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बैन से उ कोरिया की अर्थव्यवस्था खराब, किम ने चीन से मांगी मदद

तोक्यो :उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग-उन ने प्योंगयांग पर लगे प्रतिबंध को हटाने में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मदद की अपील की है. जापानी समाचार पत्र ‘योमिउरी शिमबुन’ ने दावा किया है कि किम ने बीजिंग में पिछले महीने शी के साथ अपनी तीसरी बैठक के दौरान यह अनुरोध किया. चीनी राष्ट्रपति ने […]

तोक्यो :उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग-उन ने प्योंगयांग पर लगे प्रतिबंध को हटाने में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मदद की अपील की है. जापानी समाचार पत्र ‘योमिउरी शिमबुन’ ने दावा किया है कि किम ने बीजिंग में पिछले महीने शी के साथ अपनी तीसरी बैठक के दौरान यह अनुरोध किया. चीनी राष्ट्रपति ने इसके लिए अपनी तरफ से अधिकतम प्रयास करने का वादा किया. समाचार पत्र के अनुसार, किम ने शी से कहा कि हम आर्थिक प्रतिबंधों की वजह से बहुत परेशानी का सामना कर रहे हैं. अब हमने अमेरिका-उत्तर कोरिया के बीच शिखर वार्ता सफलतापूर्वक पूरी कर ली है, मैं चाहता हूं कि (चीन) प्रतिबंध को जल्द हटवाने के लिए काम करे.

किम ने शी से कहा कि वह प्रतिबंधों को ढीला करने में मदद करें, क्योंकि इसकी वजह से उत्तर कोरिया की अर्थव्यवस्था पंगु हो गयी है. उन्होंने चीन से वाशिंगटन के साथ परमाणु नि:शस्त्रीकरण वार्ता में प्योंगयांग का समर्थन करने का अनुरोध किया. बदले में शी ने किम से कहा कि वह सक्रियता से उत्तर कोरिया के सुधार का समर्थन करते हैं और उसके प्रयासों से जुड़े मुद्दों में सक्रिय होकर सहयोग करेंगे. उन्होंने उत्तर कोरिया से ‘चीन के साथ सलाह-मशविरा’ जारी रखने को कहा. चीन उत्तर कोरिया का सबसे बड़ा सहयोगी है. हाल के महीनों में शीतयुद्ध काल से सहयोगी रहे चीन और उत्तर कोरिया ने रिश्तों में आये तनाव को कम करने की कोशिश की है. प्योंगयांग के मिसाइल परीक्षणों के बाद चीन ने यूएन की ओर से लगाये गये बैन को लागू कर दिया था.

बीजिंग को कभी नजरअंदाज नहीं करेंगे : किम

चीन ने बीते साल यह संकेत दिया था कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद प्योंगयांग के खिलाफ लगाये प्रतिबंधों में ढील दे सकता है. ऐसा भी माना जाता है कि किम ने चीन का तीसरा दौरा इसलिए किया था, ताकि वह शी को आश्वस्त कर सकें कि वाशिंगटन के साथ बैठक के बाद भी वह बीजिंग के हितों को कभी नजरअंदाज नहीं करेगा. लेकिन, बीजिंग को यह चिंता सता रही है कि वाशिंगटन और प्योंगयांग एक-दूसरे के करीब आ सकते हैं, जिससे उसकी सुरक्षा और अर्थव्यवस्था को खतरा हो सकता है.

परमाणु हथियारों को छुपाने के तरीकों पर विचार कर रहा उत्तर कोरिया

वाशिंगटन. उत्तर कोरिया देश में मौजूद परमाणु हथियारों और गोपनीय उत्पादन स्थल को छुपाने के तरीकों पर विचार कर रहा है. वाशिंगटन पोस्ट ने खुफिया विभाग के अधिकारियों का हवाला देते हुए लिखा है कि अमेरिकी खुफिया विभाग के अधिकारियों का निष्कर्ष है कि उत्तर कोरिया पूरे तौर पर अपने परमाणु हथियारों का समर्पण करने के पक्ष में नहीं है. उत्तर कोरिया का यह व्यवहार सिंगापुर में 12 जून को उत्तर कोरियाई शासक किम जोंग उन और अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच हुई शिखर बैठक के दौरान बनी सहमति के खिलाफ है. किम ने अमेरिका की ओर से सुरक्षा की पूर्ण गारंटी के एवज में ‘पूर्ण परमाणु निरस्त्रीकरण’ की बात कही थी. उत्तर कोरिया के पास करीब 65 परमाणु हथियार हैं.

Prabhat Khabar Digital Desk
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