ब्राज़ील ने विश्व कप फ़ुटबॉल के पहले मैच में क्रोएशिया के ख़िलाफ़ तीन गोल दागकर मैच अपने नाम कर लिया.
इस तरह 20वें फ़ीफ़ा विश्व कप फुटबाल टूर्नामेंट का ज़ोरदार आगाज़ हुआ.
ब्राज़ील दूसरी बार विश्व कप की मेज़बानी कर रहा है. इससे पहले साल 1950 में ब्राज़ील ने विश्व कप की मेज़बानी की थी.
रगांरग उदघाटन समारोह के बाद जैसी ही दोनों टीमें मैदान में उतरीं, वैसे ही पूरे स्टेडियम में मानो पीला रंग छा गया क्योंकि पीले रंग की जर्सी में मेज़बान टीम खेल रही थी. यही नहीं दर्शकों का हुजूम भी इसी रंग में रंगा था.
किक ऑफ़ होने के बाद अभी ब्राज़ील की टीम मैदान में जम भी नहीं पाई थी कि 11वें मिनट में क्रोएशिया के ओलिस ने ब्राज़ील के गोल बॉक्स के सामने निकिसा जेलाविच को पास दिया, जिन्होंने बॉल को फ़्लिक किया और बॉल ब्राज़ील के मार्सेलो विएरो के पैर से टकराकर गोलकीपर जूलियो सीज़र को छकाते हुए गोल बॉक्स में समा गई.
नेमार के दमदार गोल
मार्सेलो के इस आत्मघाती गोल के बाद ब्राज़ील जैसे एकदम जाग उठा और उसने क्रोएशिया पर एक के बाद एक हमले बोलने शुरू कर दिए. ऐसे ही एक हमले पर ब्राज़ील के ऑस्कर का दमदार शाट क्रोएशिया के गोलकीपर प्लेतिकोसा ने बचाया.
इसके बाद ब्राज़ील के सबसे हुनरमंद खिलाड़ी माने जाने वाले नेमार को क्रोएशिया के खिलाड़ी को जानबूझकर गिराने के कारण पीला कार्ड दिखाया गया. इसके बावजूद नेमार के जोश में कोई कमी नहीं आई और उन्होंने खेल के 29वें मिनट में ऑस्कर से मिले पास पर पेनल्टी एरिया से बाहर लेफ़्ट फ़ुट से दमदार शॉट लगाया.
क्रोएशिया के गोलकीपर प्लेतिकोसा इससे पहले कि बॉल तक पहुँचते वो बाएं छोर के गोल पोस्ट के निचले हिस्से से टकराती हुई जाल में समा गई.
नतीजा दोनों टीमें 1-1 से बराबरी पर आ गईं और पूरे स्टेडियम में खुशी की लहर छा गई. मध्यांतर तक स्कोर 1-1 से बराबरी पर रहा. इस दौरान खेल पर ब्राज़ील का दबदबा नज़र आया.
अपना तीसरा विश्व कप खेल रहे क्रोएशिया के गोलकीपर प्लेतिकोसा ने कई हमले बचाए वरना ब्राज़ील खेल के पहले हाफ़ में ही बढ़त बना लेता. उन्होंने ऑस्कर और नेमार की जुगलबंदी का बखूबी सामना किया.
खेल के दूसरे हाफ़ में ब्राज़ील के हमलों से क्रोएशिया के खिलाड़ी दबाव में आ गए. ऐसा लगा जैसे वे ब्राज़ीली खिलाड़ियों को रोकने की कोशिश में उन्हें गिराने में लग गए. ऐसी एक कोशिश 71वें मिनट में क्रोएशिया के डेंजेल प्रांजिक ने की जब उन्होंने पेनल्टी एरिया में गोल बॉक्स के सामने फ्रेड को पकड़ने की कोशिश की. इस पर जापानी रेफ़्री निशीमुरा ने ब्राज़ील के पक्ष में पेनल्टी किक दे दी, जिस पर नेमार ने गोल दागकर टीम को 2-1 से आगे कर दिया.
