सरहुल में प्रचलित है- नाची से बांची. यानी जो नाचेगा वही बचेगा. क्योंकि, मान्यता है कि नृत्य ही संस्कृति है. इसमें पूरे झारखंड में जगह-जगह नृत्य उत्सव होता है. इस बार सरहुल 15 अप्रैल 2021 को है. महिलाएं लाल पाढ़ साड़ी पहनती हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि सफेद पवित्रता और शालीनता का प्रतीक है. देखिए पूरी खबर
लेटेस्ट वीडियो
झारखंड का भव्य उत्सव है प्रकृति पर्व ‘सरहुल’, जानिए आदिवासियों के इस विशेष त्योहार और इससे जुड़ी मान्यताओं के बारे में
सरहुल में प्रचलित है- नाची से बांची. यानी जो नाचेगा वही बचेगा. क्योंकि, मान्यता है कि नृत्य ही संस्कृति है. इसमें पूरे झारखंड में जगह-जगह नृत्य उत्सव होता है. इस बार सरहुल 15 अप्रैल 2021 को है. महिलाएं लाल पाढ़ साड़ी पहनती हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि सफेद पवित्रता और शालीनता का प्रतीक है.
Modified date:
Modified date:
Prabhat Khabar Digital Desk
यह प्रभात खबर का डिजिटल न्यूज डेस्क है। इसमें प्रभात खबर के डिजिटल टीम के साथियों की रूटीन खबरें प्रकाशित होती हैं।
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

