वाशिंगटन : संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के राजनयिकों ने चीन को चेतावनी दी है कि यदि वह जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित किये जाने के मार्ग को बाधित करना जारी रखता है, तो जिम्मेदार सदस्य देश सुरक्षा परिषद में ‘अन्य कदम उठाने पर मजबूर’ हो सकते हैं.
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सुरक्षा परिषद के एक राजनयिक ने चीन को असाधारण रूप से कड़ी चेतावनी देते हुए कहा, ‘यदि चीन इस कार्य में बाधा पैदा करना जारी रखता है, तो जिम्मेदार सदस्य देश सुरक्षा परिषद में अन्य कदम उठाने पर मजबूर हो सकते हैं. ऐसी स्थिति उत्पन्न नहीं होनी चाहिए.’ राजनयिक ने अपनी पहचान गोपनीय रखने की शर्त पर यह बात कही.
सुरक्षा परिषद में एक अन्य राजनयिक ने कहा, ‘चीन ने सूची में अजहर को शामिल किये जाने के कदम को चौथी बार बाधित किया है. चीन को समिति को अपना वह काम करने से रोकना नहीं चाहिए, जो सुरक्षा परिषद ने उसे सौंपा है.’ संयुक्त राष्ट्र प्रतिबंध समिति में होने वाला विचार-विमर्श गोपनीय होता है और इसलिए सदस्य देश सार्वजनिक रूप से इस पर टिप्पणी नहीं कर सकते. इसलिए राजनयिक ने भी अपनी पहचान गोपनीय रखे जाने का आग्रह किया.
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उन्होंने कहा, ‘चीन का यह कदम आतंकवाद के खिलाफ लड़ने और दक्षिण एशिया में क्षेत्रीय स्थिरता को बढ़ावा देने के उसके स्वयं के बताये लक्ष्यों के विपरीत है.’ उन्होंने पाकिस्तान की जमीन पर सक्रिय आतंकवादी समूहों और उसके सरगनाओं को बचाने के लिए चीन पर निर्भर रहने को लेकर पाकिस्तान की भी आलोचना की.
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और विदेश मंत्रालय के उप प्रवक्ता रोबर्ट पलाडिनो ने भी कहा था कि अजहर मसूद को वैश्विक आतंकवादी घोषित किये जाने के लिए पर्याप्त कारण हैं. अमेरिकी कांग्रेस के सदस्य ब्रैड शेरमैन ने चीन के इस कदम को अस्वीकार्य करार दिया और कहा, ‘चीन ने एक बार फिर संयुक्त राष्ट्र को उस जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर पर प्रतिबंध लगाने से रोक दिया, जिसने फरवरी में भारत में पुलवामा हमला किया था. मैं चीन से अपील करता हूं कि वह संयुक्त राष्ट्र को अजहर पर प्रतिबंध लगाने दे.’
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हेरिटेज फाउंडेशन के जेफ स्मिथ, ‘द अमेरिकन इंडिया पब्लिक अफेयर्स कमेटी’ के अध्यक्ष जगदीश सेवहानी और अमेरिकन इंटरप्राइज इंस्टीट्यूट के सदानंद धूमे समेत अमेरिकी थिंक टैंक के कई सदस्यों ने भी चीन के इस कदम की निंदा की. उल्लेखनीय है कि चीन ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने वाले प्रस्ताव पर बुधवार को तकनीकी रोक लगा दी.
फ्रांस, ब्रिटेन और अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की ‘1267 अल कायदा सैंक्शंस कमेटी’ के तहत अजहर को आतंकवादी घोषित करने का प्रस्ताव 27 फरवरी को पेश किया था. गौरतलब है कि 14 फरवरी को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में जैश-ए-मोहम्मद के आत्मघाती हमलावर ने सीआरपीएफ के काफिले पर आत्मघाती हमला किया था, जिसमें 40 जवानों की मौत हो गयी थी. इस हमले के कारण भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है.