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सूखा राहत राशि लेने के लाइन में गढ़वा के किसान, पर पैक्स संचालक चाहते हैं धान क्रय केंद्र खुले

गढ़वा के पैक्स संचालक जहां सुखाड़ के बावजूद धान क्रय केंद्र खोलना और खरीदना चाहते हैं, वहीं जिले के किसान सुखाड़ राहत योजना के लिए हर दिन प्रज्ञा केंद्र पहुंचकर सुखाड़ राहत के लिए अपना रजिस्ट्रेशन और KYC करा रहे हैं. वे चाहते हैं कि उन्हें सूखा राहतवाली राशि मिले.

Jharkhand News: गढ़वा जिले में बारिश नहीं होने की वजह से इस साल सुखाड़ वाली स्थिति रही. इस वजह से खरीफ फसल जिसमें मुख्य रूप से धान शामिल है का नुकसान किसानों को झेलना पड़ा है. लेकिन, दूसरी ओर गढ़वा के पैक्स संचालक चाहते हैं कि जिले में धान क्रय केंद्र खुले और न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान खरीदा जाए. सहकारिता विभाग की ओर से पैक्सों से धान क्रय केंद्र पर विभिन्न अन्य रिपोर्टों के साथ धान क्रय केंद्र से संबंधित मंतव्य मांगा था.

15 पैक्सों ने सहकारिता विभाग को भेजा प्रस्ताव

अब तक जिले के 15 सक्रिय पैक्सों ने सहकारिता विभाग को प्रस्ताव भेजकर कहा है कि उनको धान क्रय केंद्र खोलने की अनुमति दी जाए. इसमें बरडीहा प्रखंड के बरडीहा एवं सलगा, चिनियां प्रखंड के डोल, मेराल प्रखंड के गेरूआ एवं विकताम, भंडरिया प्रखंड के करचाली, डंडई प्रखंड के सोनेहारा, मझिआंव प्रखंड के खरसोता और रामपुर, कांडी प्रखंड के गाड़ा खुर्द और पतिला, नगरउंटारी प्रखंड के पीपरडीह, धुरकी प्रखंड के धुरकी, भवनाथपुर प्रखंड के सिंदूरिया पैक्स  तथा खरौंधी प्रखंड के सिसरी पैक्स संचालक की ओर से धान क्रय करने का प्रस्ताव भेजा गया है.

55 हजार हेक्टेयर में मात्र आठ प्रतिशत ही धान की हुई रोपाई

कृषि विभाग के आंकड़ों के अनुसार, 55 हजार हेक्टेयर में धान का आच्छादन (रोपाई) किया जाता है. इसमें से इस साल मात्र आठ प्रतिशत ही धान का आच्छादन बताया गया है. जिले में अभी सांख्यिकी विभाग की ओर से क्रॉप कटिंग नहीं की गयी है. इस वजह से यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि उत्पादन कितना हुआ है. पैक्स संचालक जहां सुखाड़ के बावजूद धान क्रय केंद्र खोलना खरीदना चाहते हैं, वहीं दूसरी ओर से जिले के किसान सुखाड़ राहत योजना के लिए हर दिन प्रज्ञा केंद्र पहुंचकर सुखाड़ राहत के लिए अपना रजिस्ट्रेशन और KYC करा रहे हैं. वे चाहते हैं कि उन्हें सूखा राहतवाली राशि मिले.

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धान की हेरफेर को मिलेगा बढ़ावा

ऐसे में पैक्स संचालकों का प्रस्ताव लोगों के गले नहीं उतर रहा है कि आखिर धान क्रय केंद्र खुल भी गया, तो धान केंद्र तक आयेगा कहां से, क्योंकि किसानों के खेत तो खरीफ मौसम में खाली ही रहे हैं. जानकार बताते हैं कि यदि सुखाड़ के बावजूद यहां धान क्रय केंद्र खुला, तो यह धान की हेरफेर को बढ़ावा देगा.

रिपोर्ट : पीयूष तिवारी, गढ़वा.

Samir Ranjan
Samir Ranjan
Senior Journalist with more than 20 years of reporting and desk work experience in print, tv and digital media

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