<figure> <img alt="उन्नाव रेप मामला" src="https://c.files.bbci.co.uk/7C62/production/_108124813_313567f4-3c04-4b41-b8ca-96e4b662a64b.jpg" height="549" width="976" /> <footer>AFP</footer> <figcaption>दिल्ली में उन्नाव पीड़िता के लिए लोगों ने मार्च निकाला था.</figcaption> </figure><p><em>टाइम्स ऑफ़ इंडिया</em> में छपी <a href="https://timesofindia.indiatimes.com/india/filed-35-complaints-but-police-didnt-act-unnao-rape-survivors-kin/articleshow/70457087.cms">रिपोर्ट</a> के मुताबिक़ उन्नाव पीड़िता के एक रिश्तेदार का कहना है कि पीड़िता के परिवार ने पिछले एक साल में 35 पुलिस शिकायतें दर्ज कराईं थी.</p><p>परिवार ने पुलिस और प्रशासन को दी गई अपनी 35 लिखित शिकायतों में कहा था कि उन्हें अभियुक्त की ओर से हमले या नुक़सान की आशंका है. लेकिन इन अर्जियों के बावजूद पुलिस ने उनकी शिकायतों पर कोई कार्रवाई नहीं की.</p><p>परिवार ने ये आशंका भी जताई थी कि मामले के मुख्य अभियुक्त और बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर या उनके साथी उन्हें निशाना बना सकते हैं. </p><p>पीड़िता के रिश्तेदार ने बताया, "हम डर में जी रहे हैं. पिछले साल सीबीआई जांच शुरू करने के बाद से ही हमें जान से मारने की धमकियां मिल रही थी. डर इतना ज़्यादा था कि हमने माखी स्थित अपना घर तक छोड़ दिया."</p><p>उन्नाव के एसपी एमपी वर्मा ने भी स्वीकार किया कि पुलिस को 33 शिकायतें मिली थीं लेकिन ‘उनमें कोई दम नज़र नहीं आया, इसलिए उन्हें ख़ारिज कर दिया गया.’ </p><p><strong>ये भी पढ़ें</strong><strong>: </strong><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-49161426?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">उन्नाव पीड़िता का परिवार जब आपबीती बताते हुए रो पड़ा</a></p><figure> <img alt="कश्मीर" src="https://c.files.bbci.co.uk/CA82/production/_108124815_fcffd4bf-d23d-412e-85df-8d7f01ee231c.jpg" height="549" width="976" /> <footer>Getty Images</footer> <figcaption>सांकेतिक तस्वीर</figcaption> </figure><h3>’पाकिस्तान के साथ जाना आज़ादी है तो जाओ'</h3><p><em>नवभारत टाइम्स</em> की एक <a href="https://navbharattimes.indiatimes.com/state/jammu-and-kashmir/srinagar/no-independece-can-be-given-on-cost-of-breaking-india-said-satyapal-malik/articleshow/70451149.cms">ख़बर </a>के अनुसार जम्मू-कश्मीर के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने मंगलवार को एक कार्यक्रम के दौरान एक वाकये का ज़िक्र करते हुए जम्मू-कश्मीर को एक बार फिर भारत का अभिन्न अंग बताया.</p><p>मलिक ने कहा, ”कश्मीर में राज करने वाले लोग यहां के लोगों को इतने सपने दिखाते रहे. एक बार तो मेरे शॉलवाले ने भी मुझसे पूछा था कि क्या हम आज़ाद हो जाएंगे? मैंने उससे कहा कि तुम तो आज़ाद ही हो, लेकिन अगर तुम पाकिस्तान के साथ जाने को आज़ादी समझते हो तो चले जाओ पाकिस्तान, लेकिन हिंदुस्तान को तोड़कर कोई आज़ादी नहीं मिलेगी.” </p><p><a href="https://twitter.com/ANI/status/1156157304099758080">https://twitter.com/ANI/status/1156157304099758080</a></p><p>मलिक का यह बयान ऐसे वक़्त में आया है जब जम्मू-कश्मीर