NSE Electricity Futures: देश का सबसे बड़ा शेयर बाजार NSE अब बिजली के दाम तय करने में भी बड़ा रोल निभा रहा है. NSE के Electricity Futures कॉन्ट्रैक्ट अब बिजली की कीमतों का नया पैमाना बनते जा रहे हैं। हाल ही में एक बड़ी बिजली कंपनी ने नवंबर महीने के लिए 50 मिलियन यूनिट बिजली खरीदी है, जिसमें कीमत करीब 3,231 रुपये से 3,233 रुपये प्रति मेगावॉट घंटा तय हुई है. यह वही दाम हैं जो NSE के नवंबर महीने के बिजली फ्यूचर्स में 3,236 रुपये के आसपास रहे थे.
क्या मतलब है इस समानता का?
इससे साफ दिखता है कि असली बाजार और NSE के भाव अब लगभग बराबर हो गए हैं. यानी अब कंपनियां बिजली की कीमत तय करने के लिए NSE पर भरोसा करने लगी हैं. इससे बाजार में पारदर्शिता बढ़ रही है और कीमत तय करने की प्रक्रिया ज्यादा साफ और भरोसेमंद बन गई है.
बिजली कारोबार में क्या बदल रहा है?
पहले अलग-अलग जगहों पर बिजली सौदे होते थे, जिससे कीमतों में फर्क रहता था. लेकिन अब NSE का फ्यूचर्स कॉन्ट्रैक्ट सभी तरह की बिजली जैसे पारंपरिक, ग्रीन पावर और हाई प्राइस पावर का औसत दाम देता है. इससे बिजली बेचने और खरीदने वालों को भविष्य के सौदों की बेहतर तैयारी करने में मदद मिलती है.
ALSO READ: Cochin Shipyard के कमजोर नतीजों से बाजार में हलचल, शेयरों में 8% की गिरावट!
देश के लिए क्यों अहम है यह कदम?
यह कदम भारत के ऊर्जा क्षेत्र के लिए बहुत फायदेमंद है. NSE के इस इनोवेशन से अब बिजली बाजार और भी पारदर्शी, स्थिर और कुशल बन रहा है. यह भारत के उस विजन को मजबूत करता है जिसका भरोसा “One Nation, One Grid, One Price” पर है.
आगे क्या होगा?
NSE का कहना है कि वह आने वाले समय में बिजली बाजार को और मज़बूत करने के लिए नई तकनीकों और पारदर्शी नियमों पर काम करता रहेगा ताकि भारत का बिजली क्षेत्र दुनिया के बेहतरीन बाजारों में शामिल हो सके.
ALSO READ: दो हिस्सों में बंटी Tata Motors, कमर्शियल शेयरों ने दिखाई 27% की रफ्तार
Disclaimer: शेयर बाजार से संबंधित किसी भी खरीद-बिक्री के लिए प्रभात खबर कोई सुझाव नहीं देता. हम बाजार से जुड़े विश्लेषण मार्केट एक्सपर्ट्स और ब्रोकिंग कंपनियों के हवाले से प्रकाशित करते हैं. लेकिन प्रमाणित विशेषज्ञों से परामर्श के बाद ही बाजार से जुड़े निर्णय करें.

