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झारखंड के इस गांधी पुस्तकालय के बहुरेंगे दिन ! पुस्तकप्रेमियों से कब लौटेगी रौनक

Jharkhand News, लातेहार न्यूज (आशीष टैगोर) : झारखंड के लातेहार शहर में अवस्थित गांधी पुस्तकालय के दिन बहुरने के आसार बढ़ गये हैं. उपायुक्त अबु इमरान के निर्देश पर ग्रामीण विकास विशेष प्रमंडल ने गांधी पुस्तकालय के भवन की मरम्मत के लिए निविदा प्रकाशित की है.

Jharkhand News, लातेहार न्यूज (आशीष टैगोर) : झारखंड के लातेहार शहर में अवस्थित गांधी पुस्तकालय के दिन बहुरने के आसार बढ़ गये हैं. उपायुक्त अबु इमरान के निर्देश पर ग्रामीण विकास विशेष प्रमंडल ने गांधी पुस्तकालय के भवन की मरम्मत के लिए निविदा प्रकाशित की है.

आपको बता दें कि गांधी पुस्तकालय भवन जर्जर रहने के कारण पुस्तकालय को धर्मपुर स्थित बहुदेश्यीय भवन में स्थानांतरित कर दिया गया था, लेकिन यह कई वर्षों से बंद पड़ा है. 60 के दशक में स्थानीय लोगों के सामूहिक प्रयास से गांधी पुस्तकालय की स्थापना की गयी थी. 10 वर्षों तक स्थानीय लोगों ने इसे आपस में चंदा एकत्रित कर इसका संचालन किया.

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70 के दशक में पलामू शिक्षा विभाग द्वारा इसका अधिग्रहण कर यहां पुस्तकों की आपूर्ति की जाने लगी. शिवशंकर प्रसाद को पुस्तकालय अधीक्षक बनाया गया. श्री प्रसाद काफी मुश्किलों में इस पुस्तकालय का संचालन करते थे. काफी अल्प वेतनमान पर पुस्तकालय का संचालन करना मुश्किल होता था. पुस्तकालय में बिजली नहीं थी. शाम में लालटेन की रोशनी में लोगों को पुस्तकें पढ़नी पड़ती थी.

पुस्तकालय में बैठने के लिए तीन टेबल व आठ से दस कुर्सियां थीं. पुस्तकों को रखने के लिए पर्याप्त रैक व अलमारी नहीं थे. बाद में पुस्तकालय अधीक्षक श्री प्रसाद सेवानिवृत्त हो गये. इसके बाद गायत्री देवी ने पुस्तकालय में केयर टेकर के रूप अपनी सेवा दी, लेकिन बहुत ही कम व अनियमित मानदेय पर गुजारा करना मुश्किल हो रहा था. बाद में उन्होंने पुस्तकालय चलाने में असमर्थता जाहिर कर दी.

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वर्ष 2011-12 में तत्कालीन उपायुक्त राहुल कुमार पुरवार ने इस पुस्तकालय का निरीक्षण किया. श्री पुरवार के निर्देश पर पुस्तकालय को शहर के धर्मपुर स्थित बहुदेश्यीय भवन की दूसरी मंजिल पर कर दिया गया. यहां पुस्तकालय को फर्नीचर उपलब्ध कराया गया और एक सरकारी शिक्षक को यहां केयर टेकर के रूप में प्रतिनियुक्त किया गया, लेकिन शहर से दूर वीरान में स्थित होने के कारण यहां पाठकों की तादाद बहुत ही कम थी. बाद में पाठकों की संख्या शून्य हो गयी. यहां प्रतिनियुक्त शिक्षक कई महीनों तक पुस्तकालय खोल कर पाठकों की बाट जोहते रहे. आखिरकार बाद में इसे बंद कर दिया गया.

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उपायुक्त अबु इमरान ने कहा कि शहर के गांधी पुस्तकालय को व्यवस्थित किया जायेगा. पहले इस पुस्तकालय के भवन को दुरूस्त कराया जायेगा. इसके बाद पुस्तकालय को अन्य संसाधन उपलब्ध कराये जायेंगे. उन्होने जिले के हर प्रखंड में पुस्तकालय खोलने की बात कही.

Posted By : Guru Swarup Mishra

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