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कश्मीर पर अमरीका में भी समर्थन और विरोध के स्वर

<figure> <img alt="विदेश में मोदी सरकार का विरोध" src="https://c.files.bbci.co.uk/498B/production/_108272881_20190809_184230.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Salim Rizvi/BBC</footer> </figure><p>भारत की नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर राज्य को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को ख़त्म करने के बाद इसके ख़िलाफ़, अमरीका में कश्मीरी मूल के लोगों ने प्रदर्शन किया.</p><p>न्यूयॉर्क में भारतीय काउंसलेट के सामने, संयुक्त राष्ट्र में भारतीय दूतावास […]

<figure> <img alt="विदेश में मोदी सरकार का विरोध" src="https://c.files.bbci.co.uk/498B/production/_108272881_20190809_184230.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Salim Rizvi/BBC</footer> </figure><p>भारत की नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर राज्य को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को ख़त्म करने के बाद इसके ख़िलाफ़, अमरीका में कश्मीरी मूल के लोगों ने प्रदर्शन किया.</p><p>न्यूयॉर्क में भारतीय काउंसलेट के सामने, संयुक्त राष्ट्र में भारतीय दूतावास के सामने और टाइम्स स्क्वायर में भी कश्मीर को लेकर भारत सरकार के ख़िलाफ़ विरोध-प्रदर्शन किए गए.</p><p>इन विरोध प्रदर्शनों में सैकड़ों की संख्या में भारत, पाकिस्तान और अन्य देशों से अमरीका आकर बसने वाले लोगों के अलावा अमरीकी लोग भी शामिल हुए.</p><p>इन प्रदर्शनों में पहुंचे कश्मीरी मूल के लोगों ने अपनी चिंताओं का इज़हार किया. इनमें से बहुत से लोगों के परिवार वाले भारत प्रशासित कश्मीर में रहते हैं और उनका कहना है कि उनके परिवार वालों के बारे में कोई ख़बर नहीं मिल पा रही है, जिस कारण वे बहुत परेशान हैं.</p><p>प्रदर्शन में शामिल एक भारतीय कश्मीरी महिला हफ़्सा कहती हैं, &quot;हम सब बहुत परेशान हो रहे हैं कि हम कश्मीर में अपने परिवार वालों से बहुत दिनों से बात नहीं कर पा रहे हैं. वह हमें फ़ोन नहीं कर सकते हैं, इंटरनेट भी बंद है.&quot; </p><p>&quot;मेरी नानी बहुत बीमार हैं मुझे कुछ नहीं पता चल रहा वह कैसी हैं. पता नहीं दवाएं भी नहीं मिल पा रही हैं या नहीं, कुछ खाने के लिए है या नहीं, कुछ नहीं पता. मीडिया में आ रही ख़बरों से पता चल रहा है कि हर जगह फ़ौज तैनात हैं और लोगों को घरों में बंद कर रखा है. हम इसीलिए विरोध करने आए हैं.&quot; </p><p>इसी विरोध प्रदर्शन में न्यूजर्सी में रहने वाली एक और भारतीय मूल की कश्मीरी अमरीकी महिला शीन ने परेशानी भरे स्वर में कहा कि उन्हें अपने परिवार वालों की कोई ख़बर नहीं मिल रही है.</p><p>भारतीय मूल की कश्मीरी अमरीकी महिला शीन का कहना था, &quot;एक हफ़्ते से कुछ नहीं पता चल रहा, फ़ोन नहीं है, इंटरनेट नहीं है, हमे अपने परिवार वालों की कोई ख़बर नहीं मिल रही. बहुत ही ख़राब हालात हैं. इस तरह की ख़बरें आ रही हैं कि गर्भवती महिलाएं अस्पताल नहीं जा पा रही हैं, छोटे बच्चों को दूध नहीं मिल पा रहा. लोगों को खाना नहीं मिल रहा है. दुनिया को कुछ करना चाहिए इस बारे में. बहुत ही बुरे हालात हैं.&quot;</p><figure> <img alt="विदेश में मोदी सरकार का विरोध" src="https://c.files.bbci.co.uk/17E23/production/_108272879_sheen-indiankashmiri.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Salim Rizvi/BBC</footer> </figure><h1>समर्थन में भी प्रदर्शन</h1><p>एक तरफ जहां विरोध प्रदर्शन जारी था तो सड़क के दूसरी तरफ़ भारतीय मूल के कुछ लोग, जिनमें कश्मीरी मूल के लोग भी शामिल थे, भारत सरकार के कश्मीर के बारे में लिए गए फ़ैसले के समर्थन में प्रदर्शन कर रहे थे.</p><p>इनमें से एक, कश्मीरी मूल के अरुण मोज़ा का कहना था, &quot;मुझे लगता है कि भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने आज तक कोई ऐसा फ़ैसला नहीं लिया है जो जनता के हक़ में न हो.&quot;</p><p>&quot;उनका नारा ही है- सबका साथ सबका विकास. मुझे पूरा भरोसा है कि प्रधानमंत्री जी ने जम्मू कश्मीर के हित में ही फैसला लिया है.&quot;</p><p>न्यूयॉर्क, न्यूजर्सी और आस-पास के इलाक़ों से आने वाले मुसलमान और कश्मीरी मूल के लोगों के अलावा बहुत से विभिन्न देशों के लोगों ने भी कश्मीर के हालात पर विरोध जताने के लिए प्रदर्शन में भाग लिया.</p><figure> <img alt="विदेश में मोदी सरकार का विरोध" src="https://c.files.bbci.co.uk/97AB/production/_108272883_20190809_173759.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Salim Rizvi/BBC</footer> </figure><h1>चिंताएं</h1><p>कई युवा अमरीकी भी बढ़-चढ़कर इस विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए और कश्मीर में मानवाधिकारों के कथित हनन के ख़िलाफ़ नारेबाज़ी की. ये प्रदर्शनकारी तरह-तरह के नारे लिखे हुए पोस्टर और प्लैकार्ड थामे हुए थे.