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अयोध्या और राम जन्मभूमि पर आधारित पुस्तक ‘अयोध्या दर्शन’ की बढ़ी मांग, जानें प्रकाशक के मन की बात

गोरखपुर का गीताप्रेस सनातन धर्म के साहित्य से जुड़ी पुस्तकों को जन-जन तक पहुंचाने में बरसों से लगा हुआ है. वहीं, गीताप्रेस राम जन्मभूमि पर आधारित एक पुस्तक अयोध्या दर्शन का प्रकाशन कर चुका है जबकि दूसरी पुस्तक अयोध्या माहात्म्य अभी प्रकाशित होना बाकी है. अयोध्या दर्शन पुस्तक 128 पृष्ठ की है.

Gorakhpur News: गीताप्रेस ने अयोध्या और राम जन्मभूमि पर आधारित पुस्तकों को प्रकाशित किया है. इसमें एक पुस्तक अयोध्या दर्शन है, जो गीताप्रेस से प्रकाशित हो चुकी है. दूसरी पुस्तक अयोध्या माहात्म्य जो अभी प्रकाशित होगी. इसमें अयोध्या के धार्मिक महत्व को बताने वाला श्लोक व उसका अनुवाद है. दूसरी पुस्तक में अयोध्या मंदिर उसके इतिहास और राम जन्मभूमि संघर्ष की जानकारी है.

किताब के बारे में काम की बात

गोरखपुर का गीताप्रेस सनातन धर्म के साहित्य से जुड़ी पुस्तकों को जन-जन तक पहुंचाने में बरसों से लगा हुआ है. वहीं, गीताप्रेस राम जन्मभूमि पर आधारित एक पुस्तक अयोध्या दर्शन का प्रकाशन कर चुका है जबकि दूसरी पुस्तक अयोध्या माहात्म्य अभी प्रकाशित होना बाकी है. अयोध्या दर्शन के नाम से प्रकाशित पुस्तक 128 पृष्ठ की है. इसमें श्रीराम जन्मभूमि के बारे में अयोध्या का संक्षिप्त इतिहास, पंचकोसी परिक्रमा, अयोध्या में मुक्ति, त्याग के बारे में जानकारी दी हुई है. इस पुस्तक में श्रीराम जन्मभूमि के लिए किए गए संघर्ष के बारे में भी बताया गया है.

किताब बाजार में लाने में क्यों हुई देरी? 

‘प्रभात खबर’ से बात करते हुए गीताप्रेस के प्रबंधक लालमणि तिवारी ने बताया कि अयोध्या दर्शन पुस्तक और अयोध्या महात्मय यह दो पुस्तकों को प्रकाशित करने की योजना बनी थी अयोध्या दर्शन जो प्रकाशित हो चुकी है, एक संस्करण 10000 का समाप्त हो चुका है और दूसरा संस्करण भी हम लोगों ने छाप लिया है, लेकिन अयोध्या माहात्म्य पुस्तक का प्रकाशन अभी रूका हुआ है. वह इसलिए रुका है क्योंकि गीता प्रेस के संपादक जिनके दिशा निर्देशन में प्रकाशन का कार्य चल रहा था, उनका निधन हो गया है. इस कारण उसका प्रकाशन अभी रुक गया है लेकिन जल्द ही उसका प्रकाशन होगा. अयोध्या दर्शन की मांग काफी अच्छी रही है. इसकी मांग अयोध्या में ही नहीं जो हमारे और कई ब्रांच हैं उन सब जगहों पर इसकी मांग रही है.

…तो किताब के बारे में ऐसे जाने महामहिम

लालमणि तिवारी ने बताया कि एक महत्वपूर्ण जानकारी आपको हम यह देना चाहते हैं कि जब राष्ट्रपति गोरखपुर में आए थे. इसके पहले भी लखनऊ और अयोध्या भी गए थे. एक दिन हमारे पास फोन आया राजभवन से कि हमें अयोध्या दर्शन पुस्तक चाहिए. महामहिम के लिए जो पुस्तक उन तक पहुंचा दी गई. जब राष्ट्रपति गोरखपुर में हैं तो हमारी मुलाकात उनसे हुई तो मैंने यह चर्चा की कि अयोध्या दर्शन पुस्तक आप मंगवाकर पढ़ें. यह जानकारी आपको कैसे हुई कि गीताप्रेस ने अयोध्या दर्शन पुस्तक प्रकाशित की है तब उन्होंने कहा कि आपके यहां से प्रकाशित कल्याण मासिक पत्र मैं नियमित पढ़ता हूं. नियमित पढ़ने की वजह से मुझे उसमें विज्ञापन दिखा, जिसके बाद मैंने इस पुस्तक को मंगाकर पढ़ा. उन्होंने बताया कि अयोध्या दर्शन पुस्तक में उसमें अयोध्या का प्रमाणिक इतिहास अयोध्या के मंदिरों के विषय में है. अयोध्या के मंदिरों में होने वाले भारतीयों के विषय में है. अयोध्या दर्शन में बहुत सारी सामग्रियां हैं जो हम लोगों ने छापा है.

रिपोर्ट : कुमार प्रदीप

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