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यूट्यूब चैनल के माध्यम से विद्यार्थियों को पढ़ा रहे हैं रितेश और साकेत

शिक्षक दिवस पर ऐसे शिक्षकों की प्रेरणादायीकहानी शौर्य पुंजइंटरनेट सेक्शनप्रभात खबर आदि काल से ही गुरु और शिष्य के बीच का संबंध गरिमामय रहा है. गुरु द्रोणाचार्य के कहने पर गुरुदक्षिणा के रु़प में अपना अंगूठा काट देने वाले एकलव्य के बारे में सब जानते होंगे. छात्र बचपन से युवावस्था तक पढलिखकर अपना और अपने […]

शिक्षक दिवस पर ऐसे शिक्षकों की प्रेरणादायीकहानी

शौर्य पुंज
इंटरनेट सेक्शन
प्रभात खबर

आदि काल से ही गुरु और शिष्य के बीच का संबंध गरिमामय रहा है. गुरु द्रोणाचार्य के कहने पर गुरुदक्षिणा के रु़प में अपना अंगूठा काट देने वाले एकलव्य के बारे में सब जानते होंगे. छात्र बचपन से युवावस्था तक पढलिखकर अपना और अपने गुरुजनों का नाम दुनिया में मशहूर करता आया है.

आज के दौर में गुरु शिष्य के रिश्तों में बदलाव देखे गए है. भले ही आज एकलव्य जैसे छात्र न मिले पर गुरु द्रोणाचार्य के जैसे कई शिक्षक समाज में मौजूद हैं जो छात्रो के हित और उनके बेहतर भविष्य के लिए नए नए माध्यमों से उनके भविष्य को बेहतर बनाने कि कोशिश में लगे हैं. आज कल ब्लैक बोर्ड या ग्रीन बोर्ड पर चॉक से लिखकर छात्रों को पढ़ाने वाले शिक्षकों के अलावा भी डिजिटल तकनीक के जरीए पढ़ाने वाले शिक्षकों से भी पढ़कर छात्र अपने कैरियर में चार चांद लगा रहे हैं.

शिक्षक दिवस के अवसर पर आज हम बात कर रहे हैं यूट्यूब चैनल के माध्यम से छात्रों के पढ़ाने वाले शिक्षक रितेश श्रीवास्तव और साकेत भदानी से. रितेश और साकेत बैंकिंग जगत की प्रतियोगी परीक्षाओं के छात्रों को निशुल्क तैयारी करवाते हैं.

रांची में पले बढ़े रितेश और साकेत पिछले 10 सालों से शिक्षा जगत में अपनी सेवा प्रदान कर रहे हैं. ये दोनों बताते हैं कि उन्हें लगा कि शिक्षा के जगत में नए आयाम की जरुरत है, इसलिए इन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में कदम रखा.भारत के अलग अलग शहरों में अपनी सेवा प्रदान करने के बाद इन्होंने अपने गृहनगर रांची में एक यूट्यूब चैनल की शुरुआत कि. साकेत बताते हैं कि उनका इस चैनल को शुरु करने का एक ही मकसद था ,कि जरुरतमंद छात्र कम से कम खर्च में अपनी प्रतियोगी परीक्षा की पढ़ाई करें. रितेश और साकेत अपनी टीम के साथ पैंथियन एडु नामक यूट्यूब चैनल की शुरुआत कर चुके हैं.

रितेश बताते हैं कि आने वाला वक्त ऑनलाइन माध्यम की पढ़ाई का होने वाला है, इसलिए वक्त के साथ उन्होंने पढ़ाने और पढ़ाने के अंदाज भी बदला है. साकेत बताते हैं कि यूट्यूब के माध्यम से पढ़ने का सबसे बड़ा फायदा ये होता है कि छात्र कभी भी और कहीं भी विषयों को पढ़ने से साथ साथ उसका रिविजन कर सकते हैं.

कोचिंग सेंटर में प्रतियोगी परीक्षा के लिए 8 से 10 महिने तक में तैयारी पूरी कराई जाती है, पर भविष्य में छात्रों को किसी विषय में जानकारी चाहिए होती है तो इसे परेशानी होती है, ऐसे में यूट्यूब चैनल उनकी मदद करता है. रितेश कहते हैं कि ऑनलाइन शिक्षा के माध्यम में शिक्षक के लिए सबसे बड़ी चुनौती रहती है छात्रों की मौजूदगी ना होना, उनके लिए कैमरा ही उनका छात्र रहता है.

रितेश और साकेत के पढाने के निराले अंदाज से उनके छात्र रितेश के पढ़ाए गए टॉपिक्स को बखूबी समझ जाते हैं. रितेश और साकेत की खुद की एक टीम है जो छात्रों के मैथ्स, रिजिनिंग, करंट अफेयर्स और बेंकिंग एवं फाइनंस जैसं विषयों यूट्यूब क्लासेस करवाते हैं. इनका ये कदम इसलिए भी अलग है क्योंकि झारखंड, बिहार जैसे हिंदी भाषी राज्य में इनका एकलौता ऐसा एजुकेटिव यूट्यूब चैनल है जिसे एक टीम मिलकर चला रही है.

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