रांची : झामुमो विधायक सीता सोरेन ने ट्वीट कर कहा कि धनबाद में कोयले का अवैध खनन और परिवहन का काम धड़ल्ले से जारी है. साथ साथ उन्होंने जिले के एसएसपी पर गंभीर आरोप गंभीर आरोप लगाते हुए कहा है कि धनबाद एसएसपी का इस अवैध धंधे को मौन सहमति और अप्रत्यक्ष समर्थन प्राप्त है. उन्होंने इस मामले में झारखंड पुलिस, सीबीआइ और ईडी से कार्रवाई की भी अपील की है
धनबाद के विधायक राज सिन्हा ने विधायक सीता सोरेन के ट्वीट को री-ट्वीट किया है. लिखा है कि सीता जी धनबाद में कोयला चोरी व अवैध उत्खनन का सही चित्रण करने के लिए बहुत बधाई. विधायक जी केवल एसपी ही नहीं, आपकी सरकार की भी मौन स्वीकृति है.
धनबाद में पिछले कुछ वर्षों से कोयला चोरी व अवैध खनन का खेल चलता रहा है. पिछले दिनों मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पूरे राज्य में कोयला, बालू के अवैध खनन पर रोक लगाने का निर्देश दिया था. एक जून से रोक के आदेश के बाद कुछ दिनों तक चोरी रुकी थी. कुछ दिनों तक साइकिल से भी कोयला लदाई बंद थी. लेकिन पिछले कुछ दिनों से निरसा पुलिस अनुमंडल क्षेत्र के विभिन्न थानों व ओपी क्षेत्र में अवैध कोयला खनन व चोरी शुरू हो गयी.
करीब 15-20 से अधिक फैक्ट्रियों में रात के अंधेरे में गोपनीय रूप से यह धंधा संगठित गिरोह द्वारा बदस्तूर जारी रखा गया है. सूत्रों के अनुसार, निरसा क्षेत्र की चापापुर आउटसोर्सिंग, कांटा वन स्थित अवैध खनन स्थल, राजा कोलियरी, हड़ियाजाम, बैजना, खुसरी, खुदिया, फटका, श्यामपुर पहाड़ी, हाथबाड़ी, आमडांगा, सोनबाद व रामकनाली के समीप अवैध खनन स्थल से कोयला रात के अंधेरे में साइकिल, स्कूटर, ट्रैक्टर के माध्यम से चिह्नित फैक्ट्री तक भेजा जाता है.
वहीं कालूबथान ओपी क्षेत्र में श्यामपुर बी, फटका, सांगामहल, थापरनगर, श्यामपुर पहाड़ी, चुड़ईनाला, साहेबडंगाल, दहीबाड़ी नया ओसीपी से अवैध कोयला का धंधा होता रहा है. बाघमारा पुलिस अनुमंडल के बरोरा, कतरास सहित कई इलाकों में कोयला चोरी हो रही है. झरिया के कई कोलियरी क्षेत्रों में बंद चानक से कोयला तस्करों द्वारा कोयले का अवैध खनन बेखौफ जारी है.
बीसीसीएल की विभिन्न बंद खदानों व आउटसोर्सिंग परियोजनाओं में कोयला काटने या कोयला चुनने के लिए अगल-अलग मुहल्लों से प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में लोग जाते हैं. अपनी क्षमता के अनुसार कोयला इकट्ठा कर बोरा में भरते हैं. उनसे स्थानीय कोयला तस्कर प्रति बोरा के हिसाब से कोयला खरीद लेते हैं. उसके बाद वाहनों पर लोडकर पश्चिम बंगाल या अवैध कोयला भट्ठों में भेज देते हैं. पूर्वी झरिया क्षेत्र के बंद थ्री पिट उत्खनन परियोजना व 17 नंबर खदान के समीप कोयला तस्करों द्वारा अवैध मुहाना से कोयला खनन किया जाता रहा है.