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सुप्रीम कोर्ट के आदेश से मालदीव की राजनीति में तूफान, पूर्व राष्ट्रपति नशीद बरी, सड़कों पर जश्न

माले : सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश से मालदीव की राजनीति में तूफान आ गया है. देश के राष्ट्रपति अब्दुल्ला यमीन के इस्तीफे की मांग तेज हो गयी है. दरअसल, इंग्लैंड में शरणार्थी का जीवन बिता रहे मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद को सुप्रीम कोर्ट ने आतंकवाद के आरोपों से बरी कर दिया. गुरुवार […]

माले : सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश से मालदीव की राजनीति में तूफान आ गया है. देश के राष्ट्रपति अब्दुल्ला यमीन के इस्तीफे की मांग तेज हो गयी है. दरअसल, इंग्लैंड में शरणार्थी का जीवन बिता रहे मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद को सुप्रीम कोर्ट ने आतंकवाद के आरोपों से बरी कर दिया. गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक ऐतिहासिक फैसले में सभी राजनीतिक बंदियों की रिहाई का भी आदेश जारी कर दिया.

भारत समर्थक माने जाने वाले नशीद ने ट्वीट कर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया. उन्होंने लिखा, ‘मैं सभी राजनीतिक बंदियों की तत्काल रिहाई, नागरिक और राजनीतिक अधिकारों के बहाली के सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करता हूं. राष्ट्रपति अब्दुल्ला यमीन अनिवार्य रूप से इस फैसले को मानें और इस्तीफा दें. मैं सभी नागरिकों से अपील करता हूं कि वे संघर्ष से बचें और शांतिपूर्ण राजनीतिक क्रियाकलाप में हिस्सा लें.’

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद नशीद के समर्थकों ने देश भर में जश्न मनाना शुरू कर दिया. पुलिस ने इन लोगों पर देर रात लाठीचार्ज किया और आंसू गैस के गोले छोड़े. उधर, मालदीव के राष्ट्रपति यमीन ने देश के पुलिस प्रमुख अहमद आरिफ को बर्खास्त कर दिया है. साथ ही मालदीव सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले की वैधता पर भी सवाल उठायेहैं.

कोर्ट के फैसले के बाद मालदीव पुलिस ने कहा था कि वह इसका पालन करेगी, लेकिन देर रात खुशियां मना रहे नशीद की मालदीव डेमोक्रेटिक पार्टी (एमडीपी) के कार्यकर्ताओं पर उसने लाठीचार्ज किया. पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और एमडीपी के कई कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार भी किया है. एमडीपी कार्यकर्ता अभी भी सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं और राष्ट्रपति यमीन से इस्तीफे की मांग कर रहे हैं.

सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में क्या कहा?

सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि सभी राजनीतिक बंदियों के साथ निष्पक्ष तरीके से सुनवाई नहीं हुई है और इसलिए फिर से सुनवाई होगी.

विपक्ष में शामिल हुए सभी सांसद फिर से बहाल

सुप्रीम कोर्ट ने उन 12 सांसदों को फिर से बहाल कर दिया है, जो पिछले साल विपक्ष में शामिल हो गये थे. इसके साथ ही विपक्ष को संसद में बहुमत मिल गया है. मालदीव की संसद को राष्ट्रपति यमीन को हटाने का अधिकार है.

पूर्व राष्ट्रपति गयूम बोले : कोर्ट के फैसले को लागू करे सरकार

मालदीव के प्रभावशाली नेता और पूर्व राष्ट्रपति मौमून अब्दुल गयूम ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को पूरी तरह से लागू करने की मांग की है. उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘मैं रक्षा मंत्रालय, पुलिस और अन्य सरकारी एजेंसियों से अपील करूंगा कि वे सुप्रीम कोर्ट के फैसले का पालन करें. यह पूरी तरह से स्पष्ट और असंदिग्ध है. इसे पूरी तरह से लागू किया जाना चाहिए. मेरा सभी लोगों से अनुरोध है कि संयम बरतें और कानून का पालन करें.’

तख्तापलट पर 2012 में नशीद को किया गया था अपदस्थ

वर्ष 2012 में तख्तापलट कर नशीद को राष्ट्रपति पद से अपदस्थ कर दिया गया था.उन्हेंवर्ष 2015 में आतंकवाद के आरोपों में 13 साल की सजा सुनायी गयी, जिसके बाद वह पिछले साल ही अपना इलाज कराने लंदन गये थे. ब्रिटेन ने उन्हें शरण दी और तब से वह वहीं रह रहे थे. हिंद महासागर में स्थित मालदीव भारत के लिए कूटनीतिक रूप से काफी महत्वपूर्ण है. चीन भी मालदीव को भारी मात्रा में कर्ज और आर्थिक सहायता दे रहा है. नशीद और उनकी पार्टी MDP ने भारत समर्थक सरकार बनाने का वादा किया है.

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