्ट्र" src="https://c.files.bbci.co.uk/129EE/production/_109807267_8bc69a93-45de-41b9-ae2f-4c49392193fd.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><p>लेकिन अमित शाह शतरंज के माहिर खिलाड़ी की तरह अपनी चाल चल रहे थे. चुपके से. इसमें उनका साथ दे रहे थे पार्टी के 50 वर्षीय महासचिव भूपेंद्र यादव जो पार्टी के महासचिव होने के अलावा महाराष्ट्र चुनावों में पार्टी के इंचार्ज भी हैं. </p><p>पार्टी के एक सूत्र ने बताया कि उन्होंने हाल में मुंबई के कई चक्कर लगाए हैं. मुंबई का उनका सब से ताज़ा सफ़र शुक्रवार की शाम को था. ऐसे संकेत मिलते हैं कि अजित पवार से समझौता शुक्रवार रात को तय हुआ. </p><p>शिवसेना और कांग्रेस ने शरद पवार को क्लीन चिट ज़रूर दे दी है लेकिन बीजेपी के सूत्रों ने शरद पवार की तरफ़ भी इशारा किया है. सूत्रों के अनुसार &quot;सरकार बनने की जानकारी और एनसीपी की सहमति की जानकारी पार्टी के अधिकतर बड़े नेताओं को नहीं थी लेकिन शरद पवार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच हाल में हुई बैठक को नज़र अंदाज़ करने वाले मूर्ख हैं क्योंकि दोनों के बीच संबंध घनिष्ठ हैं.&quot;</p><figure> <img alt="महाराष्ट्र" src="https://c.files.bbci.co.uk/150FE/production/_109807268_34fd2dd1-f41d-4fcc-8566-7c76609abd5c.jpg" height="351" width="624" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><p>इस सियासी ड्रामे में अभी केवल अंतराल हुआ है. अगले हॉफ़ में उथल-पुथल होने की पूरी संभावना है. सब से पहले फडणवीस को सरकार गठित करने के लिए 145 विधायकों की ज़रूरत होगी. क्या ये नंबर उनके पास है? महाराष्ट्र बीजेपी के प्रवक्ता कहते हैं हाँ. माधव भंडारी ने बीबीसी से आत्मविश्वास के साथ कहा, &quot;एक हफ्ते में तस्वीर साफ़ हो जाएगी.हम पांच साल के लिए एक स्थायी सरकार बनाएंगे.&quot;</p><p>लेकन कांग्रेस-राष्ट्रवादी कांग्रेस-शिव सेना गठबंधन के मुताबिक़ फडणवीस को पर्याप्त बहुमत नहीं मिलेगा. इसका मतलब साफ़ है कि अभी से 30 नवंबर तक महाराष्ट्र की सियासत में नाटकीय दौर का सिलसिला जारी रहेगा.</p><p><strong>(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप </strong><a href="https://play.google.com/store/apps/details?id=uk.co.bbc.hindi">यहां क्लिक</a><strong> कर सकते हैं. आप हमें </strong><a href="https://www.facebook.com/bbchindi">फ़ेसबुक</a><strong>, </strong><a href="https://twitter.com/BBCHindi">ट्विटर</a><strong>, </strong><a href="https://www.instagram.com/bbchindi/">इंस्टाग्राम</a><strong> और </strong><a href="https://www.youtube.com/bbchindi/">यूट्यूब</a><strong> पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)</strong></p>

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