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शिवाजी के ‘वंशज’ उदयनराजे बीजेपी में क्यों जा रहे हैं?

<figure> <img alt="उदयनराजे" src="https://c.files.bbci.co.uk/127B3/production/_108799657_21a1d245-50df-4d61-80b6-1bbfe898d7dd.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><p>महाराष्ट्र में एनसीपी के सतारा से सांसद और ख़ुद को शिवाजी महाराज का वंशज बताने वाले उदयनराजे भोसले शनिवार को बीजेपी में शामिल होने जा रहे हैं.</p><p>उनका महाराष्ट्र के मज़बूत मराठा समुदाय में काफ़ी लोकप्रियता है और राजनीतिक पकड़ भी है.</p><p>पिछले कुछ दिनों से बीजेपी में […]

<figure> <img alt="उदयनराजे" src="https://c.files.bbci.co.uk/127B3/production/_108799657_21a1d245-50df-4d61-80b6-1bbfe898d7dd.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><p>महाराष्ट्र में एनसीपी के सतारा से सांसद और ख़ुद को शिवाजी महाराज का वंशज बताने वाले उदयनराजे भोसले शनिवार को बीजेपी में शामिल होने जा रहे हैं.</p><p>उनका महाराष्ट्र के मज़बूत मराठा समुदाय में काफ़ी लोकप्रियता है और राजनीतिक पकड़ भी है.</p><p>पिछले कुछ दिनों से बीजेपी में जाने की चर्चाएं चल रही थीं, लेकिन अब उनका आधिकारिक फ़ैसला आ चुका है. </p><p>उदयनराजे का राजनीतिक सफ़र बड़ा ही उतार चढ़ाव वाला रहा है. वो कई पार्टी में शामिल रहे पहले बीजेपी, फिर कांग्रेस और हाल फ़िलहाल तक राष्ट्रवादी कांग्रेस में रहे, अब वो फिर से बीजेपी में शामिल होने जा रहे हैं.</p><p>सतारा में उदयनराजे के बारे में एक क़िस्सा बहुत चर्चित है, वो ये कि उन्हें रात में शहर घूमने की आदत रही है. </p><p>कहा जाता है कि एक दिन वो इसी तरह सतारा के बस स्टैंड पर पहुंचे जहां उन्हें रिक्शे वाले खड़े दिखे. </p><p>उन्होंने रिक्शेवालों से पूछा कि अगर इसी तरह रात भर काम करते रहे तो सुबह तक कितना पैसा कमा लोगे? उन्हें जवाब मिला- 500 रुपये. उसके बाद उदयन ने सभी रिक्शे वालों के हाथ में 500 रुपये थमा दिए और घर जाकर आराम करने की सलाह दी. </p><p>उदयन के बारे में इस तरह के काफ़ी क़िस्से सताता में चर्चित हैं. </p> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-49565548?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">कहीं एनसीपी में अकेले तो नहीं रह जाएंगे शरद पवार?</a></li> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-48604238?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">शरद पवार की एनसीपी का भविष्य क्या है?</a></li> </ul><h1>बीजेपी के एमएलए</h1><p>उदयनराजे भोसले का राजनीतिक सफ़र 1991 से शुरू होता है. नगर पालिका के चुनाव में उन्होंने अपने चाचा अभयसिंहराजे के ख़िलाफ़ अपना पैनल खड़ा कर दिया था. यही नहीं वो ख़ुद भी दो वार्ड से चुनाव में खड़े हो गए. एक वार्ड से जीतने के बाद पांच साल तक नगर सेवक के रूप में काम किया. </p><p>1996 के आम चुनावों में सतारा संसदीय क्षेत्र से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में खड़े हुए. </p><p>साल 2015 में कालनिर्णय के दिवाली अंक में वरिष्ठ पत्रकार विजय चोरमारे ने लिखा है कि उस वक्त प्रतापराव भोसले कांग्रेस से सतारा के सांसद हुआ करते थे. इस नाते उनका टिकट तय माना जा रहा था. लेकिन कहा जाता है कि उनको हराने की योजना पहले से ही तय हो गई थी. </p><p>इसी कारण कांग्रेस की विचारधार में विश्वास रखने वाले उम्मीदवार जैसे उदयनराजे भोसले, पार्थ पोलके, आरडी निकम और दो तीन अन्य उम्मीदवारों को खड़ा किया गया था. </p><p>नतीजा ये हुआ कि प्रतापराव 12,000 वोटों से चुनाव हार गए. इस चुनाव में उदयनराजे को एक लाख 13 हज़ार 658 वोट मिले जबकि शिवसेना के उम्मीदवार हिंदूराव नाईक निंबालकर जीत गए थे. </p><p>निर्दलीय उम्मीदवार होने के बावजूद उदयनराजे को इतना वोट मिलना एक बड़ी बात थी. </p><p>बीजेपी नेता गोपीनाथ मुंडे की उदयनराजे भोसले पर पहले से नज़र थी और उनकी कोशिशों के चलते 1998 में उदयनराजे बीजेपी में शामिल हो गए. </p><p>1998 में ही सतारा विधानसभा क्षेत्र से मध्यावधि चुनाव में बीजेपी के टिकट पर जीत कर वो विधायक बने और उन्हें मंत्रिमंडल में भी शामिल कर लिया गया.</p> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-47538241?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">शरद पवार के परिवार में सत्ता का संघर्ष क्यों शुरू हुआ</a></li> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-48531383?