3-1 से जीत
इसके बाद जलवा दिखाया ऑस्कर ने जिन्होंने इंजरी समय में मध्य रेखा के पास से बॉल को संभालते हुए क्रोएशिया के सभी डिफ़ेंडरों और बाद में गोलकीपर प्लेतिकोसा को मात देते हुए गोल कर दिया. अंतत: 3-1 के प्रभावी स्कोर के साथ ब्राज़ील ने क्रोएशिया पर जीत हासिल कर ली और महत्वपूर्ण तीन अंक भी जुटाए.
अब शुक्रवार को विश्व कप फुटबाल टूर्नामेंट में तीन मैच खेले जाएंगे. पहले मुक़ाबले में ग्रुप-ए में मैक्सिको का सामना कैमरून से होगा. दूसरे मुक़ाबले में ग्रुप-बी में शामिल स्पेन का सामना हॉलैंड से और तीसरे मैच में ग्रुप-बी में ही शामिल चिली का सामना ऑस्ट्रेलिया से होगा.
जाने-माने फ़ुटबॉल समीक्षक नोवी कपाड़िया इन मुक़ाबलों में सबसे रोमांचक स्पेन और हॉलैंड के बीच मैच मानते हैं. नोवी मानते हैं कि ग्रुप-बी इस विश्व कप में अल्टीमेट ग्रुप ऑफ़ डेथ है. विश्व कप के इतिहास में ऐसा पहली बार हो रहा है जब 2010 की चैंपियन स्पेन और रनर अप यानी उपविजेता हॉलैंड एक ही ग्रुप में हैं.
स्पेन-हॉलैंड का मुक़ाबला
इसके अलावा चिली भी दक्षिण अमरीका की एक बेहद शानदार टीम है. उनके कोच अर्जेंटिना के सैंपोओली ने आक्रामक टीम बनाई है. ऑस्ट्रेलिया भले शक्तिशाली न हो, लेकिन कमज़ोर टीम भी नहीं मानी जाती. किसी भी टीम को टक्कर देने के अलावा किसी भी टीम के आगे बढ़ने में बाधा डाल सकती है.
ग्रुप-बी की चारों टीमों को पता है कि जो भी टीम यहां से दूसरे नंबर पर रहेगी, उसका सामना अगले दौर में ग्रुप-ए में टॉप पर रहने वाली टीम से होगा. ये ग्रुप मेज़बान ब्राज़ील का ग्रुप है और क्रोएशिया पर उनकी जीत के बाद माना जा रहा है कि वही ग्रुप में टॉप पर हो सकती है. 16 टीमों का वह दौर अत्यन्त कठिन होगा. इसलिए ग्रुप-बी के तीनों मैच फाइनल की तरह होंगे.
सभी टीमें तीनों मैच जीतने की कोशिश करेंगी. स्पेन पर निश्चित रूप से विश्व चैंपियन होने के कारण काफ़ी दबाव होगा. स्पेन और हॉलेंड के मैच से ही इस विश्व कप के भविष्य का भी अंदाज़ा हो जाएगा. अगर स्पेन ने खराब शुरुआत की और वो मैच हार गए तो फिर वो दूसरे नंबर पर रह सकते हैं.
ऐसे में जो फुटबाल के पंडित सोच रहे हैं कि इस बार का फ़ाइनल स्पेन और ब्राज़ील के बीच होगा, तो वह मैच तो अगले दौर में ही अंतिम सोलह में हो जाएगा. उसमें कुछ भी उलटफेर हो सकता है. यहां तक कि ब्राज़ील भी बाहर हो सकती है. यह मुक़ाबला 28 जून को होगा.
पूरे विश्व कप का भविष्य किस तरफ जाएगा? क्या यूरोप की कोई टीम पहली बार दक्षिण अमरीका में विश्व कप जीत पाएगी? यह सब उस दिन पर निर्भर करेगा. मैक्सिको और चिली में दिलचस्प मुक़ाबला हो सकता है क्योंकि दोनों टीमें जीतकर ग्रुप में दूसरे नंबर पर रहने की कोशिश करेंगी. ऑस्ट्रेलिया और चिली इस विश्व कप में अपनी छाप छोड़ने की कोशिश करेंगे.
ऑस्ट्रेलिया ने एकदम नए चेहरों को मौक़ा दिया है, तो चिली तेज़-तर्रार फुटबॉल के लिए मशहूर है. फुटबॉल मनोरंजक होगी, लेकिन दिल थामकर देखने वाला मैच तो स्पेन और हॉलैंड के बीच ही होगा.
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