</p><p>कुछ पोस्टरों पर लिखा था ‘कश्मीर को आज़ाद करो’, ‘कश्मीर में कत्लेआम बंद करो’, ‘हम कश्मीरी लोगों के साथ हैं’.</p><p>हालांकि कुछ प्रदर्शनकारियों ने यह भी कहा कि भारतीय सरकार जब कश्मीर में कर्फ़्यू हटाएगी तो हालात और भी बिगड सकते हैं.</p><p>तारिक़ रहमान न्यूयॉर्क में एक मुस्लिम संस्था इस्लामिक काउंसिल ऑफ़ नार्थ अमरीका या इकना से जुड़े हैं और इस विरोध प्रदर्शन के आयोजकों में शामिल हैं. </p><p>वो कहते हैं, &quot;कश्मीर में भारत सब कुछ बंद करके जो चाह रहा है, कर रहा है. लेकिन कब तक बंद रखेंगे. कभी न कभी तो कर्फ़्यू खोलेंगे ही. जब भारत कर्फ़्यू हटाएगा तो यह आग और भड़क जाएगी.&quot; </p><p>बहुत से प्रदर्शनकारियों ने यह मांग भी की, कि संयुक्त राष्ट्र इस मामले में कश्मीरी लोगों की मदद के लिए आगे आए और सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों पर अमल करवाए.</p><figure> <img alt="विदेश में मोदी सरकार के समर्थक" src="https://c.files.bbci.co.uk/12F3B/production/_108272677_modisupporters-favourabrogation370.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Salim Rizvi/BBC</footer> </figure><p>इस बीच जम्मू-कश्मीर के मामले में संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेश ने एक बयान में कहा कि, &quot;इस क्षेत्र में संयुक्त राष्ट्र की स्थिति का निर्धारण संयुक्त राष्ट्र के चार्टर और सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों से होता है.&quot;</p><p>उन्होंने भारत और पाकिस्तान से इस मुद्दे पर ‘अधिकतम संयम’ बरतने की अपील की है.</p><p>महासचिव गुटेरेश ने इस मुद्दे के समाधान के सिलसिले में साल 1972 में हुए <a href="https://www.bbc.com/hindi/international-49288910?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">’शिमला समझौते’ की याद भी दिलाई</a> है.</p><figure> <img alt="विदेश में मोदी सरकार का विरोध" src="https://c.files.bbci.co.uk/E5CB/production/_108272885_20190809_173809.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Salim Rizvi/BBC</footer> </figure><h1>पाकिस्तान का रुख़</h1><p>भारत की नरेंद्र मोदी सरकार ने जम्मू-कश्मीर राज्य को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के अधिकांश प्रावधानों को ख़त्म कर दिया है. कश्मीर में पिछले छह दिनों से कर्फ्यू लागू है और फ़ोन और संचार सेवाएं बंद हैं, मीडिया पर प्रतिबंध है. इस बीच ईद के मद्देनज़र प्रशासन की तरफ़ से कई इलाक़ों में कर्फ्यू में ढील दी गई थी.</p><p>इन सबके बीच श्रीनगर के कुछ इलाक़ों से विरोध प्रदर्शनों की भी ख़बरें आईं. सारी दुनिया की नज़रें लगी हैं कि आम कश्मीरी लोग अब भारत सरकार के 370 के बारे में फ़ैसले के बाद क्या रुख़ अपनाते हैं.</p><p>भारत सरकार के अनुच्छेद 370 ख़त्म किए जाने के बाद पाकिस्तान ने गहरी नाराज़गी जताते हुए भारत के साथ अपने कूटनीतिक रिश्तों के स्तर को कम किया है और द्विपक्षीय व्यापार को भी निलंबित कर दिया है. दोनों देशों के बीच चलने वाली बस और ट्रेनों को भी रद्द कर दिया गया है.</p><p>पाकिस्तान इस मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र और सुरक्षा परिषद समेत विभिन्न मंचों पर उठाना चाहता है. वहीं भारत ने इसे अपना आंतरिक मामला बताते हुए विरोध को ख़ारिज किया है. </p><p>उधर इसी सिलसिले में बीबीसी के अनुसार कुछ जिहादी समूहों ने भारत-प्रशासित कश्मीर की स्वायत्तता ख़त्म किए जाने के भारत के फैसले के जवाब में जिहाद की अपील की है. इन समूहों में से ज्यादातर पाकिस्तान में स्थित हैं. </p><p>बीबीसी मॉनिटरिंग के अनुसार इस्लामिक स्टेट समूह (आईएस) और अल-कायदा का समर्थन करने वाले कई जिहाद-समर्थक अकाउंट ने मैसेजिंग ऐप टेलिग्राम पर दोहराया कि भारत और पाकिस्तान, दोनों ने ही कश्मीर के लोगों से धोखा किया और उनके अनुसार सिर्फ जिहाद से ही कश्मीर विवाद का हल हो सकता है.</p><p><strong>(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप </strong><a href="https://play.google.com/store/apps/details?id=uk.co.bbc.hindi">यहां क्लिक</a><strong> कर सकते हैं. आप हमें </strong><a href="https://www.facebook.com/bbchindi">फ़ेसबुक</a><strong>, </strong><a href="https://twitter.com/BBCHindi">ट्विटर</a><strong>, </strong><a href="https://www.instagram.com/bbchindi/">इंस्टाग्राम</a><strong> और </strong><a href="https://www.youtube.com/bbchindi/">यूट्यूब</a><strong> पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)</strong></p>

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