सुनील चौधरी
रांची : लोकसभा चुनाव की घोषणा होते ही इनदिनों झारखंड में राजनीतिक हलचल तेज हो गयी है. दलबदलुओं की चल पड़ी है. कई पार्टियों में तो भगदड़ सी मच गयी है. पर यह भी तय है कि 14 लोकसभा सीट झारखंड से है तो किसी भी एक पार्टी से अधिकतम 14 लोगों को ही टिकट मिल सकता है. वहीं गठबंधन में शामिल दल तो टिकट की संभावना और भी कम हो जाती है क्योंकि उनके कोटे में सीट कम है.
वहीं कुछ दलों को प्रत्याशी तक नहीं मिल रहे हैं तो दूसरे दल में प्रत्याशी ढूंढ़ रहे हैं. जिसके कारण दलबदलुओं की चल पड़ी है. कुछ नेता तो लोकसभा के बहाने विधानसभा चुनाव में अपना भविष्य देख रहे हैं, इसे लेकर पहले ही पाला बदल रहे हैं ताकि विधानसभा में मौका मिल सके. वजह है कि झारखंड में विधानसभा चुनाव भी नवंबर-दिसंबर में होना है.
दल बदला टिकट पक्का : हाल ही में राष्ट्रीय जनता दल की प्रदेश अध्यक्ष अन्नपूर्णा देवी ने राजद छोड़ कर भाजपा का दामन थाम लिया है. उनका लोकसभा टिकट कोडरमा या चतरा से पक्का माना जा रहा है.
उनके साथ ही राजद के पूर्व विधायक जनार्दन पासवान ने भी भाजपा का दामन थाम लिया. उनकी नजर चतरा विधानसभा चुनाव पर है. हालांकि भाजपा की ओर से सत्यानंद भोक्ता चतरा सीट से चुनाव लड़ते रहे हैं. पर इस बार जनार्दन पासवान जोर लगायेंगे. राजद की अगली कड़ी में राजद के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व पूर्व विधायक गिरिनाथ सिंह ने भी गुरुवार को नयी दिल्ली में भाजपा का दामन थाम लिया.
हालांकि राजद द्वारा तीन दिन पहले ही उन्हें निष्कासित कर दिया गया था, पर राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद से पैरवी कर उन्होंने सदस्यता वापस बहाल करायी और फिर एक झटके में ही राजद को छोड़ दिया. कहा जा रहा है कि चतरा लोकसभा सीट से भाजपा उन्हें अपना उम्मीदवार बना सकती है. यदि उन्हें चतरा लोकसभा सीट का टिकट मिलता है, तो अन्नपूर्णा देवी को कोडरमा सीट का टिकट मिलने की संभावना है. इन तीनों को देख राजद के कई और नेता भी भाजपा के संपर्क में हैं.
इसके पूर्व भाजपा ने झारखंड विकास मोर्चा (झाविमो) के दो नेताओं को अपने पाले में किया था. इनमें प्रभात भुइंया और नीलम देवी शामिल हैं. नीलम देवी चतरा की हैं, जबकि प्रभात भुइयां पलामू से हैं. आरंभ में चर्चा थी कि प्रभात भुइयां को पलामू लोकसभा सीट से टिकट मिलेगा. पर उन्हें विधानसभा सीट का आश्वासन दिया गया है. कुछ यही बात नीलम देवी के साथ भी है. लोकसभा में मौका न देकर विधानसभा में उन्हें मौका दिया जा सकता है.
इधर भाजपा के विधायक ताला मरांडी भी झामुमो के संपर्क में हैं. खबर है कि वह भी जल्द ही पाला बदल सकते हैं और झामुमो का दामन थाम सकते हैं.
उनकी नजर विधानसभा चुनाव पर है. हेमंत सोरेन से उनकी मुलाकात हो चुकी है. बोरियो सीट से अभी वह भाजपा के विधायक हैं. आजसू के विकास मुंडा भी झामुमो से संपर्क बनाये हुए हैं. उनकी मुलाकात भी हेमंत सोरेन से हो चुकी है. वह भी अगला विधानसभा चुनाव झामुमो के टिकट पर लड़ना चाहते हैं. वह अभी तमाड़ से विधायक हैं.
पौलुस सुरीन को कांग्रेस से मिला था प्रस्ताव : झामुमो के विधायक पौलुस सुरीन को कांग्रेस में शामिल होने का प्रस्ताव मिला था. उन्हें खूंटी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने का प्रस्ताव दिया गया था, पर पौलुस सुरीन ने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया था.
