कराची : पाकिस्तान के सेना प्रमुख ने कहा है कि पाकिस्तान युद्ध पर अमादा भारत सहित अपने सभी पड़ोसियों के साथ शांतिपूर्ण संबंध चाहता है. इंटरप्ले ऑफ इकोनॉमी एंड सिक्युरिटी विषय पर एक संगोष्ठी को संबोधित करते हुए जनरल बाजवा ने कहा कि ऐतिहासिक कारणों और नकारात्मक प्रतिस्पर्धा के कारण यह क्षेत्र बंदी बना हुआ है. पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठनों द्वारा भारत में किये गये विभिन्न आतंकवादी हमलों के कारण भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों को कई बार झटका लगा है. भारत ने पाकिस्तान को यह स्पष्ट कर दिया है कि जब तक वह अपनी धरती से आतंकी नेटवर्क को समाप्त नहीं करता है, तब तक दोनों मुल्कों के बीच कोई द्विपक्षीय बातचीत नहीं होगी. पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच संबंधों में भी तनाव है, क्योंकि दोनों मुल्क एक-दूसरे पर आतंकवादी संगठनों के खिलाफ आंख बंद करने का आरोप लगाते रहते हैं.
बाजवा ने कहा, हमारे पूर्व में युद्ध पर उतारू भारत और हमारे पश्चिम में एक अस्थिर अफगानिस्तान है. इतिहास के बोझ और नकारात्मक प्रतिस्पर्धा का खामियाजा इस क्षेत्र को भुगतना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि इसे किसी खतरे में बदलने से पहले कमजोरियों को दूर करने और नेशनल एक्शन प्लान को आगे बढ़ाने के लिए सामूहिक प्रयास करने की आवश्यकता है.
पाक सेना प्रमुख ने कहा, पश्चिमी सीमा को शांत करने के लिए हमारी ओर से राजनयिक, सैन्य और आर्थिक पहल के जरिये ठोस प्रयास किये जा रहे हैं. भारत के साथ भी हमने सामान्य एवं शांतिपूर्ण तथा अच्छे संबंधों के लिए सच्ची इच्छा जाहिर की है और इसका प्रदर्शन किया है. उन्होंने यह भी कहा कि इसके लिए भारत को भी आगे आना होगा. बाजवा ने यह दावा उस समय किया जब उनसे दोनों देशों के खराब रिश्तों के बारे में सवाल पूछा गया था.
दिसंबर 2015 में भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज पाकिस्तान के दौरे पर गयी थीं. उसके बाद पाकिस्तान की ओर से पठानकोट समेत कई आतंकी हमलों को भारत में अंजाम दिया गया. इसके बाद से ही दोनों देशों के बीच किसी भी तरह का कोई संपर्क नहीं हुआ है. हालांकि, बीच में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, पूर्व पाकिस्तान प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के बुलावे पर अचानक ही अफगानिस्तान से होते हुए लाहौर पहुंच गये थे.