होशंगाबाद से मिथिलेश
-अर्जुन सिंह को हराने वाले सरताज बने भाजपा की चुनौती
अवैध रेत खनन के लिए कुख्यात होशंगाबाद इन दिनों भाजपा के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है. भाजपा में रहते हुए यहां से चार बार सांसद बनने वाले सरताज सिंह ने पार्टी छोड़ कांग्रेस का दामन थाम लिया है. वे भाजपा के दिग्गज नेता विधानसभा अध्यक्ष सीता शरण शर्मा को चुनौती दे रहे हैं. सरताज की नाराजगी भाजपा के लिए भारी साबित हो सकती है, क्योंकि एक जमाने में उन्होंने कांग्रेसी दिग्गज अर्जुन सिंह को होशंगाबाद लोकसभा की सीट पर परास्त कर दिया था. सरताज भाजपा में रहते हुए चार बार सांसद बनने के अलावा दो बार शिवनी मालवा विधानसभा सीट से विधायक भी रह चुके हैं. इस बार भाजपा ने उनका टिकट काट कर पूर्व विधायक प्रेमशंकर वर्मा को उम्मीदवार बनाया है. होशंगाबाद जिले में विस की चार और पूरे संभाग यानी प्रमंडल की 11 सीटें हैं. इनमें 10 सीटों पर भाजपा काबिज है और एक पर कांग्रेस के पास है.
वैध रेत खनन के लिए कुख्यात है होशंगाबाद : इस बार यहां के चौक-चौराहे चुनावी पोस्टरों से पटे नहीं दिखते. गांव हो या शहर, लोग अपनी रोजी रोटी के लिए मशगूल दिखते हैं. नर्मदा नदी के किनारे बसे होशंगाबाद की चर्चा दूर-दूर तक है. यहां रेत के ठेकेदारों की चांदी है. यहां सरकारी नौकरी कर रहे अमित सिंह बताते हैं कि मामूली सी नौकरी करने वाला आदमी भी यहां रेत का धंधा कर अरबपति बन बैठा है. जेसीबी मशीन पर दैनिक मजदूरी करने वाले झारखंड के गिरिडीह जिले के नावाडीह के भीमा महतो कहते हैं कि पहले बिहार और झारखंड के मजदूरों का यहां तांता लगा रहता था. अब दिक्कत हो गयी है.
भोजपुर सीट : भोपाल से सटी भोजपुर विधानसभा सीट पर भाजपा की प्रतिष्ठा दावं पर लगी है. यहां पूर्व मुख्यमंत्री सुंदर लाल पटवा के भतीजे सुरेंद्र पटवा भाजपा से उम्मीदवार हैं. इनके मुकाबले में कांग्रेस ने पूर्व मंत्री सुरेश पचौरी को चुनाव मैदान में उतारा है. यहां के मंडीदीप में शुक्रवार को राहुल गांधी की सभा हुई थी. सभा में राहुल को खुब समर्थन मिला. यहां भी भाजपा को अपने जनाधार में सेंधमारी की आशंका है.
शिवनी सीट : भाजपा की एक और मुश्किल शिवनी विस क्षेत्र में दिख रही है. यहां सीएम शिवराज सिंह चौहान के साले संजय सिंह मसानी कांग्रेस उम्मीदवार के तौर पर भाजपा और खुद शिवराज के लिए भारी चुनौती बने हुए हैं. संजय सिंह की छवि इलाके में अच्छी है, पर उनका चुनाव के वक्त कांग्रेस का हाथ थामना शायद उनके लिए ठीक नहीं हो.
ये भी जानें
-चार बार सांसद, दो बार विधानसभा सदस्य रह चुके हैं सरताज
-होशंगाबाद प्रमंडल में पिछले परिणाम को दुहराना भाजपा के लिए मुश्किल
-भोजपुर और शिवनी की सीट पर भी है कड़ी टक्कर