तोक्यो/नयीदिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और जापान के प्रधानमंत्री शिंजो एबे की सोमवार को हुई शिखर वार्ता के बाद भारत और जापान ने एक हाई स्पीड रेल परियोजना और नौसेना सहयोग समेत छह समझौतों पर हस्ताक्षर किये तथा टू प्लस टू वार्ता करने पर सहमति जतायी.
शिखर वार्ता में दोनों ने भारत-प्रशांत क्षेत्र के हालात समेत विभिन्न द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर चर्चा की. दोनों प्रधानमंत्रियों ने 13वीं वार्षिक शिखर वार्ता के दौरान द्विपक्षीय संबंधों में विकास की समीक्षा की और सहयोग के नये क्षेत्रों पर भी बात की. उन्होंने भारत-प्रशांत में शांति और समृद्धि के साझा दृष्टिकोण पर भी ध्यान केंद्रित किया जहां चीन अपनी शक्ति दिखा रहा है. दोनों नेताओं ने सहमति जतायी कि भारत और जापान को एक व्यवस्था आधारित और समावेशी वैश्विक व्यवस्था के लिए मिलकर काम करना चाहिए. उन्होंने दोनों देशों के विदेश मंत्रियों तथा रक्षा मंत्रियों के बीच टू प्लस टू वार्ता करने पर सहमति जतायी. भारत का इस तरह का अमेरिका से समझौता है और दोनों ने पिछले महीने नयी दिल्ली में टू प्लस टू वार्ता का पहला दौर आयोजित किया था.
प्रधानमंत्री मोदी ने वार्ता के बाद कहा, हम दोनों ने इस बात पर सहमति जतायी कि डिजिटल साझेदारी से लेकर साइबर क्षेत्र, स्वास्थ्य, रक्षा, समुद्र से अंतरिक्ष तक, हर क्षेत्र में हम अपनी भागीदारी को मजबूत करेंगे. दोनों नेताओं ने मुंबई-अहमदाबाद हाई स्पीड रेल परियोजना में हुई प्रगति की समीक्षा की जो भारत-जापान सहयोग का महत्वपूर्ण प्रतीक है. दोनों पक्षों ने परियोजना के लिए ऋण पर एक सहमति व्यक्त की. उन्होंने मेट्रो परियोजनाओं पर सतत सहयोग का स्वागत किया. दोनों पक्षों ने भारतीय नौसेना और जापान मैरीटाइम सेल्फ-डिफेंस फोर्स (जेएमएसडीएफ) के बीच सहयोग गहन करने के लिहाज से भी एक समझौता किया.
इसके अलावा भारत और जापान ने आपस में 75 अरब डाॅलर के बराबर विदेशी मुद्रा की अदला-बदली की व्यवस्था का करार किया है. वित्त मंत्रालय ने कहा है कि जापान के साथ इस तरह की सुविधा से रुपये की विनिमय दर तथा पूंजी बाजारों में बड़ी स्थिरता बनाये रखने में मदद मिलेगी. इस समझौते से दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग और प्रगाढ़ होगा तथा इसमें विविध बढ़ेगी. दोनों नेताओं के बीच शिखर स्तर की बातचीत के बाद भारत-जापान की साझा सोच पर जारी वक्तव्य में कहा गया है, वित्तीय तथा आर्थिक सहयोग बढ़ाने के दृष्टिकोण से जापान और भारत की सरकारें 75 अरब डाॅलर के द्विपक्षीय मुद्रा अदला-बदली समझौते (बीएसए) पर सहमति का स्वागत करती हैं.
वित्त मंत्रालय के बयान के अनुसार, अदला-बदली समझौते से भारत विदेशी विनिमय और पूंजी बाजारों में बड़ी स्थिरता आयेगी. इस सुविधा के तहत भारत को जापान से उक्त राशि के बराबर विदेशी पूंजी इस्तेमाल के लिए उपलब्ध होगी. दोनों देशों के बीच संबंधों को नयी ऊंचाई पर ले जाने की संभावना को स्वीकार करते हुए प्रधानमंत्री ने पिछले चार साल में हासिल उल्लेखनीय उपलब्धियों की समीक्षा की.
अनाैपचारिक शिखर वार्ता से एक दिन पहले ही दोनों प्रधानमंत्रियों ने खूबसूरत प्रशासनिक प्रांत यामानाशी में माउंट फुजी के पास एक आलीशान रिसार्ट में करीब आठ घंटे साथ-साथ बिताये थे. इस दौरान दोनों देशों के बीच संबंधों पर और द्विपक्षीय संबंध के रणनीतिक आयाम को और गहरा करने पर चर्चा हुई. शनिवार को जपान पहुंचे मोदी को प्रधानमंत्री एबे के सरकारी आवास कांतेई में पहुंचने पर गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. मोदी प्रधानमंत्री के रूप में पहली बार सितंबर 2014 में जापान गये थे. तब से एबे के साथ उनकी यह 12वीं मुलाकात है.