वाशिंगटन : अमेरिका में ट्रंप प्रशासन ने विधि निर्माताओं और अमेरिकी कॉरपोरेट क्षेत्र को भरोसा दिया है कि एच-4 वीजाधारक पति या पत्नी को कार्य करने की मंजूरी रद्द करने के उसके प्रस्ताव पर जनता को राय देने मौका मिलेगा. सांसदों और अमेरिकी कॉरपोरेट क्षेत्र ने इस कदम पर चिंता जतायी थी, जिससे हजारों भारतीय प्रभावित होंगे. एच-4 वीजा एच-1 बी धारक विदेशी पेशेवरों के पति या पत्नी को जारी किये जाते हैं.
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अमेरिका में एच-4 वीजाधारकों में भारतीय पेशेवरों की संख्या काफी अधिक है. एच-1बी वीजा के जरिये भारतीय पेशेवरों को अमेरिकी कंपनियों में नौकरी मिलती है. यह अमेरिकी कंपनियों को विदेशी पेशेवरों को नौकरी पर रखने की इजाजत देता है. कंपनियां इसके तहत विदेशी पेशेवरों को विशेषज्ञता वाले पेशों में रखती हैं, जिसमें सैद्धांतिक या तकनीकी विशेषज्ञता की जरूरत होती है.
एच-4 वीजा एच-1बी वीजाधारकों के केवल नजदीकी पारिवारिक सदस्यों को जारी किये जाते हैं. इसमें कर्मचारी के पति, पत्नी और 21 वर्ष से कम आयु के बच्चे होते हैं. गृह सुरक्षा विभाग ने कहा है कि अमेरिकी नागरिकता और आव्रजन सेवा (यूएससीआईसी) जनवरी 2019 तक एक नये प्रस्ताव के साथ सामने आयेगा, जिसके तहत वह एच-1बी गैर प्रवासियों के कुछ एच-4 पति या पत्नी को अपने नियमन से हटाने पर विचार कर रहा है.
नये नियमों से काम करने की मंजूरी (वर्क परमिट) रखने वाले करीब 70 हजार एच-4 वीजा धारक प्रभावित हो सकते हैं. यूएससीआईएस ने हाल में अमेरिकी सांसदों और कॉरपोरेट क्षेत्र के प्रमुखों को लगभग एक जैसे पत्र लिखे, जिन्होंने एच-4 वीजा रद्द करने के ट्रंप प्रशासन के प्रस्ताव पर चिंता जतायी थी. यूएससीआईएस निदेशक एल फ्रांसिस सिसना ने सीनेटर कमला हैरिस और क्रिस्टेन गिलीब्रांड को 16 अक्टूबर की तिथि वाला पत्र लिखा है, जिसे इस महीने संगठन की वेबसाइट पर डाला गया.
इसमें लिखा है कि एच-4 गैर प्रवासियों को रोजगार मंजूरी संबंधी नियमों में कुछ संशोधनों को लेकर प्रस्ताव पर जनता को नोटिस और टिप्पणी अवधि के दौरान प्रतिक्रिया देने का मौका दिया जायेगा.