में लगातार हलचल बनी हुई है. केंद्र सरकार ने हाल ही में जम्मू-कश्मीर में 10 हज़ार अतिरिक्त सुरक्षाबलों की तैनाती का आदेश दिया है. </p><p>इसके बाद से ही कयास लगाए जा रहे हैं कि केंद्र सरकार कश्मीर से संबंधित संविधान के अनुच्छेद 35ए को लेकर कोई बड़ा फ़ैसला कर सकती है. हालांकि राज्यपाल ने इन कयासों को अफ़वाह बताया और लोगों से अपील की कि इन पर ध्यान न दें. </p><figure> <img alt="कुलदीप सिंह सेंगर" src="https://c.files.bbci.co.uk/118A2/production/_108124817_5bd0d0de-557f-4069-b63d-cb8daa43f46a.jpg" height="549" width="976" /> <footer>FACEBOOK/IKULDEEPSENGAR</footer> </figure><h3>उन्नाव रेप पीड़िता ने CJI को लिखी थी चिट्ठी</h3><p><em>इंडियन एक्सप्रेस</em> की<a href="http://epaper.indianexpress.com/2265100/Delhi/July-31-2019#page/1/3"> रिपोर्ट</a> के अनुसार उन्नाव बलात्कार पीड़िता ने कार हादसे में बुरी तरह जख़्मी होने से कुछ ही दिन पहले भारत के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस रंजन गोगोई को चिट्ठी लिखी थी. </p><p>पीड़िता ने सीजेआई को लिखे पत्र में इस मामले के अभियुक्तों द्वारा उसे धमकी दिए जाने और अपनी जान के ख़तरे के बारे में शिकायत की थी. </p><p>अख़बार सुप्रीम कोर्ट के सूत्रों के हवाले से लिखता है कि पीड़िता और उसके परिजनों द्वारा हिंदी में लिखी हुई ये चिट्ठी मंगलवार को मुख्य न्यायाधीश के कार्यालय में पहुंची थी. चीफ़ जस्टिस रंजन गोगोई ने महासचिव को इस पत्र के आधार पर एक नोट तैयार करके पेश करने का आदेश दिया है.</p><p>पीड़िता और उनके परिवार के दो सदस्यों द्वारा लिखी गई इस चिट्ठी में 12 जुलाई की तारीख़ है.</p><p><strong>ये भी पढ़ें</strong><strong>: </strong><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-46709346?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">अगस्ता वेस्टलैंडः ईडी का दावा मिशेल ने लिया ‘मिसेज गांधी’ का नाम</a></p><figure> <img alt="अगस्ता वेस्टलैंड" src="https://c.files.bbci.co.uk/166C2/production/_108124819_e1b767a0-8efe-4786-9a38-c3263dd08755.jpg" height="549" width="976" /> <footer>LEONARDO COMPANY</footer> </figure><h3>अगस्ता घोटाला: गवाह लापता, मुख्यमंत्री के भांजे पर शक़</h3><p><em>दैनिक जागरण</em> में <a href="https://epaper.jagran.com/epaper/31-jul-2019-262-national-edition-national-page-3.html#">ख़बर</a> है कि प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ के भांजे रतुल पुरी की अग्रिम ज़मानत याचिका का विरोध किया है. </p><p>ईडी ने विशेष अदालत में कहा कि अगस्ता वेस्टलैंड घोटाले में एक गवाह लापता है और उसकी हत्या की आशंका है. </p><p>प्रवर्तन निदेशालय को गवाह की हत्या का शक़ रतुल पुरी पर है. प्रवर्तन निदेशालय ने कहा है कि रतुल के खिलाफ़ कोई गवाही देने सामने नहीं आ रहा है और न ही वो ख़ुद जांच में सहयोग कर रहे हैं. </p><p>ईडी ने इस मामले में किसी भी तरह के राजनीतिक द्वेष की आशंका से भी इनकार किया है. दूसरी ओर अदालत ने पुरी की गिरफ्त़ारी से राहत बुधवार तक बढ़ा दी है. </p><p>प्रवर्तन निदेशालय ने ये भी कहा है कि रतुल पुरी ने इस हेलिकॉप्टर सौदे में रिश्वत ली है.