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NASA : जलवायु परिवर्तन से बढ़ सकती है भयंकर तूफान आने की दर

वाशिंगटन : जलवायु परिवर्तन के कारण उष्णकटिबंधीय महासागरों का तापमान बढ़ने से सदी के अंत में बारिश के साथ भयंकर बारिश और तूफान आने की दर बढ़ सकती है. नासा के एक अध्ययन में यह बात सामने आयी है. इसे भी पढ़ें : अमेरिका के महत्वपूर्ण सामरिक साझेदारों में से एक है भारत : शीर्ष […]

वाशिंगटन : जलवायु परिवर्तन के कारण उष्णकटिबंधीय महासागरों का तापमान बढ़ने से सदी के अंत में बारिश के साथ भयंकर बारिश और तूफान आने की दर बढ़ सकती है. नासा के एक अध्ययन में यह बात सामने आयी है.

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अमेरिका में नासा के ‘जेट प्रोपल्शन लेबोरेटरी’ (जेपीएल) के नेतृत्व में यह अध्ययन किया गया. इसमें औसत समुद्री सतह के तापमान और गंभीर तूफानों की शुरुआत के बीच संबंधों को निर्धारित करने के लिए उष्णकटिबंधीय महासागरों के ऊपर अंतरिक्ष एजेंसी के वायुमंडलीय इन्फ्रारेड साउंडर (एआइआरएस) के उपकरण द्वारा अधिग्रहीत 15 वर्षों के आकंड़ों का अध्ययन किया गया.

अध्ययन में पाया गया कि समुद्र की सतह का तापमान लगभग 28 डिग्री सेल्सियस से अधिक होने पर गंभीर तूफान आते हैं. ‘जियोफिजिकल रिसर्च लेटर्स’ में प्रकाशित अध्ययन में यह भी पाया गया कि समुद्र की सतह के तापमान में वृद्धि के कारण हर एक डिग्री सेल्सियस पर 21 प्रतिशत अधिक तूफान आते हैं.

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‘जेपीएल’ के हार्टमुट औमन ने कहा, ‘यह आम समझ की बात है कि गर्म वातावरण में गंभीर तूफान बढ़ जाते हैं. भारी बारिश के साथ तूफान आमतौर पर साल के सबसे गर्म मौसम में ही आते हैं.’ औमन ने कहा, ‘लेकिन आंकड़ों से हमें इसका एक पहला परिमाणात्मक अनुमान मिला है कि वह कितना बढ़ सकते हैं. कम से कम उष्णकटिबंधीय महासागरों के संबंध में.’

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