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कॉन्स्टेबल ने स्तनपान करवाकर बचाई लावारिस बच्ची की जान

<p>बेंगलुरु में एक महिला पुलिस कॉन्स्टेबल ने लावारिस छोड़ दी गई एक बच्ची को स्तनपान करवाकर उसकी जान बचाई है.</p><p>कॉन्स्टेबल ने ऐसा तब किया जब वह अपनी ड्यूटी के सिलसिले में अस्पताल आई थीं. </p><p>बुधवार सुबह पुलिस स्टेशन ने संगीता हलीमणि को यह ज़िम्मेदारी सौंपी थी कि वो उत्तर बेंगलुरु के येलाहंका स्थित सरकारी अस्पताल […]

<p>बेंगलुरु में एक महिला पुलिस कॉन्स्टेबल ने लावारिस छोड़ दी गई एक बच्ची को स्तनपान करवाकर उसकी जान बचाई है.</p><p>कॉन्स्टेबल ने ऐसा तब किया जब वह अपनी ड्यूटी के सिलसिले में अस्पताल आई थीं. </p><p>बुधवार सुबह पुलिस स्टेशन ने संगीता हलीमणि को यह ज़िम्मेदारी सौंपी थी कि वो उत्तर बेंगलुरु के येलाहंका स्थित सरकारी अस्पताल जाकर वहां भर्ती की जा रही लावारिस बच्ची के बारे में जानकारी जुटाए.</p><p>संगीता ने बीबीसी हिंदी को बताया, &quot;जब मैं वहां पहुंची तो देखा कि वे उसे ग्लूकोज़ ड्रिप चढ़ा रहे थे. घर पर मेरा 10 महीने का बच्चा है. ऐसे में मैंने उनसे पूछा कि क्या मैं इसे दूध पिला सकती हूं. डॉक्टरों ने इसकी इजाज़त दे दी.&quot;</p><p>यह बच्ची सुबह-सुबह सैर पर निकले एक शख़्स को कृषि विश्वविद्यालय के परिसर में लावारिस हालत में मिली थी. </p><p>25 साल की महिला पुलिस कॉन्स्टेबल ने बताया, &quot;वह धूल और गंदगी से सनी हुई थी. चींटियों ने भी बच्ची को काट लिया था.&quot;</p><h1>ख़तरे से बाहर</h1><p>बच्ची को स्तनपान करवाने के बाद उसे शहर के रेफ़रल सरकारी अस्पताल ‘वाणी विलास अस्पताल’ में शिफ्ट कर दिया क्योंकि उसे इन्फ़ेक्शन होने का ख़तरा था.</p><p>येलाहंका अस्पताल की मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉक्टर असमा तबस्सुम ने कहा, &quot;बच्ची को हाइपोग्लाइसीमिया हो सकता था जिसमें ब्लड शुगर का स्तर बहुत कम हो जाता है. हमारा अंदाज़ा है कि इस बच्ची का जन्म एक दिन पहले हुआ होगा या फिर शायद 10-12 घंटे पहले.&quot;</p><p>वहीं वाणी विलास अस्पताल के रेज़िडेंट मेडिकल ऑफ़िसर डॉक्टर रविद्रनाथ मेटी ने कहा, &quot;बच्ची अब ठीक हालत में है.&quot;</p><p>दोनों डॉक्टरों ने कहा कि इस बात में कोई शक नहीं है कि स्तनपान ने ज़िंदा बचे रहने में बच्ची की बहुत मदद की.</p><p>डॉक्टर तबस्सुम ने कहा, &quot;इससे वाक़ई फ़ायदा हुआ होगा. इससे बच्ची में स्वाभाविक रूप से दूध पीने की प्रक्रिया शुरू हो गई. इससे उसे आगे दूध पिलाने में सुविधा होगी.&quot;</p> <ul> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-44891134">स्तनपान का मामला आख़िर कोर्ट में क्यों है</a></li> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-43249182">स्तनपान कराती महिला की तस्वीर पर बहस क्यों?</a></li> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/international-39906216">झुलसे हुए शरीर से उम्मीदों को स्तनपान</a></li> <li><a href="https://www.bbc.com/hindi/india-44370166">महिला पुलिसकर्मी ने लावारिस नवजात को अपना दूध पिलाया</a></li> </ul><p>डॉक्टर मेटी ने कहा, &quot;बच्चों को स्तनपान करवाने से हाइपोग्लाइसीमिया या ब्लड शुगर का स्तर कम होने की स्थिति में सुधार होता है. इसके साथ ही त्वचा के संपर्क में आने से बच्चे की हालत में सुधार होता है.&quot;</p><h1>हर जगह हो रही है तारीफ़</h1><p>कॉन्स्टेबल संगीता ने भी वाणी विलास अस्पताल जाकर बच्ची की हालत का जायज़ा लिया.</p><p>संगीता ने कहा, &quot;डॉक्टरों ने मुझे बताया कि वह ठीक है. मेरे पास इतनी हिम्मत नहीं थी कि उसे अस्पताल में छोड़कर ऐसे ही आ जाऊं. जब मैं घर पहुंची और अपने बच्चे को देखा, तब मुझे चैन आया.&quot;</p><p>संगीता कहती हैं, &quot;मेरे पति कहते हैं कि तुमने बहुत अच्छा काम किया है.&quot;</p><p>हर तरफ़ से तारीफ़ बटोर रहीं पुलिस कॉन्स्टेबल कहती हैं, &quot;मैं इस बच्ची को गोद नहीं ले पाऊंगी क्योंकि मुझे अपने बच्चे की भी देखभाल करनी है.&quot;</p><p><strong>(बीबीसी हिन्दी के एंड्रॉएड ऐप के लिए आप </strong><a href="https://play.google.com/store/apps/details?id=uk.co.bbc.hindi">यहां क्लिक</a><strong> कर सकते हैं. आप हमें </strong><a href="https://www.facebook.com/bbchindi">फ़ेसबुक</a><strong>, </strong><a href="https://twitter.com/BBCHindi">ट्विटर</a><strong>, </strong><a href="https://www.instagram.com/bbchindi/">इंस्टाग्राम</a><strong> और </strong><a href="https://www.youtube.com/bbchindi/">यूट्यूब</a><strong> पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं.)</strong></p>

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