</p><p><strong>ये भी पढ़ें</strong><strong>: </strong><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-49173119?xtor=AL-73-%5Bpartner%5D-%5Bprabhatkhabar.com%5D-%5Blink%5D-%5Bhindi%5D-%5Bbizdev%5D-%5Bisapi%5D">तीन तलाक़: मुसलमान औरतों को राहत या गले की फांस?</a></p><figure> <img alt="तीन तलाक़" src="https://c.files.bbci.co.uk/299C/production/_108125601_898d1b94-f2e8-4eba-accf-490357ead08b.jpg" height="549" width="976" /> <footer>AFP</footer> <figcaption>सांकेतिक तस्वीर</figcaption> </figure><h3>तीन तलाक़ नाक़बूल, तीन तलाक़ से आज़ादी</h3><p>भारतीय अख़बारों ने राज्यसभा में तीन तलाक़ विधेयक पारित होने की ख़बर को प्रमुखता से जगह दी है और ख़बरों को दिलचस्प सुर्खियों के साथ पहले पन्ने पर छापा है. </p><p>जनसत्ता का शीर्षक है: <strong>तीन तलाक़ नाक़बूल</strong></p><p>दैनिक जागरण लिखता है:<strong> तत्काल तीन तलाक़ देने वाले जाएंगे जेल</strong></p><p>अमर उजाला की हेडिंग है: <strong>तीन तलाक़ से आज़ादी</strong></p><p>दैनिक भास्कर ने शीर्षक दिया है: <strong>तीन तलाक़ अब ग़ुनाह</strong></p><p>इंडियन एक्सप्रेस की हेडलाइन है : <strong><em>Law is in, Instant Triple Talaq becomes a crime</em></strong>. साथ ही अख़बार के फ़्रंट पेज पर केंद्रीय क़ानून मंत्री रविशंकर प्रसाद की एक बड़ी सी तस्वीर है जिसमें वो मुस्कुराते हुए विजयी मुद्रा में नज़र आ रहे हैं.</p><p>इसके अलावा तीन तलाक़ विधेयक को राज्यसभा में पारित करने के लिए सरकार ने कैसे संख्याबल जुटाया, इस बारे में भी अख़बारों में लेख और विश्लेषण प्रकाशित किए हैं.</p><p><strong>(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप </strong><a href="https://play.google.com/store/apps/details?id=uk.co.bbc.hindi">यहां क्लिक</a><strong> कर सकते हैं. आप हमें </strong><a href="https://www.facebook.com/bbchindi">फ़ेसबुक</a><strong>, </strong><a href="https://twitter.com/BBCHindi">ट्विटर</a><strong>, </strong><a href="https://www.instagram.com/bbchindi/">इंस्टाग्राम </a><strong>और </strong><a href="https://www.youtube.com/user/bbchindi">यूट्यूब</a><strong>पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)</strong></p>
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उन्नाव: ’35 बार शिकायत की, कोई कार्रवाई नहीं हुई’-प्रेस रिव्यू
<figure> <img alt="उन्नाव रेप मामला" src="https://c.files.bbci.co.uk/7C62/production/_108124813_313567f4-3c04-4b41-b8ca-96e4b662a64b.jpg" height="549" width="976" /> <footer>AFP</footer> <figcaption>दिल्ली में उन्नाव पीड़िता के लिए लोगों ने मार्च निकाला था.</figcaption> </figure><p><em>टाइम्स ऑफ़ इंडिया</em> में छपी <a href="https://timesofindia.indiatimes.com/india/filed-35-complaints-but-police-didnt-act-unnao-rape-survivors-kin/articleshow/70457087.cms">रिपोर्ट</a> के मुताबिक़ उन्नाव पीड़िता के एक रिश्तेदार का कहना है कि पीड़िता के परिवार ने पिछले एक साल में 35 पुलिस शिकायतें दर्ज कराईं थी.</p><p>परिवार ने पुलिस […]
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