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चंद्रयान-2: फ़वाद चौधरी को ट्रोल कर रहे हैं पाकिस्तानी भी

<p>पाकिस्तान के विज्ञान और तकनीक मंत्री चौधरी फ़वाद हुसैन ने भारतीय अंतरिक्ष मिशन चंद्रयान 2 की आंशिक असफ़लता के बाद तीखी टिप्पणियां की हैं. </p><p>उन्होंने इस अंतरिक्ष मिशन का मज़ाक उड़ाने के अंदाज में कई ट्वीट किए जिसकी भारतीय सोशल मीडिया यूज़र्स ने कड़ी भर्त्सना की है. </p><p>लेकिन चौधरी फ़वाद हुसैन को अब पाकिस्तानी सोशल […]

<p>पाकिस्तान के विज्ञान और तकनीक मंत्री चौधरी फ़वाद हुसैन ने भारतीय अंतरिक्ष मिशन चंद्रयान 2 की आंशिक असफ़लता के बाद तीखी टिप्पणियां की हैं. </p><p>उन्होंने इस अंतरिक्ष मिशन का मज़ाक उड़ाने के अंदाज में कई ट्वीट किए जिसकी भारतीय सोशल मीडिया यूज़र्स ने कड़ी भर्त्सना की है. </p><p>लेकिन चौधरी फ़वाद हुसैन को अब पाकिस्तानी सोशल मीडिया यूज़र्स की ओर से आलोचना का सामना करना पड़ रहा है. </p><p><a href="https://twitter.com/fawadchaudhry/status/1170073327324545024">https://twitter.com/fawadchaudhry/status/1170073327324545024</a></p><p>हुसैन ने अपने ट्विटर अकाउंट पर लिखा, &quot;जो का आता नहीं, पंगा नहीं लेते ना. डियर इंडिया&quot;</p><p>इसके बाद कई पाकिस्तानी सोशल मीडिया यूज़र्स ने अपने अपने तर्कों के साथ उनकी आलोचना की. </p><p>अलजज़ीरा से जुड़ीं वरिष्ठ पत्रकार आलिया चुगताई लिखती हैं, &quot;ये बेहद अनुचित बात है. ख़ास तौर पर इस समय. काश, मंत्रियों में थोड़ी परिपक्वता होती.&quot;</p><p><a href="https://twitter.com/AliaChughtai/status/1170233499745509377">https://twitter.com/AliaChughtai/status/1170233499745509377</a></p><p>एक अन्य पाकिस्तानी ट्विटर यूज़र दानिका कमल लिखती हैं, &quot;हमारे पास मुश्किल से एक शहर से दूसरे शहर तक ले जाने के लिए एक एयरलाइन है. चांद तक जाने की बात तो भूल ही जाइए. अंकल अब आप बैठ जाइए.&quot;</p><p><a href="https://twitter.com/daanistan/status/1170182642958000128">https://twitter.com/daanistan/status/1170182642958000128</a></p><p>वहीं, एक पाकिस्तानी वकील ने ट्विटर पर लिखा है, &quot;भारत के क्रैश मिशन की असफलता का मज़ाक उड़ाना कुछ ऐसा है कि स्थानीय यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के ड्रॉपआउट से तुलना करें. हम मून तक जाने की रेस में भी नहीं हैं. हमें अपने अंतरिक्ष कार्यक्रम को विकसित करने की ज़रूरत है. नहीं, तो हमें आख़िर में शर्मसार होना पड़ेगा.&quot;</p><p><a href="https://twitter.com/MJibranNasir/status/1170083111213903872">https://twitter.com/MJibranNasir/status/1170083111213903872</a></p><p>एस अली रज़ा बुख़ारी लिखते हैं, &quot;मुझे नहीं पता है कि हम लोग उनका मज़ाक क्यों उड़ा रहे हैं. उन्होंने कम से कम कोशिश तो की है. और वो इसमें सफल होने के काफ़ी करीब भी है. ये सिर्फ़ खराब किस्मत की बात थी. उन्हें कोशिश करने के लिए पूरे नंबर मिलने चाहिए.