बेरुत : सीरिया के पूर्वी हिस्से में हुए हवाई हमलों में सरकार समर्थक 50 से ज्यादा लड़ाके मारे गये, जिनमें से ज्यादातर विदेशी हैं. सीरिया इस हमले के लिए अमेरिका नीत सैन्य गठबंधन को जिम्मेदार ठहरा रहा है, लेकिन गठबंधन ने इन आरोपों से इनकार किया है.
अल-हारी शहर पर ये हमले मध्यरात्रि से ठीक पहले किये गये. इस प्रांत पर क्षेत्रीय मिलिशिया का नियंत्रण है जो सात साल से चल रहे जटिल युद्ध में राष्ट्रपति बशर अल असद की ओर से लड़ रहे हैं. संघर्ष पर नजर रखनेवाली ब्रिटेन की निगरानी संस्था सीरियन ऑब्जर्वेटरी फॉर ह्यूमन राइट्स ने बताया कि हाल के महीने में हुए सबसे घातक हमलों में से एक में सरकार समर्थक 52 लड़ाकों की मौत हो गयी. ऑब्जर्वेटरी के प्रमुख रामी अब्दुल रहमान ने कहा, मरनेवालों में सरकार समर्थक मिलिशिया के सदस्यों और सैनिकों समेत कम से कम 30 इराकी लड़ाके और 16 सीरियाई लड़ाके थे. उन्होंने कहा कि शेष छह लड़ाकों की नागरिकता का तत्काल पता नहीं चल सका.
इस क्षेत्र में इराकी, ईरानी, लेबनानी और अफगान लड़ाके भी तैनात हैं. अब्दुल रहमान के मुताबिक, कुछ घायल लड़ाकों का इलाज पास के प्रांत अल्बु कमल में किया जा रहा है, जबकि अन्य इराक चले गये. डेर अजौर में सेना के एक सूत्र ने बताया कि लड़ाकू विमानों ने अल हारी में इराकी-सीरियाई संयुक्त ठिकानों को निशाना बनाया. सीरिया सरकार की मीडिया ने सबसे पहले सेना के एक सूत्र के हवाले से इस हमले के बारे में रात में ही जानकारी दी और इसका आरोप इस्लामिक स्टेट से लड़ रहे अमेरिका नीत सैन्य गठबंधन पर लगाया. मीडिया ने कहा कि इन हमलों में बड़ी संख्या में लोग मारे गये और घायल हुए हैं, लेकिन उनकी नागरिकता और सटीक संख्या के बारे में नहीं बताया.
गठबंधन के प्रेस कार्यालय ने कहा कि उसे हमले की खबर मिली है, लेकिन इसके पीछे अपना हाथ होने से इनकार किया. उसने एक ई-मेल में बताया, अमेरिका या गठबंधन बलों द्वारा उस इलाके में कोई हमला नहीं किया गया. अल-हारी पर हुए ये हमले अमेरिका समर्थित एसडीएफ की घोषणा के एक दिन बाद हुए जिसमें उसने कहा था कि उसने दशीषा से आईएस को खदेड़ दिया है. यह गांव सीरिया को इराक से जोड़ने वाले एक गलियारे पर आईएस के नियंत्रणवाला आखिरी क्षेत्र था.