बीजिंग : चीन के प्रधानमंत्री ली क्यांग ने कहा है कि तिब्बत लंबे समय से चीन का ‘अभिन्न हिस्सा’ रहा है. उन्होंने उम्मीद जतायी कि संवेदनशील क्षेत्र के धार्मिक समूह राष्ट्रीय एकता को बनाये रखने में अपना योगदान और सामाजिक सौहार्द को बढ़ावा देना जारी रखेंगे.
चीन की सरकारी संवाद समिति शिन्हुआ ने ली की सुदूर हिमालयी क्षेत्र की अघोषित यात्रा का विवरण साझा करते हुए कहा कि 25 से 27 जुलाई के बीच निंगची, शैनन और ल्हासा की यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री ने अधिकारियों और स्थानीय लोगों से बात की. वह प्रसिद्ध जोखांग मंदिर भी गये. उन्होंने सिचुआन-तिब्बत रेलवे के ल्हासा-निंगजी खंड का भी दौरा किया. ली ने उम्मीद जतायी कि तिब्बत विकास और समृद्धि, राष्ट्रीय एकता को बचाये रखने, जातीय समूहों के बीच एकजुटता बढ़ाने, सामाजिक और आर्थिक विकास को बढ़ावा देने और तिब्बत में शांति और स्थिरता को बरकरार रखने के लिए सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चीन की रणनीतियों और नीतियों के अनुरूप काम करेगा.
ल्हासा स्थित बौद्ध धर्म के प्रसिद्ध जोखांग मंदिर के दौरे के समय ली ने कहा कि ‘तिब्बत पुराने समय से चीन का अभिन्न हिस्सा रहा है’ और उन्होंने उम्मीद जतायी कि धार्मिक धड़ा देश की राष्ट्रीय एकता को बनाये रखने और जातीय समूहों में एकजुटता के साथ-साथ सांप्रदायिक सद्भाव को बढ़ाये रखने की दिशा में अपना योगदान जारी रखेगा. वह जाहिरा तौर पर संवेदनशील क्षेत्र में दलाई-लामा समर्थित भावनाओं की ओर इशारा कर रहे थे.