Bollywood Celebs reacts on corona outbreak : महाराष्ट्र के कई शहरों में कोरोना संक्रमण एक बार फिर से पैर पसार रहा है. मुंबई के साथ महाराष्ट्र के कई इलाकों में COVID मामलों में इजाफ़ा हुआ है और जिसका नतीज़ा यह है की मुंबई समेत महाराष्ट्र के कई शहरों में हम एक बार फिर लॉकडाउन की स्थिति देख सकते हैं. रविवार को मुंबई के मेयर ने चेतावनी जारी की थी जिसमें मुंबई के नागरिकों को सख्ती से लॉकडाउन नियमों का पालन करने का निर्देश दिया गया था. अब इसपर बॉलीवुड का भी रिएक्शन सामने आया है.
जैकी श्रॉफ ने टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में कहा,’ मैं क्या कह सकता हूं? मेरी कौन सुनेगा? यदि लोग अपने जीवन को महत्व देते हैं, तो उन्हें मास्क पहनना बहुत जरुरी है. मैं जब भी बाहर जाता हूं या शूटिंग सेट पर होता हूं, मेरे फैंस कहते हैं कि मास्क हटा दीजिए सेल्फी के लिए और अगर मैं मना कर दूं तो वे मुझसे नाराज़ हो जाते हैं.
पूनम ढिल्लो ने कहा, हमारे आस पास के लोग अधिक सावधान हो सकते हैं, लेकिन इसके बजाय लोगों ने महसूस करना शुरू कर दिया है कि COVID पूरी तरह से खत्म हो गया है. फैंस मुझे अक्सर बोलते है की ‘आप इतना घबराती क्यों है’ कोरोना जा चुका है. हमें सतर्क रहने की जरूरत है. भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाना बंद करना ही सही रहेगा.
प्रतीक गांधी ने वेबसाइट से बातचीत में कहा, मैंने लोगों को सार्वजनिक जगहों पर बिना मास्क के देखा है और यह उन लोगों को और उनके आस पास के लोगों को नुकसान पहुंचाने का बहुत लापरवाह तरीका है. मुझे पता है सभी को किसी न किसी समय पर काम करना शुरू करना पड़ा होगा लेकिन हमें कोरोना के ‘नए सामान्य’ की बातों को समझना होगा और सावधानी बरतते हुए जीना सीखना होगा.
अहाना कुमरा ने कहा, दुनिया के हर कोने में गैर जिम्मेदाना हरकतें हो रही हैं. मैं बस मुंबई की बात नहीं कर सकता. इस शहर के लिए, लोगों के पास काम पर जाने के अलावा कोई विकल्प नहीं है. लोग 2020 को भूल गए है लगता हैं. मुझे अब लगता है की कोई और लॉकडाउन नहीं होगा. पहलज निहलानी ने कहा, मुझे तो लगता है की लोकल ट्रेनों की शुरुआत की वजह से यह कोरोना मामलो में बढ़ोतरी हो रही और यह एक मुख्य वजह है. मैं यह नहीं कह रहा हूं कि आम लोगों को फिर काम पे में नहीं जाना चाहिए था,पर आप केवल कुछ लोगों को ही बाहर नहीं ला सकते है जैसे की मुंबई और कई जगह हो रहा है. ट्रेन की कमी अगली ट्रेन का इंतेज़ार कर रहे लोगों की संख्या को बढ़ाती है और फिर प्रत्येक डिब्बे में ज्यादा लोगों का मतलब है संक्रमण बढ़ना.
सुमीत व्यास ने टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में कहा, हमारे देश के लोगों ने अब कोरोना को आम चीज़ों की तरह लेना शुरू कर दिया है. 150-200 लोगों के साथ मिल कर पार्टी करने की क्या जरूरत है? सबसे ज्यादा तो बुरा तब लगता है जब लोगों को कोरोना के हल्के लक्षण दिखते हैं जैसे कि बुखार और फ्लू जैसे लक्षण होते हैं और वो बिना कोरोना जांच कराए बाहर निकल जाते हैं और फिर वह दूसरो के जीवन को खतरे में डालते हैं.

