बिश्केक : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को एकतरफा नीतियों और व्यापार में संरक्षणवाद पर शुक्रवार को चिंता जाहिर की. उन्होंने कहा कि नियम आधारित, भेदभाव रहित और हर तरीके से समावेशी विश्व व्यापार संगठन केंद्रित बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली की जरूरत है. मोदी ने शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए यहां कहा कि एकतरफावाद और संरक्षणवाद से लोगों को किसी तरह का फायदा नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि आर्थिक तालमेल हमारे लोगों के भविष्य का आधार है.
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मोदी ने कहा कि हमें नियम आधारित, पारदर्शी, भेदभाव रहित, खुली और समावेशी डब्ल्यूटीओ केंद्रित बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली की जरूरत है, जो सभी देशों विशेषकर विकासशील देशों के हितों का ख्याल रख सके. प्रधानमंत्री ने चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग की मौजूदगी में कहा कि भारत एससीओ के सदस्य देशों के बीच आर्थिक सहयोग के लिए अनुकूल माहौल बनाने के लिए प्रतिबद्ध है.
इससे पहले मोदी ने गुरुवार को कहा था कि उनकी शी के साथ बैठक काफी रचनात्मक रही. इस बैठक में द्विपक्षीय संबंधों के सभी पहलुओं पर बातचीत हुई. दोनों देशों ने आर्थिक और सांस्कृतिक रिश्तों को मजबूत करने के लिए मिलकर काम करने की प्रतिबद्धता जतायी. इस बीच, एससीओ के नेताओं ने भी वैश्विक अर्थव्यवस्था में तनाव के माहौल पर शुक्रवार को चिंता जताते हुए कहा कि एकतरफा संरक्षणवादी नीतियों में वृद्धि समेत वैश्विक व्यापार की अन्य चुनौतियों से आर्थिक वैश्वीकरण की प्रक्रिया प्रभावित हो रही है.
आठ सदस्यीय समूह के नेताओं ने कहा कि डब्ल्यूटीओ के नियमों एवं नियमनों का उल्लंघन करने वाले एकतरफा संरक्षणवादी कदमों से बहुपक्षीय व्यापार प्रणाली का महत्व कम हो रहा है और इससे वैश्विक अर्थव्यवस्था तथा व्यापार को नुकसान हो रहा है. एससीओ की राष्ट्रों के प्रमुखों की समिति की एक बैठक के बाद नेताओं ने राजनीति, सुरक्षा, व्यापार और अर्थव्यवस्था के क्षेत्रों में तालमेल विकसित करने तथा सांस्कृतिक एवं मानवीय संबंधों को बढ़ाने की भी वकालत की.