वाशिंगटन : विश्व की दो शीर्ष अर्थव्यवस्थाओं अमेरिका और चीन के बीच जारी व्यापार युद्ध में और तेजी आ गयी. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को चीन के और 200 अरब डॉलर के आयात पर शुल्क लगाने की घोषणा कर दी. नये शुल्क की दर 10 प्रतिशत होगी. यह 24 सितंबर से प्रभावी हो जाएगी. ये दरें अगले साल की शुरुआत यानी एक जनवरी 2019 से बढ़कर 25 प्रतिशत पर पहुंच जायेंगी. इससे पहले अमेरिका चीन के 50 अरब डॉलर के आयात पर भी शुल्क लगा चुका है.
ट्रंप ने चीन पर अनैतिक व्यापार गतिविधियों से बाज नहीं आने का अरोप लगाते हुए कहा कि नये शुल्क से अमेरिकी कंपनियों के साथ उचित एवं बराबरी का व्यवहार होगा. ट्रंप ने चेतावनी दी, ‘‘यदि चीन ने हमारे किसानों या हमारे उद्योगों के खिलाफ जवाबी कार्रवाई की तो हम तत्काल तीसरे चरण का शुल्क लगाएंगे जिसमें 267 अरब डॉलर मूल्य के चीनी आयात पर शुल्क लगाया जाएगा.”
उन्होंने कहा कि अमेरिका के व्यापार प्रतिनिधि ने विस्तृत अध्ययन के बाद पाया कि चीन अमेरिकी कंपनियों पर चीनी कंपनियों को प्रौद्योगिकी हस्तांतरण को बाध्य करने समेत कई अनैतिक नीतियों एवं गतिविधियों में संलिप्त है। ये गतिविधियां अमेरिकी अर्थव्यवस्था की समृद्धि के लिए दीर्घकालिक तौर पर गंभीर संकट हैं.
ट्रंप ने कहा, ‘‘हमने महीनों चीन से अनुरोध किया कि वह अनुचित गतिविधियों से बाज आए और अमेरिकी कंपनियों को उचित एवं बराबर अवसर दे। हम इस बारे में बेहद स्पष्ट थे कि किस तरह का बदलाव आना चाहिए और हमने अच्छे व्यवहार का चीन को हर मौका दिया.” उन्होंने कहा, ‘‘लेकिन चीन अपनी हरकतों से बाज आने को इच्छुक नहीं दिखता है.” उन्होंने कहा कि चीन के पास अमेरिका की आपत्तियों को दूर करने के कई अवसर थे. उन्होंने कहा, ‘‘मैं चीन के नेताओं से अनुरोध करता हूं कि वे अपने देश की अनुचित गतिविधियां बंद करने के लिए त्वरित कदम उठायें.”
उल्लेखनीय है कि अमेरिका द्वारा पहले चरण में चीन के 50 अरब डॉलर के आयात पर शुल्क लगाने के जवाब में चीन ने भी 50 अरब डॉलर के अमेरिकी सामानों पर शुल्क लगाने की घोषणा की थी. ट्रंप सरकार के कुछ अधिकारियों ने चीन के साथ और बातचीत का पक्ष लिया था लेकिन ट्रंप ने पिछले सप्ताह कहा कि अमेरिका के ऊपर किसी तरह का समझौता करने का कोई दबाव नहीं है. चीन के विदेश एवं वाणिज्य मंत्रालयों ने कहा है कि यदि अमेरिका आगे शुल्क लगाता है तो चीन भी जवाब देगा.