10.3 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

बालू का अवैध खनन : बराकर से माफिया लूट रहे ‘सोना’

नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) की रोक के बावजूद बराकर नदी के बेजड़ा घाट से बड़े पैमाने पर बालू की लूट हो रही है. नदी का जलस्तर घट जाने का लाभ उठाते हुए खनन माफिया दिन-रात रेत यानी बालू की खुदाई में लगे हैं.

पूर्वी टुंडी : नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) की रोक के बावजूद बराकर नदी के बेजड़ा घाट से बड़े पैमाने पर बालू की लूट हो रही है. नदी का जलस्तर घट जाने का लाभ उठाते हुए खनन माफिया दिन-रात रेत यानी बालू की खुदाई में लगे हैं. खनन के साथ-साथ बिना चालान के सैकड़ों ट्रैक्टर और ट्रकों से बालू ढोया जा रहा है. जानकार बताते हैं कि क्षेत्रीय थानों की मिलीभगत से खनन से लेकर बालू ढुलाई तक की अवैध गतिविधि चल रही है. इससे सरकार को लाखों के राजस्व का नुकसान हो रहा है.

याद रहे कि एनजीटी ने नौ जून से 15 अक्तूबर तक नदी घाटों से बालू उठाव पर रोक लगा दी है. बावजूद बालू माफिया और ट्रक-ट्रैक्टर मालिक ‘सोने’ की इस काली कमाई में जोर-शोर से जुटे हैं. बेजड़ा पुल की दोनों ओर बालू घाटों पर सुबह से ही सैकड़ों मजदूर बालू खनन करते नजर आ जायेंगे. बालू माफियाओं की करतूत के चलते जामताड़ा को जोड़ने वाला बेजड़ा पुल का पाया यानी निचला हिस्सा नजर आने लगा है. यह एक दिन की बात नहीं, बल्कि रोज की कहानी है.

  • बेजड़ा घाट पर बड़े पैमाने पर हो रहा बालू का अवैध खनन

  • नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की रोक के बाद भी नहीं मान रहे रेत माफिया

  • नदी का जलस्तर घटने का उठा रहे लाभ

  • खनन के चलते नजर आने लगा है पुल का निचला हिस्सा

नदी के बीचों-बीच नाव से बालू खनन कर किनारे लाया जाता है. वहां से जेसीबी से उठाकर ट्रकों और ट्रैक्टर अथवा 407 पर लादा जाता है. यह बालू बिना चालान के धनबाद शहर और आसपास के जिलों में भेज दिया जाता है. गोविंदपुर-साहेबगंज सड़क पर खड़ी बालू लदी गाड़ियों को देखकर अंदाजा लगा सकते हैं कि किस कदर अवैध खनन हो रहा है. इस मार्ग पर पूर्वी टुंडी पुलिस की गिद्ध दृष्टि रहती है. बालू लदे वाहनों को देखकर पुलिसवालों की आंखें चमक उठती हैं.

वाहनों के हिसाब से तय है कीमत

धंधे से जुड़े लोग बताते हैं कि प्रति ट्रक या हाइवा 500 रुपया और ट्रैक्टर या 407 से 100 से 200 रुपये तक पुलिस नजराना वसूलती है. यह रकम हर दिन पांच अंकों में पहुंच जाती है. साहेबगंज सड़क पर वाहन चेकिंग के नाम पर बालू गाड़ियों से हर रोज अच्छी-खासी रकम की उगाही की जा रही है. सोगेडीह यात्री शेड के पास बने चेकपोस्ट पर बालू गाड़ियों को रोककर वसूली की जा रही है. वहीं रात के अंधेरे में गश्ती दल वसूली में लगा रहता है.

सरकारी दर के हिसाब से स्टॉक से बालू उठाव पर 100 सीएफटी बालू के लिए 400 रुपये चालान की दर तय है. लोडिंग व अन्य खर्च मिलाकर 1000-1200 में बालू मिलता था, लेकिन अभी यही बालू लगभग साढ़े तीन हजार में मिल रहा है. वह भी बिना चालान के. बालू की मनमानी कीमत के कारण सबसे ज्यादा परेशानी पीएम आवास बनाने वाले लाभुकों को उठाना पड़ रहा है.

विभाग के लोग बन जाते हैं मुखबिर

बीते 20 मई को बेजड़ा घाट पर खनन पदाधिकारी अजीत कुमार, निशांत अभिषेक, निरसा एसडीपीओ विजय कुशवाहा, टुंडी डीएसपी हिमांशु चंद्र मांझी, निवर्तमान टुंडी इंस्पेक्टर बिनोद उरांव, पूर्वी टुंडी थानेदार कमलनाथ मुंडा तथा वन विभाग की टीम ने संयुक्त रूप से छापेमारी की थी, लेकिन एक भी धंधेबाज पकड़ में नहीं आया. टीम ने खनन में लगी आठ नावों को जेसीबी से तोड़ दिया था. सूत्रों की मानें तो बालू घाट पर छापेमारी की बात प्रशासन की तरफ से ही लीक हो जाती है. इस कारण बालू माफिया आज तक गिरफ्त में नहीं आये.

बालू गाड़ियों से पैसे की वसूली की जानकारी मुझे नहीं है. न ही इस पैसे से मुझे कोई मतलब है. अब गश्त के दौरान मैं हर समय खड़ा नहीं रह सकता. अगर ऐसा हो रहा है तो यह गलत है.

कमलनाथ मुंडा, थाना प्रभारी

Posted by : Pritish Sahay

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें