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PM इमरान से मिले अमेरिकी विदेश मंत्री, कहा-आतंकी संगठनों पर लगाम लगाने के लिए और कदम उठायें

इस्लामाबाद: अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोंपिओ ने बुधवार को पाकिस्तान के नये प्रधानमंत्री इमरान खान से मुलाकात की और उनसे कहा कि वह अपने देश की सरजमीं से काम कर रहे आतंकवादी संगठनों पर लगाम लगाने के लिए और कदम उठायें. पोंपिओ ने इमरान को यह नसीहत ऐसे समय में दी है जब डोनाल्ड […]

इस्लामाबाद: अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोंपिओ ने बुधवार को पाकिस्तान के नये प्रधानमंत्री इमरान खान से मुलाकात की और उनसे कहा कि वह अपने देश की सरजमीं से काम कर रहे आतंकवादी संगठनों पर लगाम लगाने के लिए और कदम उठायें.

पोंपिओ ने इमरान को यह नसीहत ऐसे समय में दी है जब डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने इस्लामाबाद को सैन्य सहायता के तौर पर 30 करोड़ अमेरिकी डॉलर की धनराशि का आवंटन रद्द कर दिया है. अमेरिका के शीर्ष राजनयिक के रूप में पाकिस्तान की पहली यात्रा पर आये सीआईए के पूर्व प्रमुख पोंपिओ ने इमरान को बताया कि बुधवार को विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी के साथ हुई अपनी मुलाकात से वह खुश हैं. साथ ही पोंपिओ ने इमरान से मुलाकात के दौरान उनसे यह भी कहा कि वह और कदम उठायें. कूटनीतिक सूत्रों का हवाला देते हुए ‘जियो टीवी’ ने खबर दी कि इस मुलाकात के दौरान थलसेना प्रमुख कमर जावेद बाजवा और विदेश मंत्री कुरैशी भी मौजूद थे. बीते 25 जुलाई को हुए संसदीय चुनावों और नयी सरकार के गठन के बाद पाकिस्तान और अमेरिका के बीच यह पहला उच्च-स्तरीय संवाद था.

पोंपिओ ने ट्वीट किया, अपने सहकर्मी और दोस्त सीजेसीएस जनरल जो डनफोर्ड के साथ पाकिस्तान में हूं. आज हमने पीएम इमरान खान और एफएम शाह महमूद कुरैशी से मुलाकात की ताकि अपने कूटनीतिक एवं सैन्य-सैन्य संबंध पर चर्चा कर सकें. बाद में कुरैशी ने पत्रकारों को बताया कि अमेरिकी शिष्टमंडल के समक्ष पाकिस्तानी परिप्रेक्ष्य जिम्मेदारी भरे तरीके से रखा गया. उन्होंने कहा कि बैठक सद्भावपूर्ण थी. हमने उनकी इच्छा जानने की कोशिश की और उन्हें अपनी अपेक्षाओं एवं चिंताओं से अवगत कराया. बर्फ पिघली है. कुरैशी ने कहा, यकीन मानिये कि यदि हमारा नजरिया उन्हें नहीं समझ आता तो वे माहौल थोड़ा अलग होता, मुझसे आपके सवाल अलग होते और रवाना होने से पहले पोंपिओ का ट्वीट अलग होता. मैंने उनसे कहा कि यदि आप पाकिस्तान के साथ आगे बढ़ना चाहते हैं तो इसकी नींव विश्वास और खुली बातचीत में है. और जब तक हम दोनों पक्षों की चिंता का निदान नहीं करेंगे, तब तक प्रगति संभव नहीं है. दोनों पक्षों ने अफगान शांति प्रक्रिया पर भी चर्चा की.

इससे पहले, विदेश कार्यालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने कहा कि दोनों देशों के विदेश मंत्रियों ने करीब 40 मिनट तक चली बैठक में द्विपक्षीय, क्षेत्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा की. उन्होंने ट्विटर पर लिखा, विदेश मंत्री कुरैशी ने पारस्परिक विश्वास और सम्मान के आधार पर द्विपक्षीय संबंधों को सुधारने की जरूरत पर जोर दिया. पाकिस्तान के राष्ट्रीय हितों की रक्षा करना सर्वोच्च प्राथमिकता बनी रहेगी. अमेरिकी विदेश मंत्री पाकिस्तान पर दबाव डाल सकते हैं कि वह अपने क्षेत्र में मौजूद सभी आतंकवादी संगठनों को निशाना बनाये और संघर्ष प्रभावित अफगानिस्तान में सकारात्मक भूमिका निभाये. ट्रंप प्रशासन ने पाकिस्तान की 30 करोड़ डॉलर की सैन्य सहायता रोक दी है क्योंकि वह अपनी सीमा के भीतर मौजूद आतंकियों के खिलाफ पर्याप्त कार्रवाई नहीं कर रहा. वाशिंगटन के साथ इस्लामाबाद के समस्याग्रस्त संबंधों को ताजा विवाद ने और तनावपूर्ण बना दिया है.

पोंपिओ बुधवारककी दोपहर इस्लामाबाद के नूर खान एयरबेस पर उतरे और सीधे अमेरिकी दूतावास के लिए रवाना हो गये. दोनों सहयोगी देशों के संबंध मुश्किल दौर से गुजर रहे हैं क्योंकि अमेरिका अफगानिस्तान से आतंकवाद के खात्मे में पाकिस्तान की तरफ से सहयोग की कमी से नाराज है.

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