&quot;</p><p>अल्ताफ़ बट्ट लिखते हैं, &quot;अल्लाह के लिए रुक जाइए, आप साइंस एंड टेक्नोलॉजी मिनिस्टर हैं. भारत को उनका मून मिशन रोकने का लेक्चर देने की जगह आप उस तारीख़ की घोषणा कर सकते थे जब आप भारत से पहले चांद तक पहुंचेंगे. इसे एक अवसर की तरह लीजिए.&quot;</p><p><a href="https://twitter.com/AltafButt_Pak/status/1170259328940429312">https://twitter.com/AltafButt_Pak/status/1170259328940429312</a></p><p>ट्विटर यूज़र हम्माद अज़ीज लिखते हैं, &quot;हम सभी उन्हें ट्रोल कर रहे हैं, जिनमें मैं भी शामिल हूं. लेकिन मंत्री जी, उन्होंने कोशिश तो की है और उनके अंदर अपनी असफलता स्वीकार करने का साहस तो है. मज़ाक की बात छोड़ दें तो ये इस कॉन्टिनेंट के लिए एक उपलब्धि है.&quot;</p><p><a href="https://twitter.com/hammadDReal/status/1170214712002469890">https://twitter.com/hammadDReal/status/1170214712002469890</a></p><p>इसके साथ ही एक अन्य छात्र मुहम्मद वसीम लिखते हैं, &quot;ये हमारे साइंस एंड टेक्नोलॉजी मिनिस्टर हैं जिनकी सोच है अंतरिक्ष में एक मिशन भेजना और चांद की कक्षा तक पहुंचना, पागलपन से भरा मिशन है और ये पैसे की बर्बादी है.</p><p><a href="https://twitter.com/iWaseemPK/status/1170269384616660992">https://twitter.com/iWaseemPK/status/1170269384616660992</a></p><p>पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता आसिफ़ ग़फ़ूर ने भी ट्वीट कर कहा है, ”बहुत बढ़िया इसरो. किसकी ग़लती है? पहला- बेगुनाह कश्मीरियों जिन्हें क़ैद कर रखा गया है? दूसरा- मुस्लिम और अल्पसंख्यक की? तीसरा- भारत के भीतर हिन्दुत्व विरोधी आवाज़? चौथा- आईएसआई? आपको हिन्दुत्व कहीं नहीं ले जाएगा.”</p><p><a href="https://twitter.com/Inayat_official/status/1170271531785584640">https://twitter.com/Inayat_official/status/1170271531785584640</a></p><p>काशिफ़ इनायत ने ट्वीट कर लिखा है, &quot;डियर आसिफ़ साहब, इसरो ने शानदार काम किया है. वैज्ञानिक समुदाय के सदस्य होने के नाते मैं इसरो को लगभग सफल मिशन के लिए बधाई देना चाहता हूं. हां, इसरो फेल हुआ है क्योंकि ये एक कठिन काम था. लेकिन उन्हें अहम डेटा मिला है जोकि उन्हें उनके अगले मिशन में मदद देगा.&quot;</p><p>वे लिखते हैं, &quot;मैं ये सलाह देना चाहता हूं कि पड़ोसियों को चिढ़ाने की जगह पाकिस्तान की साइंटिफिक कम्युनिटी पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए. मैं एक बार फिर इसरो को उनके प्रयासों के लिए बधाई देना चाहूंगा.&quot;</p><p><strong>(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप </strong><a href="https://play.google.com/store/apps/details?id=uk.co.bbc.hindi">यहां क्लिक</a><strong> कर सकते हैं. आप हमें </strong><a href="https://www.facebook.com/bbchindi">फ़ेसबुक</a><strong>, </strong><a href="https://twitter.com/BBCHindi">ट्विटर</a><strong>, </strong><a href="https://www.instagram.com/bbchindi/">इंस्टाग्राम</a><strong> और </strong><a href="https://www.youtube.com/bbchindi/">यूट्यूब</a><strong> पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)</strong></p>

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