बीजिंग : रूस से हथियार खरीदे जाने को लेकर अपनी सैन्य इकाई पर दंडात्मक प्रतिबंध लगाये जाने से नाराज चीन ने शुक्रवार को अमेरिका के समक्ष राजनयिक विरोध दर्ज कराया और प्रतिबंध वापस नहीं लेने पर परिणाम भुगतने की चेतावनी दी.
अमेरिका के विदेश विभाग ने बृहस्पतिवार को चीन के रक्षा मंत्रालय के उपकरण विकास विभाग (ईडीडी) द्वारा रूस के सुखोई सु-35 लड़ाकू विमान और एस-400 सतह से हवा में मार करनेवाले मिसाइल की खरीद को रूस पर अमेरिकी प्रतिबंधों का उल्लंघन करार दिया था. व्हाइट हाउस द्वारा बृहस्पतिवार को लगाये गये प्रतिबंधों में ईडीडी और उसके निदेशक ली शांगफु दोनों के नाम शामिल हैं. यह पहला मौका है जब ट्रंप प्रशासन ने अमेरिका के विरोधी देशों से प्रतिंबधों के जरिये निपटने के अधिनियम (काटसा) के तहत किसी तीसरे देश को निशाना बनाया है.
अमेरिकी कदम पर चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने कहा, अमेरिका की इस अकारण कार्रवाई से चीन बहुत अधिक नाराज है और उसने कड़ा विरोध जाहिर किया है. उन्होंने कहा, अमेरिका ने उन बुनियादी चीजों का उल्लंघन किया है, जिसके आधार पर अंतरराष्ट्रीय रिश्ते चलते हैं. उसने सैन्य संबंधों सहित दोनों देशों के बीच के रिश्ते को नुकसान पहुंचाया है. शुआंग ने कहा, हम अमेरिकी पक्ष से इस गलती को सुधारने और प्रतिबंध को वापस लेने का आग्रह करते हैं अन्यथा उसे सभी तरह के परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहना होगा.