लंदन : प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ब्रिटेन की बागी संसद को पांच हफ्तों के लिए निलंबित कराने की अपनी योजना में सफल हो गये हैं, लेकिन बिना समझौते के ब्रेक्जिट को रोकने के लिए दृढ़ सांसदों से अपने पहले लंबे टकराव के दौरान उन्हें ज्यादा सफलता मिलती नजर नहीं आयी.
ब्रेक्जिट को लेकर जॉनसन और संसद के बीच चल रही तनातनी के बीच सांसदों ने यूरोपीय संघ छोड़ने की सरकार की योजना को तीन बार विफल कर दिया. इसके बाद संसद को पांच हफ्ते के लिए निलंबित कर दिया गया. आधी रात के बाद तक चले सत्र में संसद ने सरकार को आदेश दिया कि वह अपनी ब्रेक्जिट योजना के बारे में निजी संवाद जारी करे और राजनीतिक गतिरोध तोड़ने के लिए मध्यावधि चुनावों की जॉनसन की मांग को खारिज कर दिया. सरकार के अनुरोध पर इसके बाद संसद को निलंबित या सत्रावसान 14 अक्तूबर तक के लिए निलंबित कर दिया गया.
इस कदम से जॉनसन को थोड़ी राहत मिलेगी और बागी सांसदों के खिलाफ अपनी अगली रणनीति तैयार करने के लिए उन्हें वक्त मिल जायेगा. विपक्ष ने हालांकि उन पर लोकतांत्रिक जांच से बचने का प्रयास करने का आरोप लगाया. आमतौर पर यह सामान्य सत्रावसान होता लेकिन विरोधी सांसदों द्वारा हाउस ऑफ कामंस चैंबर में ‘शर्म करो’ के नारे लगाने और निरुत्तर लिखी तख्तियां दिखाये जाने के बाद वहां हंगामेदार स्थिति बन गयी. हाउस ऑफ कॉमन्स के अध्यक्ष जॉन बरको ने संसद के निलंबन पर अपनी अप्रसन्नता जाहिर करते हुए कहा, यह मानक या सामान्य सत्रावसान नहीं है. उन्होंने कहा, यह दशकों में सबसे लंबा है और यह शासकीय आदेश के कृत्य को दर्शाता है. संसद के तीन सितंबर को ग्रीष्मकालीन अवकाश के बाद शुरू हुए सत्र के दौरान पूरा हफ्ता ही प्रधानमंत्री के लिए परेशानियां खड़ी करने वाला रहा.