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">राज ठाकरे का एनसीपी-कांग्रेस के साथ जाना क्या आख़िरी विकल्प?</a></li> </ul><figure> <img alt="उदयनराजे" src="https://c.files.bbci.co.uk/175D3/production/_108799659_61a04caa-bd46-4f2e-a7dd-987e47ce4a94.jpg" height="351" width="624" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><h1>हत्या के आरोप में गिरफ़्तारी</h1><p>1999 के विधानसभा चुनाव में उदयनराजे पर अपने प्रतिद्वंद्वी उम्मीदवार अभयसिंहराजे के समर्थक नगरसेवक शरद लेवे की हत्या का आरोप लगा और इसमें वो गिरफ़्तार हुए और 22 महीने तक जेल में रहे. </p><p>कुछ दिनों बाद वो इस आरोप से बरी हो गए, लेकिन इसका असर चुनाव पर पड़ा और वो हार गए. </p><p>साल 2004 में अभयसिंहराजे का निधन हो गया और इस दौरान हुए चुनाव में भी उदयनराजे अभयसिंहराजे के बेटे शिवेंद्रराजे से हार गए. </p><p>इसके बाद 2008 में वो कांग्रेस में शामिल हो गए. साल 2009 का चुनाव वो कांग्रेस के टिकट पर लड़ने वाले थे लेकिन सतारा की सीट सहयोगी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के लिए छोड़ दी गई. </p><p>एनसीपी के मुखिया शरद पवार ने उदयनराजे को अपनी पार्टी में शामिल कर उम्मीदवार बना दिया. </p><p>यहां से वो एनसीपी के टिकट पर अब तक तीन बार सांसद बन चुके हैं. </p><p>सतारा के स्थानीय पत्रकार विनोद कुलकर्णी बताते हैं कि &quot;उदयनराजे कभी भी दिल से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के साथ नहीं जुड़े थे. वो कहा करते थे कि मैं किसी को अपना बॉस नहीं मानता हूं, जनता ही मेरी बॉस है. कुछ समय बीजेपी में बिताने के कारण माराष्ट्र के मौजूदा मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस का अच्छा रिश्ता रहा है. इसी कारण मुख्यमंत्री भी उन्हें बीजेपी में शामिल कराना चाहते थे.&quot;</p><p>लेकिन पकत्रकार विजय चोरमारे बताते हैं कि ‘उदयनराजे की मराठा समाज में काफ़ी लोकप्रियता है. वो अगर बीजेपी में शामिल होते हैं तो मराठा वोटरों को आकर्षित किया जा सकता है ऐसा मुख्यमंत्री फड़नवीस को भी लगता है.’ </p><figure> <img alt="उदयनराजे" src="https://c.files.bbci.co.uk/1A2B/production/_108799660_29e3a982-9233-474c-96d0-82c83e1163c8.jpg" height="351" width="624" /> <footer>Getty Images</footer> </figure><h1>दहशत फैलाने का आरोप</h1><p>सरकारी कर्मचारी को थप्पड़ मारने से लेकर रात के 12 बजे के बाद भी डीजे बजाने का समर्थन करने तक उदयनराजे पर दहशत फैलाने के कई आरोप लगे. </p><p>इसके चलते उनपर कई मामले भी दर्ज हुए. लेकिन उदयनराजे सफ़ाई देते हुए कहते हैं, &quot;ये मेरी नहीं बल्कि जो जनता का मुझ पर प्यार है, वो इसकी दहशत है.&quot;</p><p>उनके क़रीबी सुनील काटकर बताते हैं, &quot;उदयनराजे काफ़ी लोकप्रिय हैं और यही उनके प्रतिद्वंद्वियों को नहीं भाती है. इसी कारण ये लोग सामान्य लोगों के मार्फ़त उदयन के ख़िलाफ़ केस दर्ज कराते हैं.&quot;</p><p>विजय चोरमारे कहते हैं, &quot;उदयनराजे को छत्रपति शिवाजी महाराज की 13वीं पीढ़ी का वंशज माना जाता है और उदयनराजे को इसका गर्व है. इसलिए भी लोगों के बीच उनकी लोकप्रियता है. उनके समर्थक चाहते हैं कि वो दिल्ली जाकर केंद्रीय राजनीति में अपना नाम कमाएं. लेकिन उदयन को सतारा के बाहर की राजनीति में कोई भी दिलचस्पी नहीं है. बीजेपी में उनके जाने एक कारण ये भी है कि उनके ख़िलाफ़ काफ़ी मुक़दमे दर्ज हैं और अगर वो सत्ता के ख़िलाफ़ रहे तो उनकी मुश्किलें बढ़ सकती हैं. हालांकि वो बीजेपी में भी कितने दिन रहेंगे ये कहा नहीं जा सकता.&quot; </p><p><strong>(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप </strong><a href="https://play.google.com/store/apps/details?id=uk.co.bbc.hindi">यहां क्लिक</a><strong> कर सकते हैं. आप हमें </strong><a href="https://www.facebook.com/bbchindi">फ़ेसबुक</a><strong>, </strong><a href="https://twitter.com/BBCHindi">ट्विटर</a><strong>, </strong><a href="https://www.instagram.com/bbchindi/">इंस्टाग्राम</a><strong> और </strong><a href="https://www.youtube.com/bbchindi/">यूट्यूब</a><strong> पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)</strong></p>

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