<figure> <img alt="जेएनयू" src="https://c.files.bbci.co.uk/17886/production/_109609369_vv.jpg" height="549" width="976" /> <footer>BBC</footer> </figure><p>सोमवार को जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह के साथ-साथ ही हज़ारों की तादाद में छात्रों ने प्रदर्शन शुरू कर दिया. ये छात्र बढ़ी हुई फ़ीस और यूनिवर्सिटी में लागू हुए ड्रेस कोड के ख़िलाफ़ प्रदर्शन कर रहे हैं. </p><p>प्रदर्शन कर रहे छात्र अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (एआईसीटीई) की ओर बढ़ रहे थे लेकिन गेटों पर बैरियर से वे समारोह स्थल तक नहीं पहुंच सके. उप-राष्ट्रपति वेकैंया नायडू इस दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रहे हैं. </p><p><strong>बीबीसी संवाददाता विनीत खरे</strong> की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक़ इस वक़्त प्रदर्शन कर रहे छात्रों को रोकने के लिए भारी सुरक्षा बल तैनात है, जिनके हाथों में लाठियां है. </p><p><a href="https://www.facebook.com/BBCnewsHindi/videos/567708487319035/">https://www.facebook.com/BBCnewsHindi/videos/567708487319035/</a></p><h3>किस बात पर है छात्रों को आपत्ति</h3> <ul> <li>यूनिवर्सिटी के नए नियमों के मुताबिक़ हॉस्टल फ़ीस में भारी भरकम बदलाव किया गया है. प्रशासन का कहना है कि पिछले 14 सालों से हॉस्टल के फ़ीस स्ट्रक्चर में बदलाव नहीं किया गया था. </li> <li>पहले डबल सीटर कमरे का किराया 10 रुपये थी जिसे बढ़ा कर 300 रुपये प्रति माह किया गया. वहीं सिंगल सीटर कमरे का किराया 20 रुपये से बढ़ाकर 600 रुपये रखा गया है. </li> </ul> <ul> <li>वन टाइम मेस सेक्टोरिटी फ़ीस 5500 रुपये से बढ़ा कर 12000 रुपये कर दिया गया है. </li> <li>रात 11 बजे या अधिकतम 11.30 बजे के बाद छात्रों को अपने हॉस्टल के भीतर रहना होगा और बाहर नहीं निकल सकेंगे. अगर कोई अपने हॉस्टल के अलावा किसी अन्य हॉस्टल या कैंपस में पाया जाता है तो उसे हॉस्टल से निकाला जाएगा.</li> <li>इसके अलावा नए मैनुअल में ये भी लिखा गया है कि लोगों को डाइनिंग हॉल में ”उचित कपड़े” पहन कर आना होगा. छात्रों का पूछना है कि ‘उचित कपड़े’ की परिभाषा क्या है. हालांकि विश्व विद्यालय प्रशासन का कहना है कि ये नियम पहले से जारी था. इसे केवल दोहराया गया है बदलाव नहीं किया गया. </li> </ul><p>छात्र संघ इस ड्रॉफ्ट को वापस लेने की मांग कर रहा है. </p><p>एक प्रदर्शनकारी छात्र ने कहा कि हम पिछले 15 दिनों से फ़ीस वृद्धि का विरोध कर रहे हैं. कम से कम 40 फ़ीसदी छात्र ग़रीब परिवार से आते हैं, वो छात्र यहां कैसे पढ़ेंगे? ‘</p><p>एक लड़की ने कहा, ”हम अपने ग़रीब छात्रों के लिए लड़ रहे हैं. वीसी और रेक्टर जिनकी ज़िम्मेदारी है कि वो छात्रों से संवाद करें वो बात ही नहीं करते. तीन सालों से उन्होंने छात्र ईकाई से बात नहीं की है.” </p><p>एक अन्य छात्र ने कहा, ”यहां बेरहमी से छात्रों को नियंत्रित किया जा रहा है. हमारे शरीर पर खरोचें हैं. हमारे वीसी हमसे कैंपस में तो मिलते नहीं हैं लेकिन यहां दीक्षांत समारोह में वो ये बताने की कोशिश कर रहे हैं कि जेएनयू में सबकुछ बहुत अच्छा है. हम इसलिए यहां उनसे मिलकर अपनी बात रखने आए हैं. हमारी आसान सी मांगे हैं आप यूनिवर्सिटी में नहीं मिलते तो जहां मिलेंगे वहीं हम अपनी बात रखने आए हैं.” </p><p><strong>(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप </strong><a href="https://play.google.com/store/apps/details?id=uk.co.bbc.hindi">यहां क्लिक</a><strong> कर सकते हैं. आप हमें </strong><a href="https://www.facebook.com/bbchindi">फ़ेसबुक</a><strong>, </strong><a href="https://twitter.com/BBCHindi">ट्विटर</a><strong>, </strong><a href="https://www.instagram.com/bbchindi/">इंस्टाग्राम </a><strong>और </strong><a href="https://www.youtube.com/user/bbchindi">यूट्यूब</a><strong>पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)</strong></p>
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JNU के छात्रों का भारी प्रदर्शन, बढ़ी फ़ीस से नाराज़ हैं छात्र
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